छत्तीसगढ़

पिता ने शहीद बेटे कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

Nilmani Pal
15 Nov 2021 10:04 AM GMT
पिता ने शहीद बेटे कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
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रायगढ़। रायगढ़ में शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पार्थिव देह पर कर्नल विप्लव त्रिपाठी के पिता सुभाष त्रिपाठी के साथ उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पार्थिव शरीर को रामलीला मैदान में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है.

सीएम भूपेश बघेल का ट्वीट - शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अनुजा त्रिपाठी और पुत्र अबीर त्रिपाठी की शहादत को हम सब कोटि-कोटि नमन करते हैं।

कर्नल विप्लव के दादा किशोरी मोहन त्रिपाठी जोकि संविधान निर्माता समिति के सदस्य थे। वे रायगढ़ के प्रथम मनोनीत सांसद भी नियुक्त हुए थे। शहीद के पिता सुभाष त्रिपाठी एक अखबार के संपादक और रायगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष हैं। इनकी मां पेशे से डॉक्टर हैं और अनाथालय में मुफ्त सेवाएं देती हैं। विप्लव के छोटे भाई अनय त्रिपाठी भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। शहीद कर्नल विप्लव क जन्म 1980 में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई रायगढ़ में ही हुई। इसके बाद वे पढ़ने के लिए मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल चले गए। साल 2001 में उन्होंने सेना जॉइन की थी। नौकरी करते हुए उन्होंने डिफेंस स्टडीज में एमएससी किया। इसके बाद उन्हें प्रमोशन दिया गया और उनकी तैनाती असम राइफल्स में की गई।

शहीद कर्नल के मामा राजेश पटनयक ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले विप्लव की पोस्टिंग मणिपुर में हुई थी। उससे पहले वह मेरठ कैंट में थे। करीब एक साल पहले वे अंतिम बार रायगढ़ आए आए थे। मामा ने बताया कि विप्लव बेहद ही शांत और नम्र स्वभाव के थे। कभी-कभी तो लोगों को आश्चर्य होता था कि वे सेना में कैसे चले गए। शहीद विप्लव की पत्नी अनुजा ओडिशा की रहने वाली थी। 37 वर्षीय अनुजा भी हमले के समय उनके साथ थीं। उग्रवादियों ने उनके काफिले पर तब घात लगाकर हमला किया, जब कर्नल रोजाना की तरह चेक पोस्ट का निरीक्षण करने निकले हुए थे। यह उनके रूटीन क हिस्सा था, लेकिन शनिवार को पत्नी और बेटा भी उनके साथ थे।

सबसे पहले कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव की गाड़ियों के काफिले में आगे चल रही गाड़ी में ब्लास्ट हुआ। बीच वाली गाड़ी में वह खुद अपने परिवार के साथ बैठे हुए थे। ब्लास्ट के बाद दोनों बची हुई गाड़ियों पर उग्रवादियों ने गोलियों की बौछार कर दी। कर्नल विप्लव और उनकी पत्नी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। बेटा गंभीर रूप से घायल था, लेकिन इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई।


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