सरकारी स्कूल की हजारों वर्गफीट जमीन पर पूर्व एसडीओ का कब्ज़ा
- अभनपुर में लोक निर्माण विभाग के पूर्व एसडीओ का काला कारनामा
- नगर पंचायत ने कब्जा भी हटवाया, लेकिन राजनीतिक पहुंच के चलते कब्ज़ा बरकरार रहा
- स्थानीय लोगों को पीडब्ल्यूडी का ठेका नहीं देकर बाहरी लोगों को ठेका दिया
- ट्रांसफर होने के बाद भी नहीं दी ज्वाइनिंग, उच्चाधिकारी मौन
- पूर्व एसडीओ के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच होना चाहिए
- चढ़ावा के पैसों को चलवा रहे हैं ब्याज पर
- एसडीओ ने पीडब्ल्यूडी में निर्माण और मेंटनेंस का ठेका अपने करीबियों को दिया
- मंदिर बनाने के नाम पर अवैध रूप से बनाया दुकान
- शिकायतों के बाद भी तहसीलदार,नगर पंचायत, संबंधित विभाग की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। अभनपुर लोक निर्माण विभाग के पूर्व एसडीओ के कारनामों ने पूरे विभाग को कलंकित करने के बाद भी स्थानीय विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने भ्रष्ट एसडीओ को महिमामंडित कर सम्मानित करने पर तुले हुए है। तीन माह पहले अभनपुर से ट्रांसफर होने के बाद भी अभनपुर वापसी के लिए सोर्स पर सोर्स लगवा रहे है। मजेदार बात यह है कि एसडीओ की वापसी के लिए विधायक ने सब कुछ जानते हुए भी अनुशंसा पत्र विभागीय मंत्री को लिखा है। 31 साल अभनपुर को चारागाह की तरह चरने वाले एसडीओ ने अपनी राजनीतिक पहुंच और स्थानीय छुटभैया नेताओं को अपने भ्रष्टाचार साझीदार बना कर पीडब्ल्यू डी के पेंच वर्क और सरकारी कार्यालयों के मेंटनेंस के काम का ठेका देकर उपकृत कर 31 सालों से सिंडिकेट चला रहे है। इन्हीं लोगों के साथ मिलकर स्कूल की जमीन पर अवैध कब्जा कर धार्मिक संस्थान के साथ व्यवसायिक काम्प्लेक्स तान कर कमाई का नया रास्ता निकाल लिया है । उन पैसों को प्राइवेट फाइनेंस कंपनी बनाकर मार्केट में ब्याज चलाया जा रहा है। जिसमें ट्रस्टी सहित एसडीओ के सिडिकेट के सदस्य उपकृत हो रहे है। पूर्व एसडीओ धार्मिक संस्थान का ट्रस्टी कैसे बना इसकी रोचक कथा गांव वाले सुनाते है। अभनपुर लोक निर्माण विभाग का जहां पर तीन माह पूर्व स्थानांतरित हुए एसडीओ का है जिनका ट्रांसफर होने के बावजूद अभी तक ज्वाइनिंग नहीं दिया है। वापसी के लिए मंत्रियों के बंगले और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों बताया कि उक्त अधिकारी विगत 30-35 वर्षो से अभनपुर अनुविभाग में जमे हुए थे। बताया जाता है की उच्च अधिकारियो का संरक्षण होने के कारण वे कार्य पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं। लोगो ने यह भी बताया की उक्त अधिकारी शुरू से ही विवादित एवं विभाग के निर्माण कार्य में लगातार आर्थिक अनियमितता के साथ भ्रस्टाचार में संलिप्त रहते हैं। उनके बारे में एक विपक्षी नेता और ग्रामीणों ने लिखित रूप से शिकायत कर बताया की अभनपुए बस स्टैंड के पास शासकीय प्रायमरी स्कूल के जमींन पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर सामने धार्मिक संस्था और पीछे के हिस्से में व्यावसायिक काम्प्लेक्स का निर्माण करवाया गया है जिसे अपने परिजनों को रीवा मध्यप्रदेश से लेकर उक्त निर्मित दुकानों की जिम्मेदारी देकर स्थापित भी कर दिया गया है।
