छत्तीसगढ़

शराब घोटाले मामलें में पूर्व IAS विवेक ढांड का नाम आया सामने

Shantanu Roy
16 Jan 2025 3:43 PM GMT
शराब घोटाले मामलें में पूर्व IAS विवेक ढांड का नाम आया सामने
x
कवासी लखमा गिरफ्तार, ED ने किया बड़ा खुलासा
Raipur. रायपुर। छत्तीसगढ़ के अरबों रुपए के शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक ढांड का नाम भी जुड़ गया है. ईडी ने विवेक ढांड को पूरे घोटाले का सरगना बताया है, जिसके निर्देशन में घोटाले के अहम किरदार अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी काम कर रहे थे. यही नहीं विवेक ढांड को इस घोटाले ने हिस्सेदारी भी मिलना बताया गया है.बता दें कि ईडी ने एक दिन पहले ही पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को रिमांड पर लिया है. इसके साथ ही ईडी ने अपने दस्तावेजों में पूरे घोटाले का खाका खींचा है, जिसमें
बताया
गया कि किस तरह से पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक ढांड के निर्देशन में अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी ने फरवरी 2019 से लेकर जून 2022 के बीच 2 हजार 161 करोड़ की अवैध कमाई की. किस तरह से ये लोग शराब कंपनियों से शराब का अवैध उत्पादन करवाकर उसकी सप्लाई का सिंडिकेट चलाते थे, और बदले में कंपनियों से इन्हें कमीशन मिलता था. इस पूरे घोटाले का ताना बाना बुनने से लेकर अंजाम देने तक पूरा ब्योरा FIR
में दिया गया है.
कवासी लखमा दूसरे दिन भी अपने चिर परिचित अंदाज़ में ED अधिकारी को परेशान कर रखा और यहां वहां की बात कर अपने बयानों को भूलते रहे और बार बार एक ही बात कवासी लखमा द्वारा बतायी जा रही है। उन्होने कहा कि मुझे फँसा कर अधिकारीगण मज़े ले गए कुछ बड़े अधिकारी ढेबर और सिंडीकेट दलाल तथा भूपेश की वजह से ही मैं परेशान हो रहा हूँ।
मुझे बेवजह परेशान करके फँसाया जा रहा है। शीघ्र ही लखमा सच्चाई बयान करेंगे। अधिकारियों को यह भी उम्मीद है कि एक दो दिन में कवासी लखमा सच्चाई के साथ सभी नेताओं का भंडाफोड़ करेंगे और जाँच में सहयोग की उम्मीद उच्च स्तरीय अधिकारियों को है। कवासी लखमा के बारे में ये चर्चा का विषय है कि वे अकेले सजा भुगतने को तैयार नहीं है वे चाहते हैं कि अगर मैं बेवजह फँस रहा हूँ जिसके लिए फँस रहा हूँ जिस कारण से फँस रहा हूँ उसको भी सजा का पात्र बनाया जाए और वो भी इस प्रकरण में बराबर का अपराधी बने इसी के आधार पर कवासी लखमा ने भी कई बार पत्रकारों से ये अपने दिल की बात ख़ुलासा की थी। आगे यह भी कहते हैं कि वे सरकार के मालिक नहीं थे सरकार में भागीदारी एक मंत्री थे।







ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान साल 2019 से 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लिकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती थी, जिसके चलते छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था. उस दौरान शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम भी लगाया जाता था, ताकि वह किसी की पकड़ में न आ सके. इस होलोग्राम को बनाने के लिए घोटाले में संलिप्त लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राफी का काम करने वाली PHSE (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी को टेंडर दिया था.
ईडी ने अपनी जांच के बाद यह बताया है कि यह कंपनी होलोग्राम बनाने के लिए पात्र नहीं थी, फिर भी नियमों में संशोधन करके यह टेंडर उसी कंपनी को दे दिया गया था. ईडी के टेंडर दिलाने के एवज में कंपनी के मालिक से भारी कमीशन लिया गया था. यह जानकारी सामने आने के बाद जब कंपनी के मालिक विधु गुप्ता को ईडी ने गिरफ्तार किया तो उसने कांग्रेस सरकार में CSMCL में एमडी अरुणपति त्रिपाठी, बिजनेसमैन अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा का नाम लिया. ED ने जब इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो मामले में और भी खुलासे होने लगे. इसके बाद साल 2024 के अंत में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम सामने आया. सूत्रों के मुताबिक, ED की जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी (प्रोसीड ऑफ क्राइम) से हर महीने कमीशन मिलाता था.
Next Story