किसान अब मालिकाना हक से करेंगे खेती, मिला वन अधिकार मान्यता पत्र
गरियाबंद। वन अधिकार पत्र मिलने से जिले के आदिवासी और विशेष पिछड़ी जनजाति कमार, भुंजिया वर्ग के वन अधिकार पत्र हितग्राही पूरे आत्मविश्वास व मालिकाना हक से खेती कर रहे है। अब तक जिले के 21 हजार 265 परिवारों को वन अधिकार पत्र प्राप्त शासन द्वारा प्रदान किया जा चुका है। जिले के संवेदनशील ग्राम दर्रीपारा में आयोजित जनसमस्या निवारण शिविर में पहुंचे ग्राम नवागांव के हितग्राही सोमलाल ध्रुव को यहां वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि वे शासन से वन अधिकार पत्र से मिली जमीन 05 एकड़ में मालिकाना हक के साथ किसानी कर रहे है। उन्होंने बताया कि पहले चराई का डर था, साथ ही जमीन पर मालिकाना हक नहीं होने से डर कर खेती करते थे। आज स्थिति बदल गई है। अब हम पुरे हक के साथ खेती कर रहे है। अब उन्हें धान, खाद, बीज लेने में कोई परेशानी नहीं होगी। उन्हें इस शिविर में वन अधिकार पत्र मिलने से ये सब उनकी चिंता दूर हो गई है। वे बताते है कि लगभग 05 एकड़ काबिज जमीन पर उनके पूर्वज खेती करते आ रहे थे। वन अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें पट्टा मिला। उन्होंने शासन को धन्यवाद दिया।