छत्तीसगढ़

मानदेय बढ़ाना दूर, होमगार्ड्स को एरियर्स के भी लाले

Admin2
14 July 2021 5:50 AM GMT
मानदेय बढ़ाना दूर, होमगार्ड्स को एरियर्स के भी लाले
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जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में जो नगर सैनिक जो दिन रात काम करते रहते है उनके वेतन में वृद्धि नहीं हो रही है, पुलिस विभाग में नगर सैनिकों के लिए कोई सुविधा नहीं है। नगर सैनिक आज भी अपनी पीड़ा जाहिर नहीं कर पा रहे है। कई बार नगर सैनिकों ने अपनी मांगों को सरकार के सामने लोगों का मानना है कि आज रायपुर शहर कई मामलों में बाकि शहरों से आगे रहता है लेकिन वही पुलिस विभाग के कर्मचारियों का मानना है कि उन्हें आज भी सायकल भत्ता ही मिल रहा है, वही नगर सैनिकों के वेतन बढ़ोत्तरी के मामले में रायपुर अब भी पिछड़ा हुआ है और रायपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में वेतन वृद्धि की सिर्फ बातें होती है कभी वेतन बढ़ाया नहीं जाता। चौबीस घंटे ड्यूटी करने वाले नगर सैनिकों को आज महज 1900 ग्रेड पे मिलता हैं जो काफी कम है। नगर सैनिकों ने मांग भी की थी कि उनके काम के एवज में उन्हें कम से कम 2800 ग्रेड-पे वेतन मान दिया जाना चाहिए। वही पुलिस आरक्षकों का भी वेतन भत्ता नहीं बढ़ रहा। जिसकी वजह से विभाग के आरक्षक भी काफी नाराज़ भी है।

नगर सैनिकों के लिए कोई सुनवाई नहीं

नगर सैनिकों को तो छुट्टी में भी कटौती मिलती है। हफ्ते में एक बार छुट्टी मिलना अनिवार्य है मगर विभाग में अब नगर सैनिक छुट्टी नहीं ले पाते है, छुट्टी नगर सैनिक विभाग के आला अधिकारी देते नहीं है। एक नगर सैनिक ने नाम ना छापने के शर्त पर बताया उनकी तकलीफें कई ज्यादा है, समान काम-समान वेतन समेत पीएफ व 2 साल से लंबित एरियस के भुगतान की मांग पर सुनवाई नहीं हो रही है।

सायकल भत्ते को लेकर आरक्षक नाराज़

पुलिस विभाग में कार्यरत आरक्षकों को आज भी सायकल भत्ते में वृद्धि जैसी सुविधा नहीं मिल रही है, इनका वेतन व अन्य सुविधाएं आज भी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की ही तरह है। गर्मी, बरसात, ठंड हर मौसम में डबल ड्यूटी करने वाले इन जवानों की सुविधाएं बढ़ाने गृह विभाग और पुलिस विभाग गंभीर नहीं है। 15 से 20 साल की सेवा पूरी कर चुके आरक्षकों को भी अधिकतम वेतन 30 हज़ार से 32 हज़ार मिलती है। वही नव आरक्षकों को 20 से 22 हज़ार की सेलेरी मिलती है। वाहन भत्ते की जगह आज भी 18 रुपए की सायकल भत्ता दिया जा रहा है। महंगाई के दौर में जब किराये का एक कमरा 3 से 4 हज़ार रेंट पर मिलता है तब इन आरक्षकों को 800 रुपए मकान भत्ता मिल रहा है। वेतन और भत्ता में वृद्धि नहीं होने से इन जवानों में हताशा का माहौल है।

समय बदला, लेकिन नहीं बदले नियम

समय भले ही बदल गया हो, लेकिन नियम अभी भी पुराने ही चल रहे हैं। कई ऐसे भत्ते हैं, जो पहले के अनुसार चल रहे हैं। इसमें साइकिल भत्ता से लेकर, वर्दी भत्ता, विशेष वेतन और टीए भी शामिल होता है। नगर सैनिक एक शहर से दूसरे शहर सिर्फ व्यवस्थाओं को संभालने जाते है।

