छत्तीसगढ़

किसानों की चिंता हुई दूर: खेती-किसानी बना लाभकारी व्यवसाय

Shantanu Roy
6 April 2022 4:25 PM GMT
किसानों की चिंता हुई दूर: खेती-किसानी बना लाभकारी व्यवसाय
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छग

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार के किसान हितैषी फैसलों से साल दर साल धान खरीदी का नया कीर्तिमान बन रहा है। मुख्यमंत्री की पहल पर अब खेती-किसानी छत्तीसगढ़ में लाभकारी व्यवसाय बन गया है, इससे प्रदेश के किसानों की चिंता दूर हुई है। उल्लेखनीय है कि चालू खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 21.77 लाख किसानों से सुगमतापूर्वक लगभग 98 लाख मीटरिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की गई है। धान खरीदी के एवज में किसानों को इस वर्ष लगभग 20 हजार करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है।

किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष धान उपार्जन केन्द्रों की संख्या में वृद्धि की गई है। इस वर्ष 173 नये धान उपार्जन केन्द्रों के साथ कुल 2484 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी की गई है। धान खरीदी के लिए सरकार की सराहनीय पहल और नीतियों को किसानों ने काफी सराहा है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 2020-21 में 2311 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 20.53 लाख किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 92.02 लाख मीटरिक टन धान का उपार्जन किया गया था।
विगत वर्ष 2020-21 किसानों से 24.87 लाख हेक्टेयर में धान खरीदी की गई थी। जबकि वर्ष 2021-22 में 26.48 लाख हेक्टेयर में धान की खरीदी की गई। इस प्रकार गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 01 लाख 23 हजार 819 अधिक किसान लाभान्वित हुए एवं 01 लाख 61 हजार हेक्टेयर अधिक रकबे में खरीदी सुचारू रूप से की गई। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग 5.96 लाख मीटरिक टन अधिक धान खरीदी की गई।
मुख्यमंत्री की पहल पर अनेक चुनौतियों के बावजूद बारदाना व्यवस्था करने में भी राज्य सरकार ने सफलता हासिल की है। खरीफ वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ की जरूरत से काफी कम मात्र 2 लाख 11 हजार 941 गठान बारदाना जूट कमिश्नर से प्राप्त हुआ। इसी तरह विगत वर्ष 2020-21 में केवल 01 लाख 9 हजार 696 गठान प्राप्त हुए थे। इस वर्ष छत्तीसगढ़ विपणन संघ एवं खाद्य संचालनालय के अथक प्रयास से 01 लाख 02 हजार 245 गठान अतिरिक्त जूट बारदाना प्राप्त हुए, जिससे खरीदी सुगमता पूर्वक हुई।
मुख्यमंत्री की पहल पर इस वर्ष धान खरीदी के साथ की कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव खरीदी शुरू होने के साथ ही प्रारंभ कर दिया गया था। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राईस मिलरों का उत्साहवर्धन करते हुए केन्द्र सरकार द्वारा 61.65 लाख मीटरिक टन अरवा चावल जमा करने के लक्ष्य को पूरा करने का आव्हान किया, जिसके परिणाम स्वरूप खरीफ वर्ष 2021-22 में 31 मार्च की स्थिति में 97.98 लाख मीटरिक टन में से 75 लाख मीटरिक टन धान का डी.ओ. जारी हुआ।
इस प्रकार 76.54 प्रतिशत धान सीधे समिति से उठाव कर लिया गया है। जबकि विगत वर्ष 2020-21 में 31 मार्च की स्थिति में 92.01 लाख मीटरिक टन में से 46 लाख मीटरिक टन का डी.ओ. जारी किया गया था। इस प्रकार 49.99 प्रतिशत धान का डी.ओ. समिति से जारी हुआ था। विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष मिलरों द्वारा धान समिति से 26.55 प्रतिशत अधिक उठाव किया गया। उपार्जन केन्द्रों से धान उठाव के साथ-साथ कस्टम मिलिंग व्यवस्था में भी तेजी से काम किया जा रहा है। खरीफ वर्ष 2021-22 में 31 मार्च की स्थिति में भारतीय खाद्य निगम में 17.88 लाख मीटरिक टन में चावल और नागरिक आपूर्ति निगम में 15.85 लाख मीटरिक टन चावल जमा किया गया।
वहीं विगत वर्ष 2020-21 में 31 मार्च की स्थिति में भारतीय खाद्य निगम में 8.49 लाख मीटरिक टन और नागरिक आपूर्ति निगम में 15.67 लाख मीटरिक टन चावल जमा किया गया था। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि राज्य शासन द्वारा खरीफ वर्ष के दौरान धान उपार्जन हेतु लिए गए कुल ऋण राशि से माह मार्च तक विगत वर्ष की तुलना में अधिक वास्तविक ऋण राशि का भुगतान किया गया। खरीफ वर्ष 2021-22 में 7104.42 करोड़ रूपये की ऋण राशि का भुगतान किया गया है। जबकि विगत वर्ष 2020-21 में समान समयावधि में 5443.63 करोड़ ऋण राशि का भुगतान किया था। इस प्रकार पूर्व वर्ष की तुलना में इस वर्ष 1660.79 करोड़ राशि का अधिक भुगतान ऋण अदायगी हेतु किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि नागरिक आपूर्ति निगम से खरीफ वर्ष 2021-22 में 31 मार्च की स्थिति में 5327.56 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हुई, विगत वर्ष 2020-21 में समान समयावधि में 4336.31 करोड़ राशि प्राप्त हुई थी। इस प्रकार इस वर्ष 991.25 करोड़ रूपए की राशि अधिक प्राप्त हुई है। इसी प्रकार भारतीय खाद्य निगम से खरीफ वर्ष 2021-22 में 31 मार्च की स्थिति में 2078.55 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हुई है, जबकि विगत वर्ष 2020-21 में समान समयावधि में 1425.65 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हुई थी, इस प्रकार इस वर्ष 652.9 करोड़ रूपए की राशि अधिक प्राप्त हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि पूर्व वर्ष की तुलना में भारतीय खाद्य निगम, नागरिक आपूर्ति निगम तथा राज्य शासन से अधिक राशि प्राप्त होने के कारण ब्याज मद में 29.87 करोड़ रूपए कम भुगतान किया गया। जिसके कारण विपणन संघ को ब्याज हानि से बचाया जा सका। ब्याज भुगतान की राशि के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि खरीफ वर्ष 2021-22 में 31 मार्च की स्थिति में 388.81 करोड़ रूपए की राशि का ब्याज भुगतान किया गया। जबकि विगत वर्ष में 418.68 करोड़ रूपए की राशि का ब्याज भुगतान किया गया था। इस प्रकार विगत वर्ष की तुलना में 29.87 करोड़ रूपए की राशि का कम भुगतान ब्याज मद में किया गया।
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