लोक कलाकारों का एक वर्ष से भुगतान नहीं हुआ, आर्थिक स्थिति हुई डावांडोल
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भिलाई। छत्तीसगढ़ कलाकार विकास संघ के प्रदेश अध्यक्ष और सुप्रसिद्ध कलाकार नवल दास मानिकपुरी ने छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग से लोक कलाकारों को एक वर्ष से भुगतान नहीं होने की जानकारी देते हुए मांग की है कि सभी कलाकारों का जल्द से जल्द समस्त भुगतान किया जाए। राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कबीर भजन, लोकगीत गायक, गीतकार, संगीतकार आकाशवाणी दूरदर्शन एवं फिल्म कलाकार नवल दास मानिकपुरी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि संस्कृति विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के कलाकारों को छला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के हजारों कलाकारों से सांस्कृतिक कार्यक्रम करा लेने के बाद पिछले एक वर्ष से भुगतान के लिए संस्कृति विभाग का चक्कर काटने विवश हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा पंजीकृत सांस्कृतिक कला दल को प्रदेश के विभिन्न गांवों में कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए आदेश देकर भेजा गया था। कार्यक्रम की प्रस्तुति के बाद सभी दस्तावेज मय फोटोग्राफ विभाग में जमा करा लिया गया है। उसके बावजूद आज एक वर्ष से भी अधिक समय होने जा रहा है कलाकारों को अपनी पारिश्रमिक राशि नहीं मिलने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नवल दास मानिकपुरी ने अपने ज्ञापन में बताया है कि कार्यक्रम के पश्चात अपने सहयोगी कलाकारों का भुगतान करने के लिए कला दल संचालक लोगों से ब्याज में कर्ज लेकर भुगतान कर देते है।
इसके पीछे आशय यह रहता है कि संस्कृति विभाग से जल्द मानदेय राशि मिल जायेगी और लिए गए कर्ज को वापस कर देंगे। लेकिन शासकीय भुगतान में लगातार देरी होने से संचालक को ब्याज भरना मजबूरी हो जाती है। उन्होंने कहा है कि संस्कृति विभाग से कला दल को जितनी मानदेय राशि निर्धारित की गई है वह भी बहुत ही कम है उससे ज्यादा तो कलाकार ब्याज भरना पड़ता हैं।
मुख्यमंत्री साय द्वारा प्रति कला दल को वर्ष में 24 कार्यक्रम देने की घोषणा का स्वागत करते हुए मानिकपुरी ने कहा कि सभी कलाकारों का इससे सशक्तिकरण होने की उम्मीद है लेकिन दूसरी तरफ साल भर के बाद भी भुगतान नहीं किये जाने से कलाकारों का जीवनस्तर बद से बद्तर हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर कलाकारों का शासन द्वारा भुगतान नहीं किया जा सकता है तो अच्छा होता संस्कृति विभाग के तरफ से कलाकारों को कार्यक्रम नहीं दिया जाना चाहिए व इस योजना को बंद कर देना चाहिए ताकि यहां के भोले भाले लोक कलाकारों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से निवेदन किया हैं कि पिछले साल भर से संस्कृति विभाग में रुके हुए मानदेय राशि का भुगतान करने संस्कृति विभाग को निर्देशित कर सभी कलाकारों का कृतार्थ करें।