छत्तीसगढ़

नए जिलों के गठन से आम आदमी के लिए आसान हो जाएगी सरकार तक पहुंच

Bhumika Sahu
17 Aug 2021 4:35 AM GMT
नए जिलों के गठन से आम आदमी के लिए आसान हो जाएगी सरकार तक पहुंच
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प्रशासनिक इकाइयों के विकेंद्रीकरण के वादे को पूरा कर रही सरकार: भूपेश

रायपुर (जसेरि)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आम जनता की सहूलियत के लिए प्रशासनिक इकाइयों के विकेंद्रीकरण के अपने वादे को आगे बढ़ाते हुए चार नए जिलों के गठन की घोषणा की है। प्रशासनिक इकाइयों के विकेंद्रीकरण से आम आदमी की सरकार तक पहुंच आसान हो जाएगी। इससे लोगों के समय, श्रम और धन की बचत होगी। नए जिलों के बनने से प्रशासनिक कामकाज में कसावट आएगी और लोगों के शासकीय कामकाज सहजता से होंगे। सुदूर अंचल के लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोडऩे और उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने में आसानी होगी। नए जिलों के बनने से इन इलाकों में विकास की नई श्रृंखला शुरू होगी।

जिला मुख्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से निर्माण और सभी जिला स्तरीय कार्यालयों की स्थापना से लोगों को शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ सहजता से मिलने लगेगा। शासकीय कामकाज की मानिटरिंग में सुविधा होती है। चारों नए जिलों का गठन वास्तव में संबंधित क्षेत्र की जनता को बहुत बड़ी सौगात है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ नया जिला बनने से सारंगढ़ क्षेत्र की जनता को अब अपने कामकाज के लिए रायगढ़ और बिलाईगढ़, सरसींवा क्षेत्र के लोगों को बलौदाबाजार नहीं जाना पड़ेगा। सारंगढ़ की दूरी रायगढ़ से लगभग 55 किलोमीटर और बिलाईगढ़, सरसींवा अंचल की दूरी बलौदाबाजार से तकरीबन 75-80 किलोमीटर है। बिलाईगढ़ और सरसींवा अंचल के आखरी छोर के गांव की जिला मुख्यालय से दूरी 100-125 किलोमीटर है। इन इलाकों के लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचना बेहद मुश्किल होने के साथ ही खर्चीला और समय की बरबादी होती है।
इसी तरह मोहला-मानपुर-चौकी की दूरी जिला मुख्यालय राजनांदगांव से 100 किलोमीटर है। मानपुर का औंधी अंचल राजनांदगांव से 125 किलोमीटर दूर है। इस अंचल के लोगों को मानपुर-मोहला-चौकी जिला बन जाने से प्रशासनिक कामकाज के लिए अब राजनांदगांव जाने की जरूरत नहीं होगी। कमोबेश इसी तरह की सुविधाएं सक्ती अंचल और मनेंद्रगढ़ इलाके के लोगों को मिलेंगी। नए जिले के गठन से स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं और सुदृढ़ होंगी।
मुख्यमंत्री का आरोप महिला प्रताडऩा भाजपा की संस्कृति
ओबीसी आरक्षण विधेयक पर सदन में हो रही बहस के बीच महिला सांसदों फूलोदेवी नेताम और छाया वर्मा के साथ हुए दुव्र्यवहार को लेकर राजनीति तेज हो गई है। सांसद सुनील सोनी और भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने महिला सांसदों पर आरोप लगाए तो सीएम भूपेश बघेल ने उन पर पलटवार किया है। सीएम बघेल ने कहा है कि सांसद और प्रदेश अध्यक्ष जैसे पदों पर बैठे नेताओं का महिला सांसदों पर इस तरह का आरोप लगाना अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि सदन के भीतर महिला सांसदों के सामने मार्शल ने किस तरह घेरकर असहज स्थिति निर्मित की यह किसी से छिपा नहीं है। इसके बाद भी भाजपा नेताओं द्वारा इस तरह की बयानबाजी महिलाओं के प्रति उनकी सोच को दर्शाता है। सीएम ने कहा कि राजनीति के लिए बहुत से विषय हो सकते हैं लेकिन महिलाओं के खिलाफ राजनीति के लिए ऐसे विषय को चुनना अमर्यादित है। उन्होंने कहा कि महिला प्रताडऩा भाजपा की संस्कृति हो सकती है, कांग्रेस की नहीं। इस तरह की बयानबाजी भाजपा की ओछी मानसिकता को प्रदर्शित करता है। सीएम ने कहा कि महिला सांसदों पर आरोप लगाकर भाजपा ने निम्नस्तरीय राजनीति की है, इसकी जितनी निंदा की जाए कम है।
सांसद सोनी के निवास का घेराव व पुतला दहन आज
कांग्रेस मंगलवार को रायपुर सांसद सोनी के निवास का घेराव कर पुतला दहन करेगी। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की महिला सांसदों का यह अपमान छत्तीसगढ़ के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने भाजपा को चुनौती दी है कि सदन की कार्यवाही का 10 सेकंड का फुटेज जारी करने के बजाय पूरे घटनाक्रम का फुटेज जारी करने का साहस दिखाए, ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके।
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