छत्तीसगढ़

जमानत लेकर कोर्ट से निकले फिरोज सिद्दीकी

Shantanu Roy
8 May 2024 2:11 PM GMT
जमानत लेकर कोर्ट से निकले फिरोज सिद्दीकी
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छग
रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित जग्गी हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट से दोषी ठहराए गए फिरोज सिद्दीकी को बड़ी राहत मिली है. फिरोज सिद्दीकी आज दोपहर को रायपुर के सेशन कोर्ट में पेश हुए जहां से सभी कागजी कार्रवाई और सुप्रीम कोर्ट के आर्डर को मद्देनज़र रखते हुए न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी। जहां उन्होंने दो बॉन्ड और दो जमानतदार प्रस्तुत किया. दरअसल फ़िरोज़ सिद्दीकी ने सुप्रीम कोर्ट में जग्गी हत्याकांड में सजा के खिलाफ SLP याचिका दायर की थी, जिस पर उन्हें जमानत का लाभ देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दो जमानतदारों के साथ जिला अदालत से जमानत लेने की अनुमति दी. SLP याचिका में सिद्दीकी ने खुद को बेगुनाह और निर्दोष बताया था.
दोपहर को कोर्ट में पेश हुए थे फ़िरोज़ सिद्दीकी
जग्गी हत्याकांड मामले में जमानत लेने फ़िरोज़ सिद्दीकी आज रायपुर कोर्ट में पेश हुए. वरिष्ठ वकील शाहिद सिद्दीकी साथ में मौजूद है. स्पेशल सेशन कोर्ट में 25 हजार के दो जमानत दारों के बॉन्ड के साथ पेश हुए. दरअसल फ़िरोज़ सिद्दीकी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जग्गी हत्याकांड में सजा के खिलाफ SLP याचिका दायर की गई थी. जिस पर उन्हें जमानत का लाभ देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दो जमानत दारो के साथ जिला अदालत से जमानत लेने की अनुमति दी. SLP याचिका में फ़िरोज़ सिद्दीकी ने खुद को बेगुनाह और निर्दोष बताया था. दो-तीन और आरोपियों ने आज सरेंडर किया है. जग्गी हत्याकांड के सभी आरोपी वर्तमान में जेल में है. जिसमे याह्या ढेबर, अभय गोयल सहित सभी आरोपियों की सुप्रीम कोर्ट में जमानत की याचिका लगी हुई है. जिसका फैसला 10 मई को आना है.




जोगी शासनकाल में हुआ था जग्गी हत्याकांड
रामवतार जग्गी हत्याकांड 2003 में अजीत जोगी के शासनकाल में हुआ था। अमित जोगी के उनके कट्टर समर्थक स्वामी भक्ति में रामवतार जग्गी हत्याकांड के स्वरूप में आया था। जिसका एफआईआर स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल के दबाव में मौदहापारा थाने में दर्ज हुआ था, जिसमें 32 आरोपियों के नाम हत्याकांड में सामने आए थे। सभी आरोपियों को 7 -8 साल के उपरांत हाई कोर्ट से ज़मानत अपील के द्वारा मिली थी जो विगत सप्ताह हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के फ़ैसले को बरकरार रखते हुए सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी और सभी आरोपियों को एक हफ्ते का समय सजा हेतु सरेंडर करने का दिया था। जिसमें महापौर के सगे बड़े भाई याहया ढेबर सहित 22 आरोपियों को अपनी सजा पूरी करने के लिए वापस जेल जाना था। लेकिन कोर्ट में दो आरोपी अभय गोयल और आरसी त्रिवेदी द्वारा सरेंडर का समय बढ़ाने का आवेदन दिया था।
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