कवर्धा। बोड़ला ब्लॉक के मुड़घुसरी पंचायत के आश्रित 111 आबादी के ग्राम बंजरिया के 9 सदस्यीय एक परिवार में 4 वयस्कों की तबियत अचानक बिगड़ गई, जिसमें ससुर और बहू की जान चली गई है और दो लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोड़ला में भर्ती हैं। चिकित्सकों की मानें तो दोनों भर्ती मरीजों की हालत ख़तरे से बाहर है। उक्त घटना के तत्काल बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा त्वरित रूप से बंजरिया गाँव व आस-पास के गावों में सर्वे किया गया एवं बोड़ला सेक्टर के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा सम्पूर्ण गाँव में शिविर लगाकर ग्रामवासियों की जाँच की गई। जाँच में सभी 109 ग्रामवासी स्वस्थ पाए गए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व ब्लॉक मेडिकल ऑफ़िसर बोडला द्वारा टीम सहित पहुँचविहीन बंजरिया गाँव में पहले कुछ किलो-मीटर मोटर-सायकल से और आख़री कुछ किलो-मीटर पैदल पहुँचकर ग्रामवासियों से स्थिति की जानकारी ली गई। सीएएचओ ने बताया कि इस दौरान पता चला कि शुक्रवार 30 सितंबर को दोनों मृतकों की तबियत बिगड़ने के बाद इलाज कराने के बजाए अंधविश्वास के चलते परिवार पूरी रात झाड़-फ़ूँक करवाते रहे । मितानिन को भी इसकी सूचना देने से मना किया गया, इसलिए इलाज के अभाव में दो मौत हुई है। दूसरे दिन 1 अक्टूबर शनिवार को ऐम्ब्युलेंस से 1 महिला को तथा रविवार को परिवार के अन्य 1 और सदस्य को जो अंध-विश्वास के कारण दूसरे गाँव बावापथरा में जाकर रह रहे थे, स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा समझाईश देकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोड़ला लाकर भर्ती किया गया। जिससे इलाज उपरांत अब सभी ठीक महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर उस घर के 3 छोटे बच्चों को भी चिकित्सालय में रखा गया है , हालांकि उन सभी को कोई भी बीमारी के लक्षण मौजूद नहीं है। दूषित पेयजल से होने वाले मौसमी उल्टी-दस्त की बीमारी फैलने पर सारा गाँव ही उसकी चपेट में आ जाता, लेकिन यहाँ केवल एक परिवार ही पीड़ित पाया गया है अतएव फ़ूड पॉइज़निंग ही इसका कारण मालूम हो रहा है।
इधर कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर पी एच ई विभाग द्वारा गांव के एकमात्र बोरिंग के पानी का सैम्पल लेकर जांच किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुजॉय मुखर्जी ने बताया कि गांव में अन्य सभी की स्थिति सामान्य है उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर पहुँचविहीन वनाचंल ग्रामों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लोगों के जांच व उपचार के अलावा उचित खान-पान व सफाई आदि के लिए परामर्श भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दूषित भोजन के खाने से फुड पॉइजनिंग होता है और उचित समय में उपचार न कराए जाने पर जान जाने का खतरा होता है।
उन्होंने बताया कि कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश पर मौसमी बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए ठंड आने से पहले से ही जनजागरूकता कार्यक्रम चलाकर डोर टू डोर सर्वे कराया जा रहा है। इसके पश्चात चिन्हांकित पहुच विहीन ग्रामों में सोमवार 3 अक्टूबर से स्वास्थ्य जांच शिविर लगाकर लोगों को स्वास्थ्य लाभ दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को जनता तक सरलता से पहुचाने के उद्देश्यों से लगातार प्रयास जारी है। इसी कड़ी में जिले के लोहारा विकासखण्ड के 5, पंडरिया के 14 और बोड़ला के 21 चिन्हांकित पहुँचविहीन ग्रामों में स्वास्थ्य जांच व दवा वितरण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।