छत्तीसगढ़

केपीएस ग्रुप के खिलाफ FIR दर्ज, फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की जमीन पर बनाया स्कूल

Nilmani Pal
1 Jan 2025 5:06 AM GMT
केपीएस ग्रुप के खिलाफ FIR दर्ज, फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की जमीन पर बनाया स्कूल
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केपीएस ग्रुप पर मनमानी फीस वसूलने का आरोप

शिक्षा विभाग का लूट खसोट जनता को भुगतना पड़ रहा है

दुर्ग। जिले के भिलाई में संचालित कृष्णा पब्लिक स्कूल की सोसाइटी कृष्णा एजुकेशन सोसाइटी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। सोसाइटी ने नगर निगम भिलाई से उद्यान और पौधरोपण के नाम पर जिस जमीन का आवंटन लिया, उसकी जगह पर स्कूल का निर्माण कर लिया। दरअसल, सुपेला पुलिस ने केपीएस ग्रुप के अध्यक्ष एमएम त्रिपाठी, सचिव, आर्किटेक्ट और निगम के अधिकारी कर्मचारी को भी आरोपी बनाया है। इनके खिलाफ रवि शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई है।

रवि शर्मा ने शिकायत में बताया कि, कृष्णा एजुकेशन सोसाइटी ने भिलाई नगर निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर करोड़ों की जमीन का फर्जीवाड़ा किया है। उन्होंने निगम की कीमती जमीन का खसरा नंबर बदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किया, फिर उस जमीन में कब्जा कर वहां स्कूल भवन बना लिया।

सुपेला पुलिस के मुताबिक आरोप है कि सोसाइटी ने पटवारी हल्का नं-15, खसरा नं- 836/837 की आबंटित भूमि 22910/73089 कुल रकबा 95 हजार 999 वर्गफुट भूमि का खसरा नं 306 लिखकर फर्जी दस्तावेज तैयार किया गया है। इसे लेकर उनके खिलाफ धारा- 419, 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

एक सामाजिक कार्यकर्ता ने स्पष्ट रूप से कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी प्राइवेट स्कूल मनमाना फ़ीस वसूलते हैं और मनमाना डोनेशन वसूला जाता है, ग़रीब माँ बाप को ट्यूशन फ़ीस के नाम पर तंग किया जाता है, यही हाल पूरे प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों का है, इस स्कूलों के संचालक ने तरह तरह के हथकंडे अपनाकर बच्चों के माँ बाप से अनेक प्रकार के फंड वसूल करने का एक नया अध्याय शुरू किया है, छत्तीसगढ़ में सबसे ज़्यादा महँगा प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना हो गया है, सभी प्राइवेट स्कूल सरकारी लाभ लेते हैं लेकिन जनता के लिए दोनों हाथों से लूट मचा रखी है।

छोटी कक्षाओं से स्टार्ट होकर बड़ी कक्षा तक मनमाना फ़ीस वसूलने की एक परंपरा सी बन गई है और इसमें किसी प्रकार का प्रशासनिक दबाव नहीं होने के कारण प्राइवेट स्कूल के अधिकतर संचालक लूट मचा रखी है शिक्षा के नाम पर उद्योग चला रहे हैं और मनमाना पैसा कमा रहे सरकार से सभी सुविधा लेने के उपरांत भी जनता को राहत नहीं है।

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