राजधानी रायपुर से सटे खरोरा में प्राइवेट अस्पतालों की लापरवाही रूक नहीं रही है। नए मामले में यशोदा चिल्ड्रन अस्पताल खरोरा की डॉ. ममता मल ने 7 महीने के बच्चे को 30 माह पूर्व एक्सपायर्ड टीका लगा दिया, जिससे बच्चे की हालत एक माह तक गंभीर रही। 85 रुपए की वैक्सीन को लगाने के लिए डॉ. ममता ने 1200 रुपए लिए जबकि इसके दुष्प्रभाव को रोकने के लिए उसके पिता ने रायपुर के निजी अस्पताल में 50 हजार खर्च कर उसका एक माह तक इलाज करवाया। इस बीच बच्चा 27 मार्च से 1 अप्रैल तक भर्ती भी रहा। उन्होंने बताया कि डॉ. ममता ने उन्हें इलाज का सारा खर्च वहन करने का वादा किया था लेकिन पैसे नहीं दिए।
खरोरा निवासी गौरव अग्रवाल ने बताया कि 24 मार्च को उनके 7 माह के पुत्र सार्थ अग्रवाल को जेनवैक वैक्सीन खरोरा के यशोदा अस्पताल में डॉ. ममता मल ने लगाई थी। वैक्सीन लगाने के बाद से ही बच्चे की तबीयत खराब होने लगी व उसे रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, जहां इलाज के बाद उसकी स्थिति सुधर पाई। उन्होंने बताया कि सार्थ को वैक्सीन लगवाने के बाद बुख़ार, दस्त की शिकायत लगातार बनी रही। बच्चे ने खाना-पीना भी छोड़ दिया था जिससे वह गंभीर स्थिति में पहुंच गया था। गौरव ने बताया कि जब उन्होंने फाइल देखी तो पाया कि डॉ. ममता ने बच्चे को दिसंबर 2018 में एक्सपायर हो चुकी वैक्सीन लगा दी थी। सार्थ के पिता ने बताया कि डॉ. ममता ने उन्हें बच्चे को वैक्सीन लगाने की हिदायत दी थी कि लगाना जरूरी है। हालांकि बच्चे के पिता को इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह टीका क्यों लगाया जाता है। गौरव ने इसकी शिकायत राज्यपाल, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव, कलेक्टर समेत सभी आला अधिकारियों से भी की है।