शहर के आउटर में माफिया, नशा के सौदागरों, सटोरियों और तस्करों के ऐशगाह
बाबूलाल गली गोलबाजार से हटकर पहुंच गया फार्म हाऊसों में
फार्म हाऊस में इवेंट के नाम पर हो रहा विदेशी नृत्यंगनाओं का धूमधड़ाका
बैंकाक -पटाया जैसे मसाज की सुविधा भी फार्म हाऊस में उपलब्ध करा रहे आयोजक
रंगीन मिजाज दिल फेंक लोगों की रोज सजती है महफिल
शराब-शबाब और हुस्न का जलवा बिखर रहा है फार्म हाऊसों मेें
रोज लाखों की कमाई की सबसे बड़ा जरिया बना फार्म हाऊस
एडवांस पकिंग की सुविधा दे रहे इवेंट मैनेजर, कम पैसे ज्यादा फायदा,यही है बैंकाक पटाया
बाहर के नशे के सौदागर और माफिया रायपुर और आसपास फार्महाऊस किराए पर लेकर वेश्यालय और रंडीखाना चला रहे हैं
रायपुर। फार्म हाउस में देश भर के माफिया गिरोह का जबरदस्त पकड़ है। दूसरे राज्यों से यहां फरारी काटने तगड़ी फीस देकर फरारी का समय अय्याशी में गुजारते है। माफिया सरगना, यहां अपने गुर्गों के साथ फार्म हाउस में पूरे शान-ओ-शौकत का इंतजाम करवाते है। उसके बदले फार्म हाउस मालिकों को एक महीने में करोड़ों रुपए देकर उपकृत करते है। देश भर के अपराधियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना फार्म हाउस बना हुआ है। यहां पुलिस आसानी से नहीं पहुंचती और पहुंचती है तो छुटभैया नेता मामले को सलटा लेते है। फार्म हाउस वालों ने छुटभैया नेताओं को कानूनी सलाहकरा बना रका है उसके बदले हर महीने उन्हें नजराना दिया जाता है। जो लाकों में होती है।
राज्य विभाजन के बाद काले कारोबारियों ने राजधानी रायपुर को सबसे सुरक्षित ठिकाना मानकर 2000 में सस्ते दाम में किसानों से जमीन लेकर फार्म हाउस बनाकर छोड़ दिया और अब 20 साल नशे के सौदागर इसका उपयोग कर रहे है। फार्म हाऊस को मिनी थियेटर का रूप देकर यहां कला के नाम पर नग्नता परोसने का काम सालों से चल रहा है। राजधानी के आऊटरों में बने फार्म हाउस इन दिनों अपने कारनामों से सुर्खियों में है। यहां ड्रग से लेकर नशे के सारे सामान उपलब्ध कराते है। इन फार्म हाऊसों को नवधनाढ्यों ने किराए में लेकर इसे नशेडियों का सुरक्षित अड्डा बना रखा है।
फार्म हाउस वैश्यावृत्ति का अड्डा
फार्म में कभी लोगों की जिंदगी के शान-ए-शौकत और धनवान होने की पहचान के नाम से जाना जाता था, लेकिन पिछली 20 -25 सालों से यह फार्म हाउस वैश्यावृत्ति का अड्डा बन चुका है। होटलों में किराया प्रतिदिन लगाने वाले लाखों के किराए देने के बजाय आयोजकों ने सस्ता वाला रास्ता निकल लिया है। सस्ते में 10-20 हजार रुपए मासिक किराए पर फार्म लेकर खुले आम नंगा नाच करने का लाइसेंस ले लिया है। फार्म हाउसों में रेड कारपेट में काला काम किया जा रहा है। देश भर के माफिया, सरगना, सटोरिए, गांजा, चरस, अफीम के तस्करों का अड्डा फार्म हाउस बना हुआ है। जो यहां नशीले सामानों की सप्लाई के साथ इंजाय करके अपने अड्डे पर वापस चल जाते है। यहां पर आयोजक पढ़ाई के लिए आने वाले छात्र-छात्राओं को टारगेट करते है। ग्लैमर के चक्कर में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई छोडक़र इवेंट मैनेजरी करनी पड़ रही है।
सौदागरों को खुश करने नग्न पार्टी
सभी फार्म हाउस में नंगी पार्टी का दौर रायपुर में नया नहीं है । लगातार पिछले डेढ़ दो सालों से फार्म हाउस में पार्टी का चलन रायपुर जि़ले के आस पास अमलेश्वर से शुरू होकर वीआईपी रोड, नया रायपुर, उपरवारा, माना, धरसींवा, सड्डू, सेजबहार, कोलर, छछानपैरी, पुराना धमतरी रोड, बलौदाबाजार रोड, दुर्ग-भिलाई रोड, कुम्हारी, अहिवारा रोड के फार्म हाउस में खुले आम वैश्यावृत्ति और नशे का सामान परोसा जा रहा है। नशे के सौदागर नग्न पार्टी के आयोजक अपना ठिकाना बदलकर रायपुर जि़ले के आसपास के फार्म हाउस को किराया में ले रहे जिसके चलते अचानक फार्म हाऊसों को किराया में बेहताशा वृद्धि हुई है । इसका एकमात्र कारण है नशे के सौदागर नग्न पार्टी के आयोजक अब होटलों में पकड़े जाने के डर से खुले आसमान के नीचे फार्म हाऊस की ओर अपना रुखकर लिए है। इन फार्म हाउसों में दिल्ली, पुणे, मुंबई, यूपी से आकर नशे के सौदागर नग्न पार्टी का आयोजक बनकर लाखों के फार्म हाउस में करोड़ों की कमाई कर रहे है। रायपुर के आस पास के चारों तरफ फार्म हाउस में आजकल इवेंट और मोटीवशन के नाम पर फार्म को किराया में लेकर आयोजक सारी सुविधा उपलब्ध करा रहे है। जिसका असर अब यह दिखने लगा है कि दूर दराज के फार्म हाउस जिसे कोई पांच हजार रुपए महीने किराया में नहीं लेता उसे लाखों रुपए में किराया पर लोग ले रहे है। मनमाना किराया देकर फार्म हाउस किराये में लेकर फुल नंगई करते है।
पहुंचता है लाखों का सलाम
ग़ौरतलब है कि रायपुर जि़ले में लगभग 4 हज़ार से ऊपर फार्म हाउस ख़ाली पड़े हैं जिसका फ़ायदा उठाते हुए जिस्म का सौदा करने वाले सौदागर नंगी पार्टी के आयोजक, नशे के सौदागर, माफिया बाहर से आकर फार्म हाउस में नंगी पार्टी का आयोजन देर रात तक कर रहे हैं। पुलिस के संज्ञान में होने के बावजूद कार्रवाई करने के लिए हाथ बँधे हुए होते हैं । अधिकांश पुलिसवालों को थाना इंचार्ज को पार्टी की जानकारी होती है और प्रतिमाह फ़ॉर्म हाउस के मालिक पुलिस को लिखित में जानकारी देते हैं जिसके अनुसार पुलिस को ख़ामोश करने लाखों का सलाम पहुंचाया जाता है। ताकि किराये में लेने वालों की सूची उपलब्ध होती रहे है।