जसेरि रिपोर्टर। पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि देश में जारी किसान आंदोलन को अब खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि विरोध प्रदर्शन को खत्म करें। लोकतंत्र में हमेशा आंदोलन की राह खुली होती है। जब कानून लागू हो और किसानों को लगे कि उन्हें फायदा नहीं मिल रहा तब वो फिर आंदोलन कर सकते हैं उनका यह अधिकार है। मगर यह कानून किसानों के हितों की रक्षा करने वाला कानून है। श्री अग्रवाल रायपुर स्थित भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मीडिया में दिखाया जा रहा है कि आंदोलन किसानों का है। मगर इसके पीछे वो लोग हैं जो देश में अराजकता पैदा करना चाहते हैं। अरबन नक्सल सुधा राव, वरावर राव, टुकड़े-टुकड़े गैंग के उमर खालिद जैसे लोगों के पोस्टर लेकर लोग वहां बैठे हैं। यह किस बात की ओर इशारा करता है यह समझना होगा। सरकार किसानों से बात कर चुकी है। उन्हें आश्वस्त कर चुकी है फिर भी किसानों का आंदोलन जानबूझकर जारी रखा गया है। प्रदेश की सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना चला रही है। इसे बृजमोहन अग्रवाल ने अन्याय योजना कहा है। उन्होंने बताया कि किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल देने का वादा सरकार ने किया मगर किश्तों में मामला अटक गया। कानून आया तो सरकार के खिलाफ किसान कोर्ट में जा सकता है इसी डर से नए कृषि कानून का विरोध हो रहा है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में कई किसान खुदकुशी कर चुके हैं। इन पर सरकार लांछन लगा रही है। कभी कह देती है कि किसी का पत्नी के साथ विवाद था तो कभी किसी की मानसिक हालत पर कुछ कह देती है। यह प्रदेश के सभी किसानों का अपमान है। इस सरकार को केंद्र सरकार के नीतियों का विरोध करना छोड़ यहां की व्यवस्था को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
किसानों को नक्सली बताने वाले माफी मांगे : शैलेष
किसान आंदोलन में जेल में बंद राजनीतिक कार्यकर्ताओं के पोस्टर लहराए जाने ने भाजपा को मौका दे दिया है। इसको लेकर छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के बीच तकरार बढ़ गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सोमवार को एक प्रेसवार्ता में सवाल उठाया, किसान आंदोलन में अर्बन नक्सली और नक्सलवादियों के पोस्टर क्यों लहराए गए। उन्होंने आरोप लगाया, इस आंदोलन के पीछे वो लोग हैं जो देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। भाजपा नेता के इस बयान पर कांग्रेस भड़क उठी है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख और पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, अन्नदाता को नक्सली कहने के लिए भाजपा नेता माफी मांगें। शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का दाम 1800 रुपया प्रति क्विंटल नहीं, 2500 रुपया प्रति क्विंटल मिल रहा है। उन्होंने कहा, बिहार के किसान 400-500 रुपए में धान बेचने को मजबूर हैं। वहां तो भाजपा सरकार में है तो क्या बृजमोहन अग्रवाल उसे न्याय कहते हैं? त्रिवेदी ने कहा, किसानों को धान के लिए प्रति क्विंटल 2500 रुपया देने की योजना को अन्याय कहने वाले बृजमोहन अग्रवाल बताएं कि 5 साल तक 300 रुपया बोनस और 2100 रुपया समर्थन मूल्य देने की बात कहकर किसानों को 2100 और 300 नहीं देना कौन सा न्याय था? उन्होंने कहा, बृजमोहन अग्रवाल, पांच हार्सपावर पंपों की मुफ्त बिजली देने की बात कर मुकरने वाली सरकार में मंत्री रहे हैं। एक-एक दाना धान की खरीद का वादा करके भाजपा सरकार ने ही तो प्रति एकड़ केवल 10 क्विंटल धान लेने का आदेश जारी किया था। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा ,छत्तीसगढ़ और देश में किसानों को हो रही हरेक परेशानी के लिये भाजपा ही जिम्मेदार है। पहले मोदी सरकार से कहकर छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बने चावल सेन्ट्रल पूल में उपार्जन में बाधा डाली गयी। कांग्रेस सरकार ने अपने बलबूते पर धान की खरीद आरंभ की।
इससे बौखलाकर किसानों को भड़काने और धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था फैलाने में भाजपा और रमन सिंह जैसे किसान विरोधी नेता लगे रहे। इस साल बारदाना खरीदी में केन्द्र सरकार द्वारा डाली गयी। इस कृत्य के लिये छत्तीसगढ़ में किसान कभी भाजपा को माफ नहीं करेगा।
आम उपभोक्ता के पेट में लात मारने लाया है कानून
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, किसानों को अर्बन नक्सली कहने वाले बृजमोहन अग्रवाल खेती की इतनी समझ भी नहीं रखते हैं कि किसान अर्बन इलाकों में नहीं गांवों में रहते हैं। बृजमोहन अग्रवाल की पार्टी भाजपा द्वारा लाये गये तीनों कानून किसानों और आम उपभोक्ता के पेट में लात मारने के लिये लाये गये हैं।