नगर पंचायत के एक जिम्मेदार अधिकारी ने बताया की लगभग 40 कोटवारों को ले जाकर स्कूल की जमींन को खली करवाया गया था लेकिन अपने राजनीतिक पहुँच के दम पर फिर से कब्ज़ा कर अवैध रूप से दुकाने बना कर किराये पर चला रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी खामोश बैठे हुए हैं। बल्कि उनको अभनपुर में ही यथावत रखा जाने हेतु मुख्यमंत्री कार्यालय को अनुशंसा पत्र भी भेज रहे हैं जबकि शासन के निर्देशानुसार एक ही स्थान पर ाकि वर्षो से जमे रहने वाले अधिकारी कर्मचारी को ट्रांसफर करने की नीति के चलते उन्हें रायपुर मुख्यालय ट्रांसफर किया गया था। अभनपुर बाजार के बेशकीमती शासकीय जमीन पर लोक निर्माण विभाग के पूर्व एसडीओ द्वारा शाला की जमीन पर अवैध रूप से धार्मिक न्यास बनवाकर किराये पर चला रहे हैं। उक्त अधिकारी द्वारा ट्रस्ट बनाकर खुद मुख्य ट्रस्टी बने हुए हैं। जानकार लोगों ने बताया कि उक्त अधिकारी द्वारा चढ़ावे के पैसे को ब्याज पर चलाकर उन पैसों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नेताओं को चढ़ावा देकर अपने पक्ष में करने में सफल हो गए हैं। जनप्रतिनिधि उनकी ही भाषा बोल रहे हैं। जनप्रतिनिधि एवं अन्य उच्च अधिकारी को धर्मपरायणता का उपदेश देकर चुप करा दिया जाता है। अभनपुर रेस्ट हॉउस के आगे बने प्रायमरी स्कूल की जमीन पर बने धार्मिक न्यास के पीछे की कहानी अब लोगो के समझ में आने पर शिकायत कर रहे हैं।
400 वर्ग फिट का जमींन आबंटन कब्ज़ा हजारों वर्ग फिट पर
नगर पंचायत के एक अधिकारी ने बताया की धार्मिक संस्था बनाने हेतु ट्रस्ट को 400 वर्ग फिट की जमींन का अलॉटमेंट हुआ था लेकिन आज हजारो वर्ग फिट शासकीय जमींन पर कब्ज़ा कर लिया गया है तथा दुकाने बनाकर किराए पर दे दिया है। जिसके कारण इंग्लिश मिडियम स्कूल के लिए अतिरिक्त कक्ष का निर्माण नहीं हो पा रहा है। पूर्व एसडीओ ने कूटरचना कर जमीन को कब्जा कर लिया है, जबकि उक्त जमीन सरकारी स्कूल का हिस्सा है और स्कूल के विस्तार के लिए आरक्षित है। अब अतिरिक्त कक्ष का निर्माण पूर्व एसडीओ के तथाकथित व्यवसायिक काम्प्लेक्स के कारण स्कूल का विस्तार रूक गया है। पूर्व एसडीओ ने मंदिर का चढ़ावा और दुकान से होने वाली कमाई को विधायक और नेताओं में बंदरबांट किया है, जिसके कारण स्थानीय नेता और विधायक इस मामले में कुछ बोल नहीं रहे हैं।
छत्तीसगढिय़ों को रोजगार नहीं और मध्यप्रदेश के लोग रोजगार हासिल कर रहे
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि अपने परिवार वालो को रीवा मध्यप्रदेश से लाकर बिना उच्च अधिकारियों की अनुमति के कुशल मजदूर के अंतर्गत मस्टर रोल में भर्ती करके उसके नाम से लोक निर्माण परिसर अभनपुर में शासकीय क्वार्टर भी अलॉट करवा दिया है ताकि वह रेगुलर कर्मचारी बन सके। एक ओर जहाँ छत्तीसगढ़ के मूल निवासी रोजगार की समस्या से जूझ रहे हैं और मुख्यमंत्री के मंशानुसार अधिक से अधिक छत्तीसगढिय़ों को रोजगार उपलब्ध करना चाह रहे हैं दूसरी ओर मध्यप्रदेश निवासी को रोजगार मिल रहा है।
अकूत चल-अचल संपत्ति के मालिक बन बैठे
अभनपुर के लोगो ने अपने शिकती पत्र में यह भी बताया कि उन्होंने अपने पुत्र वधु के नाम से नायकबांधा अभनपुर तथा छछानपैरी तहसील अभनपुर में कई एकड़ बेशकीमती जमींन क्रय किया गया है जिसकी अनुमति विभाग से नहीं लेने की जानकारी है।
इस सम्बन्ध में प्रमुख अभियंता श्री भतपहरी से भी मोबाइल पर बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
जमींन पर कब्जे की बात गलत है, मैंने कहीं भी जमींन पर कब्ज़ा नहीं किया है। रही बात ड्यूटी ज्वाइन करने की तो में अभी छुट्टी पर हूँ, छुट्टी ख़त्म होने के उपरांत ड्यूटी ज्वाइन कर लूंगा।
- आर एस चौरसिया
पूर्व एसडीओ, लोनिवि अभनपुर
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