छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के बाजारों में खप रहा नकली नोट

Nilmani Pal
9 Jan 2023 6:24 AM GMT
छत्तीसगढ़ के बाजारों में खप रहा नकली नोट
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नकली नोट के धंधे में नक्सलियों से लेकर सफेदपोश...

छुटभैय्ये नेता, सट्टा-जुआ के अवैध कारोबारी भी शामिल

बस संचालक अपनी बसों से नकली नोटों का कर रहे परिवहन

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी सहित छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में नकली नोट के कारोबार ने अपना पांव जमा लिया। पूरा प्रदेश नकली नोट खपाने की मंडी बन गया है। कुछ साल पहले तक नकली नोट नक्सलगढ़ के बाजारों में खपाए जा रहे थे लेकिन अब यह राजधानी सहित सभी जिलो में खपाए जा रहे हैं। नकली नोट का धंधा करने वाले कई गिरोह छत्तीसगढ़ में सक्रिय हैं। यहां के बाजारों में पांच से छ: करोड़ के नकली नोट खपाने का अनुमान है। नोटबंदी के बाद से राज्य में पकड़े गए नकली नोट के कई मामलों से इसका अनुमान लगाया जा सकता है। नकली नोट के कारोबार में छूटभैय्ये नेता, कुछ असामाजिक तत्व, सट्टा और क्रिकेट के कारोबारी, जुआ अड्डे के संचालक से लेकर ट्रेवल व्यवसायी शामिल हैं। वहीं नक्सलवादी भी अपनी आर्थिक जरूरतों के लिए नकली नोट के कारोबारियों से सांठगांठ रखते हैं। नकली नोट के कारोबार में जबरदस्त कमाई को देखते हुए जुए के अड्डे सत्य अड्डे के संचालक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं नकली नोट के कारोबार में सबसे ज्यादा साथ देने वाले छूटभैय्ये नेताओं को बैठे-बिठाए 10 पर्सेंट कमीशन मिलता हैं। जानकारों के अनुसार नकली नोट के कारोबार में 40 फीसदी का शुद्ध लाभ होता है। इसी 40 परसेंट के चक्कर में दो नंबर का धंधा करने वाले नकली नोट के कारोबार से जुड़ रहे हैं। नकली नोट के बाजार में पहुंचने से देश को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। नकली नोट के कारोबार को रोकने केंद्रीय एजेंसी, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि और राज्य इंटेलिजेंस ब्यूरो पूरी ताकत से जांच के साथ कार्रवाई कर रही हैं। जिससे इस अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सके। रायपुर के बाजार मेंदो दिन पहले कुछ नकली नोट खपा दिए गए हैं। इन नोट्स के बारे में जानकारी पुलिस जुटा रही है।

बाजारों में नकली नोट पहुंचाने में बस संचालकों की भूमिका

नकली नोट का कारोबार नक्सल प्रभावित जिलों के साथ अब राजधानी और समूचे जिले के बाजारों तक पहुंच गया है। साप्ताहिक व हाट-बाजारों से लेकर मेलों व छोटी दुकानों में नकली नोट खपाए जा रहे हैं। सट्टा और जुए के अडडे चलाने वाले भी नकली नोटों को बाजार में खपा रहे हैं। नकली नोटों के चलते इनमें गुटीय झगड़े भी होने लगे हैं। बाजारों और अवैध धंधा करने वालों तक नकली नोट पहुंचाने में ट्रेवल्र्स बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। राज्य में लंबी दूरी के साथ अंतररराज्यीय परिवहन सुविधा देने वाली ट्रेवल एंजेंिसयां, नक्सलियों से लेकर जुए-सट्टा के कारोबारियों तक नकली नोटों का परिवहन कर रहे हैं।

दो दिन पहले राजधानी में डेढ़ लाख के नकली नोट पकड़ाए

पुलिस ने गुरुवार को दो बदमाशों को पकड़ा है। इनके पास से 2000, 500 और 100 रुपए के नकली नोट मिले हैं। ये कुछ जगहों पर इन नोटों को खपा चुके थे। पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस ने नकली नोट के साथ शिव मनहरे और पराग रात्रे नाम के युवकों को पकड़ा है। खबर है कि ये छत्तीसगढ़ में नकली नोटों का रैकेट चला रहे थे। ये बात तब और पुख्ता हो गई जब पुलिस ने अरेस्ट हुए शिव का रिकॉर्ड चेक किया। शिव साल 2017 में नकली नोट के बड़े जखीरे के साथ गिरफ्तार हो चुका है। तब जांजगीर चांपा की पुलिस ने कार्रवाई की थी। जेल से छूटकर फिर से शिव इसी धंधे को आगे बढ़ा रहा था। पुलिस इससे जानकारी ले रही है।