वर्तमान समय में आरक्षकों को हो रही दिक्क़ते

पुलिस विभाग के कर्मचारी दिन रात जनता की सेवा करने वाले आरक्षकों को आज भारी दिक्क्तों का सामना करना पड रहा है। वर्तमान समय में आरक्षकों को अपना गुजर बसर करने में बहुत सी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। हवाई जहाज और बुलेट ट्रेन के समय में आज भी पुलिसकर्मियों को सरकार द्वारा बनाए गए नियम के आधार पर ही साइकिल भत्ता, मेडिकल भत्ता, वर्दी धुलाई और पौष्टिक आहार के लिए भत्ता दिया जा रहा है। मगर बहुत कम मात्रा में दिया जाता है। पुलिसकर्मियों को जो भी भत्ता दिया जा रहा है वह वर्तमान समय में नहीं के बराबर है। आज एक तरफ अपराधी भी हाईटेक तरीके का इस्तेमाल कर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं वहीं सरकार पुलिस को हाईटेक बनाने के बजाए अपने नियमों पर ही उलझी हुई है।

सायकल भत्ता के नाम पर मिलती कम राशि

वर्तमान में कोई पुलिस कांस्टेबल साइकिल पर ड्यूटी करते नहीं दिखता मगर फिर भी आरक्षकों को सायकल भत्ता 18 रूपए दिया जाता है। आरक्षकों को वाहन भत्ते की जगह आज भी 18 रुपए का सायकल भत्ता ही दिया जा रहा है। वर्तमान समय में आरक्षक को दो पहिया में यात्रा करते हुए लोगों ने देखा है।पुलिस विभाग के आरक्षक व प्रधान आरक्षकों को 18 रुपये प्रतिमहीने साइकिल भत्ता मिलता है जबकि जिले के सभी पुलिसकर्मी समय के मुताबिक मोटर साइकिल की सवारी करते हैंं। शासन से मिलने वाले भत्ते में इस महंगाई के दौर में ट्यूब का पंचर बनवाना भी संभव नहीं हो पाता।

साइकिल भत्ता: 18 रूपए में माह भर सुधार

नियमों पर नजर डालें तो सरकार साइकिल भत्ता सिर्फ 18 रूपए देती है। यह भत्ता पुलिस आरक्षकों को पूरे माहभर के लिए दिया जाता है। सरकार से मिलने वाले भत्ते की रकम सिर्फ पंचर बनवाने में ही खत्म हो जाती है। साइकिल से संबंधित अन्य खर्चो के लिए कर्मचारियों को खुद से अतिरिक्त वहन करना पड़ता है।

वर्दी भत्ता:महीने भर धुलाई के लिए 60 रूपए

पुलिस विभाग में वर्दी धुलाई के लिए पुलिसकर्मियों को सिर्फ 60 रुपए दिया जाता है। यह भत्ता पूरे एक माह के लिए होता है।लेकिन बाजार में वर्दी धुलवाने के लिए एक बार में ही 50 से ज्यादा रूपए का खर्च हो जाता है।

विशेष वेतन आरक्षक से इस्पेक्टर तक 18 रु

पुलिस विभाग में विशेष भत्ता के तौर पर पुलिसकर्मियों को 18 रूपए मिलता है। इसमें आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर तक के पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है। इन्हे सिर्फ विशेष वेतन के नाम पर माह में एक बार 18 रूपए दिया जाता है। पुलिस विभाग के आला अधिकारी प्रधान आरक्षक और आरक्षकों को सुविधा देने में दोहरा मापदण्ड अपना रहे हैं। एक ओर पेट्रोलिंग करने वाले आरक्षकों को दो पहिया वाहन और पेट्रोल की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं दूसरी ओर प्रधान आरक्षकों को सिर्फ साइकिल भत्ता दिया जा रहा है। प्रधान आरक्षकों से अपराधिक मामलों की विवेचना का काम सौंपा जाता है और इस काम के लिए उन्हें लोगों के बयान लेने और विवेचना करने के लिए थाने से कई किलो मीटर दूर तक आना जाना पड़ता है।

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