छत्तीसगढ़

बस्तर संभाग में पहली बार हुआ ट्यूमर का सबसे बड़ा ऑपरेशन

Shantanu Roy
7 Feb 2023 4:44 PM GMT
बस्तर संभाग में पहली बार हुआ ट्यूमर का सबसे बड़ा ऑपरेशन
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कोण्डागांव। जिले में मर्दापाल थाना अंतर्गत कुधूर गांव जिले का धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। यहां नक्सल भय के चलते स्वास्थ्य सेवाओं का लोगों तक न पहुंच पाना एवं स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरुकता की कमी के चलते ग्रामीण अपना समुचित उपचार भी नहीं करवा पाते थे। कई मामले तो ऐसे भी रहे, जिनमें ग्रामीणों को समय पर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया न होने पर उनकी मृत्यु भी हो चुकी हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की पहल के बाद कोण्डागांव जिले की तस्वीर बदल रही है। अब स्वास्थ्य सुविधाएं जिले के अंदरूनी क्षेत्रों तक भी पहुंच रही है और ग्रामीणों में इन स्वास्थ सुविधाओं के प्रति जागरुकता भी बढ़ी है। जिससे स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में कोण्डागांव जिले में कई बड़े-बड़े कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को कोण्डागांव जिला अस्पताल में नक्सल प्रभावित कुधूर गांव की गुमियापाल निवासी 20 वर्षीय पार्वती नाग के पेट का सफल ऑपरेशन कर 10 किलो से अधिक वजन का ट्यूमर निकाला गया। ऐसा पहली बार है जब कोण्डागांव जिला ही नहीं पूरे बस्तर संभाग में 10 किलो से अधिक वजन के ट्यूमर को सफल ऑपरेशन के पश्चात निकाला गया है। पहले बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए कोण्डागांव के लोगों को प्रदेश की राजधानी या पड़ोसी राज्यों के विशाखापट्टनम, हैदराबाद, नवरंगपुर इत्यादि के महंगे अस्पतालों के ही भरोसे उपचार संभव हो पाता था। इन महंगे अस्पतालों तक जिले के दूरस्थ क्षेत्र में बसने वाले ग्रामीणों की पहुंच कोसों दूर थी। छत्तीसगढ़ सरकार की पहल के बाद कोण्डागांव जिले की तस्वीर तेजी से बदलने लगी है। अब कोण्डागांव जिले में भी बेहतर और उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होने लगी है। इसका सीधा लाभ अब जिले के अत्यंत दूरस्थ नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को भी मिलने लगा है।
इसका ताजा उदाहरण सोमवार 6 फरवरी को कोण्डागांव जिला अस्पताल में देखने को मिला। नक्सल प्रभावित मर्दापाल क्षेत्र के कुधूर गांव अंतर्गत गुमियापाल निवासी गडरू नाग की 20 वर्षीय बेटी पार्वती नाग के पेट में लगभग 2 वर्ष पूर्व सूजन दिखाई दिया। जब पार्वती नाग के पेट में सूजन दिखाई दिया तो बरसों से चली आ रही प्रथा अनुसार इस नक्सल प्रभावित गांव में देशी तरीके से उसका झाड़-फूंक किया गया। लेकिन समस्या इतनी गंभीर थी कि देशी झाड़-फूंक और सिरहा-गुनिया का झाड़-फूंक पार्वती नाग के पेट के सूजन को रोक नहीं पाया। अज्ञानता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी के चलते लगभग 2 वर्ष तक पार्वती अपने पेट की पीड़ा को पालती रही। जिससे सूजन धीरे-धीरे एक विशालकाय गोला में बदल गया। इधर 2 साल के अंतराल बाद अभी हाॅल ही में कुधूर में पुलिस कैंप स्थापित हुआ और जनजीवन सामान्य होने लगा। इसी बीच पार्वती जिला अस्पताल के संपर्क में आई। जिला अस्पताल के शिशु एवं मातृ अस्पताल में पदस्थ गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर आकृति शुक्ला व उनकी टीम ने जांच में पाया कि पार्वती के पेट में एक बड़ा ट्यूमर है, जिसे तत्काल ऑपरेशन के माध्यम से ही निकाला जा सकता है। परिवार की सहमति के बाद सोमवार 6 फरवरी को पार्वती नाग का जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में सफलतम ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद पार्वती नाग के पेट से 10 किलो से अधिक वजन का ट्यूमर निकाला गया है। यदि पार्वती के पेट का ट्यूमर नहीं निकाला जाता तो कुछ समय के बाद उसकी जान बचाना मुश्किल था। इस सफल ऑपरेशन की उपलब्धि पर कलेक्टर दीपक सोनी ने चिकित्सकों तथा टीम को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार जिला अस्पताल में अच्छी और बेहतर उपचार सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। इसके साथ ही जिला अस्पताल में आधुनिक मशीनों एवं उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। जिसकेे फलस्वरूप कोण्डागांव जिला अस्पताल में अब तक का सबसे बड़ा ट्यूमर ऑपरेशन को सफलतापूर्वक किया गया है। सीएमएचओ डाॅक्टर आरके सिंह और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर आरसी ठाकुर ने कहा कि निश्चित ही क्षेत्र का यह सबसे बड़ा ट्यूमर ऑपरेशन है। उन्होंने लोगों को जागरुकता का परिचय देने का आग्रह करते हुए कहा कि जिला अस्पताल में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध है। किसी भी बीमारी का तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल में संपर्क करें, ताकि मरीज को जल्द से जल्द आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
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