मर्डर की झूठी कहानी: प्रधानमंत्री कार्यालय, SP और DGP को पत्र लिखने वाली महिला गिरफ्तार
बिहार के मधेपुरा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. पत्नी तीन महीने से अपने पति के अपहरण और हत्या की शिकायत विभिन्न थानों में कर रही थी. अचानक पति जिंदा निकल गया. इस पूरी कहानी के पीछे परिवार में चल रहे विवाद के पीछे साजिश की बड़ी कहानी निकलकर सामने आई है. जिसे सुनने के बाद किसी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे. लोग सोचने पर विवश हो जाएंगे कि कोई ऐसा भी कर सकता है.
मामला मधेपुरा के सिंहेश्वर थाना का है. जहां मृत पति की पत्नी रीना देवी ने अपने पति सुधीर सिंह की हत्या और अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था. रीना देवी ने प्राथमिकी में पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था. रीना देवी ने आरोप लगाया था कि उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद आरोपियों ने उसके पति का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी है. रीना लगातार इंसाफ के लिए पुलिस के साथ आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बड़े-बड़े लोगों से गुहार लगाने लगी. रीना देवी ने परिवार के ही लोगों पर पति की हत्या का आरोप लगाने के बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए पीएमओ, एसपी और डीजीपी को पत्र लिखकर गुहार लगाई थी. आरोपी परिजन परेशान थे. शिकायत के बाद सिंहेश्वर थाना पुलिस लगातार आरोपी परिजनों को परेशान कर रही थी. उसके बाद आरोपी परिजन कथित रूप से मृतक सुधीर सिंह की तलाश में जुट गए. परिजनों ने सुधीर सिंह को नेपाल तक जाकर खोजा, लेकिन कुछ भी पता नहीं चला.
रीना देवी की साजिश में चारों तरफ से घिर चुके आरोपी परिजनों ने सुधीर सिंह की नये सिरे से तलाश शुरू की. हर गली मुहल्ले और इलाके में सुधीर सिंह की तस्वीर को बांट दिया. अचानक आरोपी परिजनों को सूचना मिली की कथित मृतक सुधीर सिंह अपने ससुर के साथ क्रिश्चियन मिशन अस्पताल में भर्ती है और वहां अपना इलाज करा रहा है. उसके बाद आरोपी परिजनों ने सुधीर सिंह की कई दिनों तक रेकी की और उसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी.
पूरे मामले के जांच अधिकारी आईओ उमेश यादव ने बताया कि पीड़ित आरोपी अचानक क्रिश्चियन मिशन अस्पताल पहुंचे. वहां पर उन्होंने सुधीर सिंह को पूरी तरह ठीक-ठाक और जिंदा पाया. उसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कथित मृतक और आरोप लगाने वाली उसकी पत्नी रीना देवी से पूछताछ की है. पुलिस पूरे मामले की दोबारा जांच कर रही है कि आखिर इस साजिश के पीछे मकसद सिर्फ फंसाने का था या फिर कुछ और था.