छत्तीसगढ़

बुलडोजर-एनकाउंटर का खौफ, बचने के लिए छग को बना रहे ठिकाना...

Nilmani Pal
14 March 2022 5:24 AM GMT
बुलडोजर-एनकाउंटर का खौफ, बचने के लिए छग को बना रहे ठिकाना...
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यूपी के अपराधी छत्तीसगढ़ को समझ रहे सेफ जोन

बड़ी संख्या में पलायन, छग के छुटभैय्ये नेताओं ने खोली पट्टे की दुकान

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। उत्तरप्रदेश में बीजेपी और योगी सरकार की वापसी से वहां के अपराधियों में खलबली मचा दी है। ये लोग अब योगी सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए राज्य से पलायन करने लगे हैं। इतना ही नहीं हिन्दुवादी सरकार के दोबारा सत्तासीन होने से अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी दीगर राज्यों की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए छत्तीसगढ़ सबसे सुरक्षित और सुविधा वाला राज्य बन गया है। बड़ी तादात में यूपी से लोग छत्तीसगढ़ में ठिकाना बनाने लगे हैं और लोग लगातार पहुंच रहे हैं। छत्तीसगढ़ पहले से ही अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना रहा है। इसके अलावा रोजी-रोजगार के लिए आने वाले लोगों के लिए भी छत्तीसगढ़ में भी रोजगार उपलब्ध है जिसके कारण वहां के लोग यहां का रुख कर रहे हैं। राज्य में पहले से रह रहे उनके सगे-संबंधी उनको यहां ठिकाना बनाने में उनकी मदद कर रहे हैं। इसके चलते भी यूपी से पलायन करने वाले बहुतायत लोग छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं।

अपराधियो के लिए सेफ जोन

छत्तीसगढ़ पहले से ही अपराधियों के लिए सेफ जोन बना हुआ है। यहां आतंकी गतिविधि में शामिल लोग भी आसानी से छुपकर अपना समय गुजारते रहे हैं। ऐसे में यूपी सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए वहां के अपराधियों को भी छत्तीसगढ़ सुरक्षित ठिकाना लगने लगा है। यही कारण है कि यूपी के अपराधी अब छग का रुख कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी तादात में यूपी-बिहार के लोग काम करते हैं। इनके बीच बड़ी संख्या में वहां के अपराधी छबि के लोग भी छत्तीसगढ़ में ठिकाना बना चुके हैं। इन इलाकों में इनका गैंग और संगठन भी काम कर रहा है। यही कारण है कि इन इलाकों में अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अब इनके संरक्षण में यूपी के हिस्ट्रीशीटर और पुलिस से बचे अपराधी छत्तीगढ़ में ठिकाना बनाने की जुगत में हैं।ि

सरकार की पट्टा योजना का आकर्षण

राज्य सरकार की आबादी पट्टा देने की योजना भी वहां के लोगों को छग में ठिकाना बनाने का सुनहरा मौका प्रतीत हो रहा है। वहां के लोग सालों से छत्तीसगढ़ में रह रहे अपने सगे संबंधियों के सहयोग से यहां अपने लिए स्थाई ठिकाना बनाने में जुट गए हैं। इस काम में छुटभैय्ये नेता इनकी मदद के बहाने अपनी दुकानदारी चला रहे हैं। पलायन और पट्टे की यह दुकानदारी का यह सिलसिला आने वाले नवंबर-दिसंबर तक चलते रह सकता है। छग के कवर्धा, सरायपाली, सरगुजा इलाके में बड़ी तादाद में यूपी से लोग पहुंच रहे हैं। इन इलाकों में छुटभैय्ये नेताओं की ऐसी लाबी सक्रिय है जो इनको यहां बसाने के साथ आबादी जमीन का पट्टा दिलाने का धंधा चला रहे हैं।

राज्य की कानून व्यवस्था पर पड़ेगा असर

यूपी से अपराधियों की आमद से छत्तीसगढ़ की कानून-व्यवस्था पर असर पडऩा स्वाभाविक है। राज्य में पहले से ही यूपी-बिहार के अपराधी गैंग सक्रिय हैं। इसके अलावा यूपी-बिहार से आकर बसे लोग भी अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं। शहर में आए दिन हो रहे मारपीट, चाकूबाजी, लूट, चोरी, छेड़छाड़ दुष्कर्म यहां तक की हत्या-अपहरण जैसे वारदातों में भी इनकी संलिप्तता मिल रही है। इस पर अगर यूपी के सूचीबद्ध और हिस्ट्रीशीटर अपराधी छत्तीसगढ़ में ठिकाना बनाने लगेंगे तो यहां अपराध बढऩा ही है। अगर ऐसा होता है तो इससे छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए काफी चुनौैती पूर्ण स्थिति निर्मित होगी। पुलिस को यहां कानून व्यवस्था बनाए रखने काफी चौकन्नी रहनी होगी और अपने खुफिया तंत्र को और मजबूत बनाना होगा। राजधानी में अब सुपारी किलर्स भी सक्रिय हो गए हैं। पिछले दिनों एक प्रापर्टी डीलर पर सुपारी किलर ने जानलेवा हमला किया था, हालाकि लोगों की सतर्कता से वह पकड़ में आ गया लेकिन इससे छग में बढ़ते अपराध साफ नजर आने लगे हैं। छत्तीसगढ़ के अमनपसंद जनता के लिए यह घातक साबित होगा। पुलिस को ऐसे असामाजिक तत्वों से सख्ती निपटना ही होगा वर्ना छत्तीसगढ़ को अपराधगढ़ बनने में देर नहीं लगेगी।

