छत्तीसगढ़

मरम्मत के अभाव में बलौदाबाजार-रायपुर सडक़ पर दुर्घटना की आशंका

Shantanu Roy
10 July 2022 5:45 PM GMT
मरम्मत के अभाव में बलौदाबाजार-रायपुर सडक़ पर दुर्घटना की आशंका
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बलौदाबाजार। मुख्यालय से राजधानी रायपुर को जोड़े वाली एक मात्र सडक़ विभागीय लापरवाही व मरम्मत के अभाव में किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण दे रही है। इस सडक़ मार्ग पर वैसे ही सप्ताह के सातों दिन ट्रैफिक का काफी दबाव रहता है। बलौदाबाजार जिले के अधिकांश इलाके को रायपुर से जोडऩे के लिए इस सडक़ का ही उपयोग किया जाता है। बिलासपुर तथा जांजगीर-चांपा जिले के लोगों को राजधानी जाने के लिए यही एकमात्र सडक़ सबसे कम दूरी वाली उपलब्ध है। इस सडक़ का निर्माण लगभग पांच वर्ष पूर्व किया गया था जिसकी कुल दूरी 84 किमी है। इस मार्ग पर बलौदाबाजार से लेकर खरोरा तक की सडक़ मरम्मत तथा रखरखाव के अभाव में ज्यादा ही खराब हो चुकी है।

इस मार्ग में बलौदाबाजार के समीप खोरसी नाला पर एक बड़े अर्ध-चंद्राकार पुल का निर्माण किया गया था। पुल के सभी जोड़ों के दोनों हिस्सों में कई जगहों पर सडक़ दब गई है, जिसकी वजह से सडक़ पर स्पीड ब्रेकर जैसा बन गया है। जिस पर कई बार दो पहिया वाहन तथा छोटी मोटर कार अनियंत्रित उछाल का शिकार भी हो रहे हैं। पुल से नीचे उतरते ही पहली छोटी पुलिया जो पड़ती है उस पर भी भारी वाहनों के दबाव के चलते सडक़ बैठ गई जिससे पुलिया के दोनों तरफ गड्ढा बन गया है। उस पर आए दिन मोटर साइकिल सवार गिर रहे हैं।

बड़ी नहर पर बने छोटे पुल पर भी बड़े-बड़े गड्ढे
सबसे बुरी स्थिति बलौदाबाजार से 30 किमी दूर स्थित संडी गांव के बाद पडऩे वाली बड़ी नहर के ऊपर बने छोटे पुल की है। उस पुल पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं। गड्ढों का आकार का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि एक पूरी मोटर साइकिल उस गड्ढे में फंस सकती है। छोटी कार के चारों पहिए उस विशालकाय गड्ढे में समा सकते हैं। पुल के ऊपर कई जगहों पर टूटे हुए स्लैब के सरिए निकले हुए हैं जिस पर तीन दिनों पूर्व मुरूम और बजरी डालकर दबाने का प्रयास किया गया था जो कल रात हुई वर्षा के बाद पुन: दिखने लगे हैं।
फोरलेन बनाने की मांग
बीते दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा बलौदाबाजार-रायपुर सडक़ के चौड़ीकरण कार्य को मंजूरी दी गई थी। जिस पर बलौदाबाजार के कई संगठनों द्वारा इस मार्ग की व्यस्तता तथा ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए फोर-लेन सडक़ की मांग की गई थी। जो समय की बचत व लोगों के जान माल की सुरक्षा को देखते हुए अनिवार्य और आवश्यक है।
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