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छत्तीसगढ़
बालोद। महाशिवरात्रि का पर्व बालोद जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया. बालोद शहर से लगे तांदुला नदी में जल देने कावड़ियों की भीड़ लगी रही. वहीं शहर के शिव कुंड दसौंदी तालाब में भी भक्तों का तांता लगा हुआ था.
यहां पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली. मंदिर प्रबंधन समिति ने जानकारी देते हुए बताया कि इत्तेफाक की बात है कि 1 मार्च को ही शिव कुंड दसौली तालाब की स्थापना हुई थी. इस बार इसी दिन महाशिवरात्रि का पर्व पड़ा है.
धार्मिक आस्था का केंद्र बना बालोद बालोद शहर का जलेश्वर महादेव धार्मिक आस्था का केंद्र है. जहां पर लोग आकर विशालकाय शिवलिंग की पूजा अर्चना करते हैं. यह एक आस्था का केंद्र है. जहां लोग ओम नमः शिवाय जाप के साथ ही ओम नमः शिवाय लिखते भी हैं.
यह एक अनुभव ही है कि लोग यहां आकर बैठते हैं और उनमें एक अलग प्रकार की आस्था रूपी ऊर्जा का प्रवाह होता है. विशालकाय शिवलिंग के साथ ही लंबे समय से मान्यता है कि दसौन्दी तालाब के पानी में नहाने से दाद, खाज, खुजली और चर्म रोग की समस्या ठीक हो जाती है. श्रद्धालुओं को होती है आत्मीय शांति की अनुभूति
दशौदी तालाब के बीचो बीच स्थापित शिव लिंग आज हजारों लोगों के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र बन गया है। दरअसल इस स्थल में एक अलग ही व्यवस्था है। यहां तालाब के चारों और कक्ष बना हुआ है पूरे बालोद जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में महाशिवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है यहां पर कावड़िया जल उठाते हुए भी देखे जा सकते हैं इसके साथ ही प्राचीन कपिलेश्वर मंदिर में भी भक्तों का तांता लगा हुआ है.
Shantanu Roy
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