राजनांदगांव। राजनांदगंाव जिले में धान के बाद दूसरी मुख्य फसल सोयाबीन ही है। जिले में चालू खरीफ मौसम के मद्देनजर कृषक ऊंची क्यारी विधि या रिज एंड फरो विधि से ही सोयाबीन की बोनी करेें। इस विधि से बोनी करने से खेत में जल भराव एवं जल की अधिकता के कारण बीजों में होने वाले सडऩ, पौध विगलन की दर काफी कम हो जाती है तथा पौधों की वृद्धि में सोयाबीन का अन्य बोनी विधि की तुलना में अधिक होती है। सोयाबीन की अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिये किसान प्रमाणित बीज का ही उपयोग करें तथा उचित बीजोपचार उपरांत ही बोनी करें। बीज को फंफूदनाशक, कीटनाशक एवं राइजोबियम कल्चर से उपचारित कर ही बोनी करें। सोयाबीन की अधिक फैलने वाली किस्मों के कतारों के बीच 40-45 से.मी. एवं कम फैलने वाले किस्मों के कतारों के बीज 30-35 से.मी. का अंतर रखना लाभप्रद होता है। एक ही कतार में पौधे से पौधे की दूरी 10-12 से.मी. रखनी चाहिए जिससे हवा एवं प्रकाश पौधे के निचले भागों में सुचारू रूप से पहुंचते हैं। जिनसे कीड़े व रोग लगने की आशंका कम हो जाती है।