रोजगार के लिए आने वालों पर नजर रखने की जरूरत

उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद वहां के गुंडे बदमाशों और माफियाओं में दहशत का माहौल है। खुद योगी आदित्यनाथ ने चुनाव के पहले ही बोल दिया था कि गुंडे बदमाश या तो गुंडई छोड़ दें या उत्तरप्रदेश छोड़ दें। मुख्यमंत्री के ऐसे फरमान से उन्हें सुरक्षित ठिकाना तलाशते हुए छत्तीसगढ़ आना उनकी मजबूरी हो जाएगी। उत्तरप्रदेश के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बहराईच, गोंडा, मऊ, सहारनपुर, अलीगढ, लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद,मेरठ ,जौनपुर, अयोध्या,वाराणसी,आगरा, मथुरा, मुजफ्फरनगर तथा अन्य जगहों से बदमाश गुंडे और सुपारी किलर छत्तीसगढ़ की ओर पलायन कर सकते हैं। और वे चरोदा धरसीवां, उरला, बिरगांव, टाटीबंध हीरापुर, सोनडोंगरी, अछोली, मोवा, सड्डू, सहित औद्योगिक क्षेत्र में अपने परिचितों के यहाँ या फिर उनके सहयोग से किराये के मकान लेकर रहने वाले हैं। राजधानी में पिछले तीन माह में जो अपराधी पकड़े गए उनका यूपी के बड़े आपराधिक गिरोह से कनेक्टिविटी का खुलासा भी हो चुका है। ये सभी यूपी के विभिन्न जिलों से जिलाबदर या खदेड़े गए अपराधी है जो रायपुर को सुरक्षित ठिकाना मानकर डेरा जमाये हुए थे। ये गुंडे बदमाश राजधानी रायपुर को सुरक्षित ठिकाना मानकर अपने जान पहचान, रिश्तेदारों, परिचितों के यहां डेरा डालकर छोटे-छोटे फल-सब्जी की रेहड़ी लगाकर या औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षागार्ड, माली, ड्राइवर, हम्माली, मशीन आपरेटर, बिजली मिस्त्री, राजमिस्त्री बनकर काम कर रहे है। राजधानी के आउटर में बसे वार्डों उरला, सिलतरा, बिरगांव, खमतराई, हीरापुर, जरवाय, कबीर नगर, रायपुरा, रिंग के आसपास की कालोनी, पुराने धमतरी रोड में बने कालोनियों, बोरियाकला, मुजगहन, शंकर नगर, तेलीबांधा, राजेंद्र नगर, रायपुर, टिकरापारा, भाटागांव, कचना, टाटीबंध, सड्डू-मोवा, सरोना, सोनडोंगरी, मंदिर हसौद, केंद्री, नवा रायपुर के साथ धरसीवां, अमलेश्वर, कुम्हारी, तिल्दा-नेवरा, भाटापारा-बैकुंठ, दुर्ग भिलाई, महासमुंद-धमतरी, कांकेर, रायगढ़, कोरबा, अंबिकापुर,गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में यूपी बिहार का गैंग सक्रिय होकर अपराध को अंजाम दे रहा है।

अपराध रोकना पुलिस के लिए चुनौती

एक समय ऐसा आएगा जब बिहार यूपी से आए बदमाश पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे । राजधानी में जिस रफ्तार से पिछले तीन महीने अपराध का ग्राफ बढ़ा है और प्रापर्टी डीलर की हत्या की कोशिश की गई थी उसे पुलिस सामान्य घटना मानकर हल्के में ले रही है। तस्करी से लेकर चाकूबाजी के मामले में जो आरोपी पकड़े गए उनका कनेक्शन सीधे यूपी से होने का खुलासा खुद पुलिस कर रही है। ये लोग यहां कमाने-खाने आकर मेहनत मजदूरी कम अपराध को ज्यादा अंजाम दे रहे है। मामूली जमानती धारा के अपराध में निजी मुचलके पर छोड़ दिया जा रहा है। जिसके कारण गुंडे बदमाशों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। साथ ही अपराधियों से पुलिसवालों से जान पहचान बढऩे से कही भी फंसने पर पुलिस वाले का नाम बताकर थाने से निकल जाते है। फेरी लगाने वाले सभी व्यापारियों का यूपी से कनेक्शन शहर में फेरी वाले कपड़ा, सर्फ डिटरजेंट, सौंदर्य प्रसाधन, बाल्टी,कंबल, शाल सहित सीजनल धंधा करने वालों का मुसाफिरी दर्ज ही नहीं होता है। ये कारोबारी सीजन के हिसाब से छत्तीसगढ़ आकर धंंधा करते है। उनके साथ उनकी पूरी बटालियन साथ रहती है। जो मौका देखकर अपराध को अंजाम देने से भी नहीं चूकते है।

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