छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में पहला मामला, बेटा बने ट्रांसजेंडर तो बाप ने घर से निकाला

Nilmani Pal
7 Oct 2021 6:33 AM GMT
छत्तीसगढ़ में पहला मामला, बेटा बने ट्रांसजेंडर तो बाप ने घर से निकाला
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CG NEWS

बिलासपुर। एक सरकारी उपक्रम में कार्यरत कर्मचारी पिछले 6-7 साल से अपने ट्रांसजेंडर संतान को प्रताड़ित कर रहा था। उसकी मां के साथ भी 'ढंग का औलाद' पैदा नहीं करने के लिये मारपीट की जाती रही। पुलिस ने जांच के बाद ट्रांसजेंडर एक्ट की धारा 18 के तहत पिता के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। छत्तीसगढ़ में संभवतः इस धारा के अंतर्गत पहली बार अपराध दर्ज किया गया है। प्रार्थी एक ट्रांसजेंडर है लेकिन स्त्री के रूप में अपना लिंग परिवर्तन करा चुकी है। सितंबर महीने में प्रार्थी ने सरकंडा थाने में शिकायत की कि उसे ट्रांसजेंडर पैदा होने और अपना लिंग परिवर्तन कराने को लेकर पिता ने गाली-गलौज और मारपीट करते हुए घर से निकाल दिया। उसे ट्रांसजेंडर होने के कारण रोजगार नहीं मिल रहा है। पिता एक सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद उसे किसी तरह से मदद नहीं कर रहे हैं।

घटना के दिन मारपीट करने पर प्रार्थी की मां ने बीच-बचाव किया तो उसे भी गंदी गालियां दी और कहा कि तू ढंग का एक मर्द औलाद भी पैदा नहीं कर पाई। सब तेरे कारण हुआ है। मैं पूरी संपत्ति पर आग लगा दूं, अपना घर बेच दूं लेकिन अपने साथ नहीं रखूंगा। मैं दूसरी शादी करूंगा और लड़का पैदा करूंगा। प्रार्थी के मुताबिक उसके साथ इस तरह का बर्ताव 6-7 साल से हो रहा है। उसने पिता को समझाने का प्रयास किया कि ट्रांसजेंडर पैदा होने में मेरा या मां अथवा आपका अपराध नहीं है। इसमें कुछ अस्वाभाविक नहीं है। इसे सामान्य रूप से लें। पर, पिता उस पर किसी लड़की से शादी करने के लिये दबाव बना रहा था। ट्रांसजेंडर ने कहा कि वह खुद ही अपने आपको लड़की महसूस करती है, किसी लड़की से विवाह कर उसका जीवन तबाह नहीं कर सकती।

पिता द्वारा घर से निकाले जाने के बाद मां भी ट्रांसजेंडर के साथ आ गई। उसने कोर्ट में अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का तथा बेटी ने भरण-पोषण का केस लगा दिया। एक दिन कोर्ट की पेशी के दौरान रास्ते में पिता ने मां के साथ फिर मारपीट की थी। उस दौरान वह साथ में थी। कोर्ट में पिता ने धोखे में रखकर यह कहते हुए मुकदमे वापस करा लिये कि वह अब से अपनी पत्नी और ट्रांसजेंडर संतान का ध्यान रखेगा, लेकिन समझौते के 10 दिन बाद ही उन्हें मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। सरकंडा के थाना प्रभारी परिवेश तिवारी के अनुसार चूंकि यह प्रकरण पिता के ही विरुद्ध था, प्रकरण की सूक्ष्म जांच कर अपराध दर्ज किया गया है। इस धारा के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में यह संभवतः पहला मामला है।

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