![बेटियों से दुष्कर्म करने वाला हैवान बाप अरेस्ट बेटियों से दुष्कर्म करने वाला हैवान बाप अरेस्ट](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/10/19/2129619-untitled-38-copy.webp)
बिलासपुर। चकरभाठा पुलिस ने अपनी ही बेटियों से दुष्कर्म करने के आरोपी पिता के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत आखिरकार अपराध दर्ज कर लिया है। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इसके पहले पुलिस आरोपी को निर्दोष बताकर कार्रवाई नहीं कर रही थी, पर सामाजिक संगठनों की चेतावनी के बाद अपराध दर्ज किया गया।
चकरभाठा इलाके की इस घटना को वहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रियंका सिंह ने सबसे पहले सामने लाया था। दोनों पीड़ित बच्चियां आंगनबाड़ी केंद्र में नहीं पहुंची तो वह उनका हाल-चाल जानने के लिए उनके घर गई। वहां एक बच्ची ने बताया कि उसे पैर में चोट है इसलिए वह नहीं आ रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने देखा कि बच्ची को पैर में चोट नहीं बल्कि कोई दूसरी ही समस्या है। उसे मामला संदिग्ध लगा तो उसने बच्चियों से अलग से पूछताछ की। तब बच्चियों ने बताया कि रात में पिता उनके साथ गलत काम करते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने तुरंत चाइल्ड लाइन को फोन किया। वहां से पहुंची टीम दोनों बच्चियों को लेकर चली गई। वहां बाल संरक्षण समिति के सामने बच्चियों का बयान दर्ज हुआ। इसके बाद उनको एक बाल गृह में सुरक्षित सौंप दिया गया है। इन बच्चियों की मां घर छोड़कर किसी दूसरे के साथ जा चुकी है।
इधर चकरभाठा पुलिस चाइल्ड लाइन की टीम के बुलाने पर गांव पहुंची थी। बाल संरक्षण समिति और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दिए गए बयान की भी उसे जानकारी हो गई थी, इसके बावजूद वह रिपोर्ट नहीं लिख रही थी और न ही इस मामले को सामने लाने वाली कार्यकर्ता को मिल रही धमकी पर कोई कार्रवाई कर रही थी। यही नहीं चकरभाठा के थाना प्रभारी मनोज नायक ने एक बयान जारी कर यह भी कहा कि पिता अपनी बच्चियों का बहुत ख्याल रखता है। मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह कभी-कभी शराब पी लेता है, जिससे बच्चियां डर गई होंगी। पुलिस ने पिता के बचाव में कहा कि मेडिकल परीक्षण में बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि नहीं हुई है।
पुलिस के एफआईआर दर्ज नहीं करने पर सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला ने इस मामले को उठाया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बच्चियों को रेस्क्यू किए जाने के 10-12 दिन बाद उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया। मेडिकल परीक्षण कराने के पहले एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई, जबकि बच्चियों का बयान रेस्क्यू के दिन ही सामने आ चुका था।
इस मामले को बाद में गुरु घासीदास सेवादार संघ ने भी पत्रकार वार्ता लेकर उठाया और दो दिन के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। इसके बाद 17 अक्टूबर को रेप के आरोपी पिता को पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 6 के तहत गिरफ्तार किया है। एसएसपी पारुल माथुर ने इस मामले में चकरभाठा पुलिस को यह कहकर फटकार लगाई कि मेडिकल परीक्षण में रेप की पुष्टि नहीं होने के बावजूद बच्चियों के बयान के आधार पर केस दर्ज किया जा सकता है।