पहले चॉकलेट देकर नेत्र जांच करते हैं : डॉ. मुकेश कुमार साहू
राजनांदगांव । संसार में हर जीव और निर्जीव दूसरों की सेवा के लिए उत्पन्न हुआ है लेकिन किसी की सेवा अपनी खास और अमिट पहचान बना लेती है उन्ही में से एक है डॉ. मुकेश कुमार साहू जो अपने अलग शैली के लिए भी जाने जाते हैं। वे शासकीय नेत्र सहायक अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जो पहले मरीज को चॉकलेट देकर नेत्र जांच करते हैं और गांव-गांव घूमकर नेत्र मरीजों की सेवा करते हैं।
मुकेश कुमार साहू नेत्र सहायक अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र- गैन्दाटोला ने नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया हैं। पिछले 15 दिनों में ही इन्होने अपने छेत्र के 12 शास. पूर्व माध्य. शाला के 1000 छात्र -छात्राओं का आँख जाँच कर और और 3 ग्राम - पंचायत में निः शुल्क नेत्र शिविर लगाकर -200 लोगों का नेत्र जांच कर एक अनोखा कार्य करने रिकॉर्ड बना लिया हैं।डोंगरगांव ब्लॉक में भी हमेशा से अपने कार्य और व्यवहार के कारण मरीज व जनता के बिच में स्वास्थ्य विभाग के सबसे लोकप्रिय कर्मचारी रहे हैं। वर्तमान में ही इनकी पोस्टिंग छुरिया ब्लॉक के प्राथ. स्वा. केंद्र- गैन्दाटोला में हुई हैं।जहाँ सोमवार, गुरुवार, शनिवार को नेत्ररोग OPD देखते हैं। बाकि 3 दिन अपने कार्य छेत्र में दौरा करते हैं।स्कुल नेत्र शिविर में मिडिल स्कुल 6वीं ,7वीं और 8वीं कक्षा के बच्चों का आँख जांच कर शासन द्वारा मुक्त चश्मा वितरण और उपचार कर रहे हैं।बच्चों को स्वास्थ, स्वछता, पर्यावरण,आँख की बिमारी, नेत्र दान,खानपान आदि विषय पर क्लास लेकर तथा प्रश्न- उत्तरी कार्यक्रम के द्वारा जागरूक कर रहे हैं।पाम्पलेट पोस्टर बाटकर बच्चों में स्वास्थ के बारे में रूचि बना रहे हैं। अभी तक शास. पूर्व माध्य. शाला-गैन्दाटोला,चिरचारी कला, मुंजाल कला, मुंजाल पाथरी, हैदलकोड़ो, गहिराभेड़ी, बैरागीभेड़ी,बेलरगोंदी,घुपसाल, छुरिया आत्मानंद हिंदी/ इंग्लिश मेडियम में नेत्र जाँच किया हैं। नेत्र दान पखवाड़ा 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक चलने वाली हैं।जिसमे गांव गांव जाकर नेत्रदान करने के लिए लोगो को समझा रहे हैं।यहाँ भी प्रचार में अनोखा तरीका अपना रहे हैं। पाम्पलेट, पोस्टर, लेकर अकेले ही सफर में निकल जाते हैं। साथ में कोई अन्य स्टाफ नहीं रखते। दुकान, ठेले, चौक-चौराहो,गलियों में घूम घूम कर लोगों के भींच जा रहे हैं। अभी तक 200 लोगों ने नेत्रदान फार्म भरा हैं। जो की गैन्दाटोला छेत्र की पहली घटना हैं।लोग भी स्वास्थ्य अधिकारी को अपने बीच पाकर बहुत खुश हो जाते हैं।और लोगों में इनकी लोकप्रियता देखते ही बनती हैं।सरल और मिलनसार स्वभाव के कारण जनता इनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
गैन्दाटोला हॉस्पीटल की भी आँख की ओ. पी. डी. पहले से तीन गुनी हो गयी हैं।अपने प्रत्येक मरीजों को पहले चॉकलेट देते हैं, फिर उनका जाँच, उपचार करते हैं। चॉकलेट देकर उपचार करने का ये तरीका मरीजों को बहुत पसंद आ रहा हैं। उनका लक्ष्य सिर्फ जनसेवा हैं। अधिक से अधिक लोगों के बिच पहुंच कर सही और समय पर उपचार करना चाहता है। अपने काम में 100% देना अच्छा लगता हैं। इससे उनको बहुत खुशी मिलती हैं। मरीजों को हॉस्पीटल तक लाना भी उनका उद्देश्य हैं। शासन की योजनाओं को जनता के बीच में पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी से काम करते हैं। उन्हें अकेले काम काम करना पसंद हैं। इसलिए वे अन्य स्टाफ का कम सहयोग लेता हैं।