पुलिस को खबर मिली थी कि रायपुर के चूनाभठ्ठी पास जाली नोट रखे हुए दो युवक घूम रहे हैं। पुलिस की टीम ने इन्हें घेरकर पकड़ लिया। पूछताछ में एक ने अपना नाम शिव प्रसाद मनहरे और दूसरे ने पराग रात्रे बताया। ये दोनों शक्ति जिले के रहने वाले हैं। इनके पास से 2000 के 93, 500 के 93 और 100 के 184 जाली नोट बरामद हुए हैं। जांजगीर की पुलिस को कुछ साल पहले जैजैपुर क्षेत्र के करौंवाडीह के छोटेलाल यादव के होटल में गांव के शिव नकली नोट खपाते मिला था। तब इससे पूछताछ के बाद पुलिस को बड़े रैकेट का पता चला था। इससे मिली जानकारी के बाद तब पुलिस ने ओड़ेकेरा निवासी अन्नू चौहान (34) को पकड़ा था इसके पास से कलर प्रिंटर, स्कैनर, इंक व जेके ब्रॉड पेपर मिले। ये छत्तीसगढ़ के जांजगीर, सक्ती जैसे इलाकों में रहकर नकली नोट छापते हैं। तब इस गैंग के पास से 12 लाख 30 हजार 500 रुपए के नकली नोट बरामद किए थे।

भानुप्रतापपुर उपचुनाव के दौरान भी पकड़ाए जाली नोट

कांकेर जिले के केशकाल ब्लाक अंतर्गत कुछ गांवों से जाली नोट मिलने की शिकायतें आई थी। कोंडागांव में पुलिस ने जाली नोट गिरोह को गिरफ्तार किया था, आरोपियो के कब्जे से 500 रूपये का 13 नग नकली नोट, 200 रूपये के नकली नोट, और 03 नग मोबाइल बरामद किए गए थे।

नक्सलगढ़ में फल-फूल रहा है नकली नोटों का कारोबार

छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ इलाके में नकली नोट बाजार पैर पसारने लगा है। बीते नवंबर महिने में पिछले कुछ दिनों से लगातार केशकाल इलाके ऐसे मामले सामने आ रहे है। जिसकी शिकायत भी जागरूक ग्रामीणों ने पुलिस से की है, और पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच में जुटी हुई है। नक्सलगढ़ के अंदरूनी इलाकों में हूबहू दिखने वाले नकली नोट सामने आए हैं। इससे पहले भी कई गांव में साप्ताहिक हाट-बाजारों नकली नोटो के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन लोग किसी परेशानी न पड़े इसलिए इसकी शिकायत नहीं करते। ईरागांव व धनोरा थाने में 100 व 500 के ही डुप्लीकेट नोटों के मिलने की रिपोर्ट दर्ज हुई है।

एक ही नम्बर के 500 के 3 डुप्लीकेट नोट दिखाए गए जो कि 2एसक्यू951524 नम्बर के है, इन्हें पहचानना मुश्किल हो रहा है। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इलाके में छोटे नोटों की जगह सीधे-बड़े नकली नोटों को ही खपाया जा रहा है। लेकिन पिछले दिनों केशकाल पुलिस अनुभाग के अंतर्गत ग्राम बिंझे व धनोरा इलाके में नकली नोट मिलने की सूचना के बाद लोगो ने लिखित में इसकी शिकायत ईरागांव थाने में की। पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है। लेकिन अब तक पुलिस को कोई ठोस सुराग हाथ नही लगा है।सूत्र बताते है कि इलाके में जुआ भी बड़े पैमाने पर चलता है, जिसमें न केवल जिले के बल्कि अन्य जिलों के जुआरी भी इसमें शामिल होते है। ऐसी जानकारी मिल रही है कि इन जुए के अडडों से नकली नोट बाजारों में पहुंचाए जा रहे हैं।

नोटों की साइज ही पहचान

नकली नोट बनाने वाले गिरोह नोटों की सटिक कापी कर बाजार में खपा रहे हैं। कई बार इसे बैंक वाले पकड़ नहीं पाते। वर्तमान में चलित नोट और नकली नोटों में सिर्फ अंतर 1 साइज का ही है एक नंबर साइज छोटी होने से नोट नकली कहलाती है। नकली नोट अमूमन बाजार में भीड़भाड़ वाले इलाके में सरपट दौड़ जाती है कई बार बैंक वाले भी इसे पकड़ नहीं पाते हैं। अल्ट्रावायलेट किरणें वाली मशीन से ही इसकी पहचान हो सकती है वरना नकली नोट पहचानने में अच्छे-अच्छे और बड़े व्यापारी भी धोखा खा रहे है। जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के प्रमुख शहरों में बेहिसाब नकली नोट बाजार में खपाई जा रही है।

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