मिठाइयां, डेयरी उत्पाद खरीदने से पहले शुद्धता की जांच जरूरी
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। नकली उत्पाद और खाने-पीने की चीजों में मिलावट का धंधा दिनों-दिनों दिन बढ़ते ही जा रहा है। लोग नए-नए तरीकों से उपभोक्ताओं को लूटने के साथ स्वास्थ्यगत हानि पहुंचा रहे हैं। त्योहारी सीजन में दूध और उससे बने उत्पादों की काफी मांग होती है। धंधेबाज ऐसे अवसरों को खूब भूनाते हैं और दूध-घी से लेकर पनीर-खोवे में जमकर मिलावट करते हैं। ेिमलावट युक्त खोवे से बनी मिठाइयां भी बड़ी तादाद में बेची जाती हैं। ऐसे में किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले या घर लाने के बाद इनकी शुद्धता की जांच करना बेहद जरूरी है। दूध का इस्तेमाल मिठाई के लिए करते हैं। दूध ही नहीं, बल्कि दूध से बने उत्पाद भी आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। भारतीय घरों में दूध को किसी न किसी रूप में आहार में शामिल किया जाता है। लेकिन पिछले कई सालों में दूध और दूध से बने तमाम उत्पादों में मिलावट का खेल चल रहा है। खासतौर से धंधे में कमाई के चलते दुकानदार दूध, घी, खोया, पनीर, आदि में कितना कुछ मिलाकर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। खास बात तो ये है कि एक आम व्यक्ति को इसमें मिलावट का जरा भी अनुमान नहीं होता। ऐसे में स्वास्थ्य खराब होता है, वो अलग। अगर आप जानना चाहते हैं कि दूध से बने उत्पाद जो आप खरीद रहे हैं, वो असली हैं या नकली, तो इसकी पहचान आप घर बैठे कर सकते हैं।
दूध और दूध के उत्पादों में कैसे होती है मिलावट?
दूध और दूध से बने उत्पादों जैसे पनीर, खोया, रबड़ी, मीठे दही आदि को साफ और शुद्ध दिखाने के लिए कई चीजें मिलाई जाती हैं। जैेस यूरिया, स्टार्च, वनस्पति, फॉर्मेलिन, सल्फ्यूरिक एसिड, कोल तार डाई और ब्लोटिंग पेपर आदि। स्टार्च और वनस्पति कम मिलावटी हैं, जबकि तारकोल डाई में मौजूद कुछ हैवी मेटल्स मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
दूध में मिलावट जानने का तरीकों-
दूध में पानी मिला हुआ है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए तिरछी सतह वाले बर्तन में दूध की एक बूंद डालें। यदि दूध सफेद निशान को छोड़ते हुए नीचे गिरे, तो दूध शुद्ध है। यदि दूध बिना किसी निशान के जल्दी से नीचे गिर जाए, तो इसका मतलब है आपके घर में आने वाला दूध मिलावटी है।
दूध में स्टार्च की मौजूदगी का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है आयोडीन। दूध में एक बूंद आयोडीन डालें। यदि दूध का रंग नीला हो जाए, तो दूध में स्टार्च मिला हुआ है। आजकल दूध में यूरिया की मिलावट की जा रही है। आपके घर जो दूध आ रहा है, वो शुद्ध है या मिलावटी इसका पता लगाने के लिए एक बर्तन में थोड़ा दूध लें। इसमें एक चम्मच अरहर का पाउडर और सोयाबीन मिलाएं। मिश्रण को अच्छे से मिलाएं और पांच मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। अब इसमें लाल लिटमस पेपर डुबोएं। अगर कागज नीले रंग का हो जाए, तो समझ जाएं कि इसमें यूरिया की मिलावट है। दूध में वनस्पति का पता लगाने के लिए 3 मिली दूध में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कुछ बूंदें डालें। इसमें एक चम्मच चीनी मिलाएं। दूध यदि लाल रंग का हो जाए, तो दूध नकली है। सिंथेटिक दूध की पहचान करने का सबसे बढिय़ा तरीका है इसे उंगलियों पर रगडऩा । उंगलियों के बीच रगडऩे पर सिंथेटिक दूध साबुन का अहसास देता है। इसके अलावा यदि इसे गर्म किया जाए, तो इसका रंग पीला पड़ जाता है।
पनीर का फिजिकल टेस्ट
वैसे तो पनीर की शुद्धता की पहचान उसकी नरमी से हो जाती है। फिर भी ये जानने के लिए कि आपके द्वारा खरीदा गया पनीर शुद्ध है या नहीं, फिजिकल टेस्ट करना चाहिए। इसके लिए पनीर को अपनी उंगलियों से दबाएं। अगर पनीर टुकड़ों में टूट जाए, तो मतलब है कि यह शुद्ध नहीं है। बता दें कि मिलावटी पनीर बेकिंग सोडा की उपस्थिति का संकेत देता है।
केमिकल टेस्ट- थोड़े पानी में पनीर के कुछ टुकड़े उबालें। इन्हें ठंडा करें और फिर आयोडीन की कुछ बूंदें डालें। यदि रंग नीला पड़ जाएं, तो मतलब है कि इसमें स्टार्च मिलाया गया है और पनीर पूरी तरह से नकली है।
खोया में मिलावट की जांच करें
आप जो खोया खरीद रहे हैं, वो शुद्ध है या नहीं, ये पता करने के लिए इसमें स्टार्च की मौजूदगी का पता करें। इसके लिए खोये की थोड़ी मात्रा को उबालें। इसे ठंडा करने के बाद आयोडीन की कुछ बूंद डालें। खोया नीले रंग का हो जाए, तो पहचान लें कि ये मिलावटी है। इसके लिए कम मात्रा में खोया उबालें। अगर खोया नकली होगा तो कंटेनर के चारों तरफ एक बैंगनी नुमा रिंग बन जाएगी। इसके अलावा शुद्ध खोया चिकना और मीठा होता है। इसलिए खोया खरीदने से पहले इसे रगड़कर देखें और इसकी मिठास की जांच कर लें। घी में गाढ़ापेन के लिए स्टार्च का इस्तेमाल होता है। इसमें स्टार्च की पहचान करने के लिए आयोडीन की कुछ बूंदें मिलाएं। यदि घी का भूरा रंग गुलाबी रंग में बदल जाएं, तो मतलब है कि इसमें स्टार्च है।