छत्तीसगढ़

पपीता की खेती के लिए किसानों को मिलेगी सहायता

Nilmani Pal
14 Nov 2022 5:09 AM GMT
पपीता की खेती के लिए किसानों को मिलेगी सहायता
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रायपुर। जिले में उद्यानिकी फसलों के जरिए किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए खनिज न्यास मद से भी मदद दी जाएगी। जिले में इसके लिए लगभग साढ़े सात सौ एकड़ रकबे में हाईब्रिड पपीते की खेती की योजना तैयार की गई है। इस पूरी योजना को खनिज न्यास मद से सहायता दी जाएगी। किसानों का चयन और अन्य जरूरी व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द पूरा कर विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश उद्यान विभाग के अधिकारियों को दिए गए है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे के अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला खनिज संस्थान न्यास की प्रबंधकारिणी समिति की दूसरी बैठक हुई। बैठक में कलेक्टर ने डीएमएफ मद से स्वीकृत विभिन्न कामों की समीक्षा की और अधिकारियों को तेजी से कामों को पूरा करने के निर्देंश दिए। उन्होंने किसी भी कारण से पूरे न हो सकने वाले कामों को चिन्हांकित कर उन्हें निरस्त करने को भी कहा। डॉ. भुरे ने डीएमएफ मद से पूरे हो चुके सभी कामों के उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण-पत्र भी जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देंश क्रियान्वयन एजेंसियों को दिये। उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से खनन से प्रभावित गांवो के लिए डीएमएफ मद से विकास योजनाएं बनाने के निर्देंश दिए।

बैठक में कलेक्टर डॉ. भुरे ने इस वर्ष के लिए स्वीकृत 75 करोड़ रूपये की कार्य योजना पर भी चर्चा की। उन्होंने डीएमएफ के प्रावधानों के अनुसार उच्च प्राथमिकता के क्षेत्र में 60 प्रतिशत और अन्य क्षेत्रों में 40 प्रतिशत राशि ही खर्च करने के सख्त निर्देंश अधिकारियों को दिए। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष के लिए स्वीकृत की गई कार्य योजना में उच्च प्राथमिकता क्षेत्र में 85 प्रतिशत और अन्य प्राथमिकताओं वाले क्षेत्र में केवल 15 प्रतिशत कार्य स्वीकृत किए गए है। जिले की डीएमएफ कार्य योजना में इस वर्ष खनन प्रभावित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष क्षेत्र में लगभग बराबर विकास कार्य स्वीकृत हुए है। वर्ष 2022-23 में कुल स्वीकृत कार्य योजना में से केवल साढ़े 14 प्रतिशत राशि ही भौतिक अधोसंरचना सेक्टर में स्वीकृत की गई है। इस वर्ष की कार्य योजना में उच्च प्राथमिकता के क्षेत्रों पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, महिला एवं बालविकास, मछली पालन, उद्यानिकी, पशुपालन, वृद्ध और निशक्त जन कल्याण, कौशल विकास रोजगार, स्वच्छता जैसे सेक्टर में लगभग साढे़ 56 करोड़ रूपये की योजनाएं मंजूर की गई है। इसी प्रकार अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों अधोसंरचना विकास, सिचाई, सार्वजनिक परिवहन, सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण, युवा कल्याण जैसे क्षेत्रों के लिए लगभग साढ़े 18 करोड़ रूपये की योजनाओं का अनुमोदन किया गया है।

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