छत्तीसगढ़

Kisan HMT के विकल्प देवभोग चावल का उत्पादन कर बढ़ा सकते हैं आय

Shantanu Roy
1 Jun 2024 2:24 PM GMT
Kisan HMT के विकल्प देवभोग चावल का उत्पादन कर बढ़ा सकते हैं आय
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छग
Sarangarh Bilaigarh: सारंगढ़ बिलाईगढ़। कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू Collector Dharmesh Kumar ने कृषि, सहकारिता, बीज निगम, मार्कफेड की संयुक्त बैठक ली। बैठक में बीज निगम के अधिकारी ने कहा कि एचएमटी चावल के विकल्प के रूप में किसान देवभोग बीज का उपयोग कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ देवभोग चावल की औसत उपज 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। छत्तीसगढ़ के कृषि वैज्ञानिक डॉ. संदीप भंडारकर ने बताया कि स्वर्णा चावल और जीराशंकर चावल को ब्रीड कर हमने छत्तीसगढ़ देवभोग चावल की किस्म बनायी है। इसकी विशेषता काफी सारी हैं। इसका जो दाना है वह माध्यम पतला दाना होता है। यह अधिकतम उत्पादन देने वाले किस्म में से है। छत्तीसगढ़ देवभोग चावल पकने के बाद की खुशबू दूसरे किस्मों से इसे अलग बनाती है। यही कारण है कि इसकी बाजार में डिमांड काफी ज्यादा है।

छत्तीसगढ़ की जितनी प्रीमियम रेंज की चावल है उसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 20 से 25 क्विंटल ही है, लेकिन छत्तीसगढ़ देवभोग चावल की औसत उपज 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। वहीं मार्केट में इसकी डिमांड भी काफी अधिक होती है। इसको देखते हुए लगातार कृषि विश्वविद्यालय के साइंटिस्टों द्वारा ऐसे चावलों की किस्मों का आविष्कार किया जा रहा है, जो प्रीमियम रेंज के तो हों लेकिन उसकी प्रोडक्टिविटी भी ज्यादा हो. ताकि यहां के किसानों का फायदा भी मिल सके। वे एक्सपोर्ट भी कर सके। इसी कड़ी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में स्वर्णा चावल और जीराशंकर चावल को ब्रीड कर छत्तीसगढ़ देवभोग चावल बनाया गया था। छत्तीसगढ़ के देवभोग चावल की तारीफ के लिए इतना काफी है भगवान श्रीराम के अयोध्या मंदिर के शुभारंभ पर इसी चावल से भोग के लिए चुना गया था और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा देवभोग चावल को भेजा गया है। एक और जनश्रुति है कि भगवान श्री जगन्नाथ के भोग के लिए भी देवभोग चावल का उपयोग किया जाता है।
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