अमानत में ख्यानत करने की रिपोर्ट के बाद भी नहीं हुई एफआईआर
रायपुर (जसेरि)।तीन-तीन थानों और आईजी कार्यालय में रिपोर्ट लिखाने के बाद भी पीडि़त की अमानत में ख्यानत की रिपोर्ट नहीं लिखी गई। जितेंद्र श्रीवास पिता मुरलीधर श्रीवास शॉप नबंर ए-1 आरडीए बिल्डिंग शारदा चौक रायपुर ने मेरी फाइनेंस की गाड़ी सीजी 04 केवी 4314 जायलो महिद्रा जो केनरा बैंक से फाइनेंस हुई थी, जिस बेचने की जानकारी मिलने पर दुर्गेश श्रीवास पिता मनोहर लाल श्री वास के खिलाफ उचित कार्रवाई करने प्राथमिकी दर्ज कराई । मौदहापारा थाने में बताया गया कि मामला सिविल लाइन का क्योंकि आप सिविल लाइन राजा तालाब में रहते है इसलिए सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराए। सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद वहां थाना प्रभारी ने कहा कि मामला फतेह शाह मार्केट का है इसलिए कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराए। प्रार्थी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद आईजी से उचित कार्रवाई हेतु गुहार लगाई। आईजी कार्यालय से मोदहापारा थाने में 31 नवंबर को उचित कार्रवाई करने लिखित आदेश दिया गया। जितेंद्र श्रीवास ने बताया कि मैंने अपने स्तर पर अपने मालिकाना हक की उक्त वाहन की खोजबीन किया तो पता चला कि जायलो महिन्द्रा सीजी केवी 4314का इश्योंरेंस रिनिविल किसी सुखराम गोड़ निवासी कसपाडार रायगढ़ा उडि़सा पिन 764074 के व्दारा अपने नाम पर करवा कर चला रहा है। सूचना के अधिकार के तहत प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं वरिष्ठ पुुलिस अधीक्षक ने 20 सितंबर 22 को आदेश दिया कि आवेदक के स्वामित्व वाले वाहन महिन्द्र एंड महिन्द्रा जायलो डी-4 बीएस 3, पजीयन क्रमांक सीजी केवी, 4314 को अपरा-तफरी कर धोखाधड़ी करने के विरूद्ध दुर्गेश और राखी श्रीवास के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए वाहन बरामद करने का निवेदन किया है। इस पर कार्रवाई करें। इसके बाद जितेंद्र श्रीवास ने कार्रवाई नहीं होने पर लोक सूचना अधिकारी पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज से संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने की शिकायत की।
गाड़ी एजेंसी में लगाने से पहले एग्रीमेंट जरूर करें: कितने भी करीबी हो या विश्वसनीय हो गाड़ी ट्रैवल्स एजेंसी में लगाने से पहले पूरी प्रक्रिया का एग्रीमेंट जरूर कराए नहीं तो आपके करीबी ही आपको चूना लगाने से पीचे नहीं हटेंगे। राजधानी में फ्राड के नए-नए कांड सामने आ रहे है। मौखिक समझौता के तहत जितेंद्रश्रीवास ने दुर्गेश को गाड़ी के साथ ओरिजनल आरसी बुक भी दे दी थी। जिसका फायदा उठाते हुए अमानत में ख्यानत किया। जितेंद्र के करीबी रिश्तेदार दुर्गेश ने अपने करीबी होने का फायदा उठाते हुए गाड़ी को बिना मालिक के इजाजत के परवारे किसी तीसरे पक्ष को 3.90 लाख रुपए में बेच कर उस पैसे का उपयोग अपने कारोबार में लगा दिया। जब गाड़ी मालिक ने पैसा मांगे तो कोरोना का बहाना बनाकर टालमटोल करने लगा। जब गाड़ी नहीं दिखा तो जितेंद्र श्रीवास बारा-बार पैसे और गाड़ी वापस मांगे तो धौंस धपट दिखाकर डरा धमकाकर मामले को उलझाता रहा। ताजा मामला राजातालाब निवासी जितेंद्र श्रीवास का है, जिसने अपने करीबी रिश्तेदार के झांसे में आकर जायलो गाड़ी फाइनेंस से खरीदा और गाड़ी दुर्गेश श्रीवास के ट्रैवल्स एजेंसी में अटैच कर दिया। मौखिक में यह तय हुआ कि हर महीने गाड़ी की किश्त पटाएगा और पांच हजार रुपए नकद भुगतान करेगा।2013 से 2018 तक सब कुछ टीक चल रहा था, 2019 में उसके बाद दुर्गेश की नियत बदल गई और कूटरचना कर फाइनेंस की गाड़ी अपने पार्टनर ट्रैवल्स एजेंसी को बेच दी और उस ट्रैवल्स एजेंसी ने उस गाड़ी को 3.90 लाख में उड़ीसा के किसी सुखराम गौड़ को बेच दी। जितेंद्र श्रीवास निवासी राजातालाब ने बताया कि अपने रिश्तेदार के कहने पर महिन्द्रा एंड महिन्द्रा केनरा बैंक से 7 लाख रुपए में फाइनेंस कराया था, गाड़ी मेरे नाम पर ही है। और इश्योरेंस भी मेरे नाम से जमा होता था। मैंने उक्त गाड़ी को एक्सचेंस में गाड़ी देकर खरीदा था, उसका किश्त आज भी मेरे नाम से डेढ़ लाख बाकी है। गाड़ी मालिक जितेंद्र श्रीवास ने बताया कि दुर्गेश श्रीवास बहुत शातिर है मैंने जब आरोपी के नाम से रिपोर्ट मोदहापारा थाने में दर्ज कराया तो वहां पुलिस ने समझौता करने की सलाह दी।
इस दौरान दुर्गेश की पत्नी में मेरे साथ थाने में ही पुलिस के सामने दव्र्यवहार किया और दस्तावेज छीन ली। पुलिस ने हस्तक्षेप कर दस्तावेज वापस दिलाया।पीडि़त ने जनता से रिश्ता कार्यालय में मयदस्तावेज के उपस्थित होकर पूरे मामले का खुलासा किया है। अब तक जितने भी कार्रवाई के आवेदन लगाए है और क्या कार्रवाई हुई का विवरण दिया है। प्रार्थी को अब डराया धमकाया जा रहा है। पहले बी मोदहापारा थाने में समझौता क्े लिए बुलाकर मारपीट किया गया था, लेकिन आज तक एफआईआर नहीं होने से पीडि़त को न्याय नहीं मिल रहा है। वह थाने -ताने का चक्कर काट रहा है।