आयुर्वेदिक दवाओं में मिलावट की भांडाफोड के बाद एक्शन में खाद्य एवं औषधि विभाग
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। मिलावटी आयुर्वेदिक दवाइयां वाताहरी वटी और चंदा वटी बाजार में धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। इसे लेकर औषधि प्रशासन विभाग ने सभी जिलोंं को पत्र लिखा है। और इसे जब्त करने के निर्देश दिए हैं। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जो भी मेडिकल स्टोर मिलावटी दवा बेच रहे हैं और कहने के बाद भी इसकी जानकारी खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग को नहीं दे रहे हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। पकड़े जाने पर लाइसेंस भी रद कर दिया जाएगा। बता दें कि अधिक मुनाफा के लालच में मिलावटी दवाएं बेची जा रही हैं।
और भी कंपनियों के नाम आ सकते हैं सामने : खाद्य और औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि मिलावटी दवाओं को लेकर जांच तेज की जाएगी। कई अन्य दवाओं के मिलावटी होने की आशंका है। ऐसे में दवा एजेंसियों व मेडिकल स्टोर में दवाओं से जुड़ी जानकारियां मांगी गई हैं। ऐसी संदेहास्पद कंपनियों की दवाएं, जिनका बाजार में दावा किया जा रहा है, उनकी जांच की जाएगी। खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी सूची बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
बता दें कि दो से चार फरवरी तक रायपुर और बलौदाबाजार में तीन दिनों तक छापामार कार्रवाई कर खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग ने 8.51 करोड़ से अधिक की मिलावटी आयुर्वेदिक दवा जब्त की है।
इसमें शारदा मेडिकल स्टोर सिमगा, बलौदाबाजार से पांच करोड़ रुपये, बजरंग आयुर्वेदिक एजेंसी (भारत माता चौक, बिरगांव व गीतांजलि नगर) रायपुर से 2.95 करोड़ रुपये, याशिका ट्रेडिंग एंड मार्केटिंग कंपनी शंकर नगर से 92 हजार और याशिका ट्रेडिंग वेयर हाउस बिरगांव से 28 लाख रुपये समेत कुल 8.23 करोड़ रुपये की मिलावटी आयुर्वेद दवाएं जब्त की गई हैं।
वहीं गोंदवारा के महादेव ट्रांसपोर्ट में 28 लाख रुपये की मिलावटी वाताहरी वटी जब्त की गई। अधिकारियों ने बताया कि इंदौर की चंदा आयुष कंपनी द्वारा इस दवा को बनाने की बात अब तक सामने आई है। इधर बजरंग आयुर्वेदिक एजेंसी गीजांजलि नगर में छापामारी के दौरान दवा बनाने की मशीन जब्त की गई है।
वहीं आधी दवाओं के डिब्बों में कंपनी का नाम और दवा से जुड़ी जानकारी नहीं थी। अधिकारियों को शंका है कि एजेंसी यहां भी दवा निर्माण करती है। सभी बिंदुओं पर औषधि प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि मिलावटी दवा को लेकर कार्रवाई के बीच जानकारी मिली कि इंदौर से ट्रक में भरकर गोंदवारा के महादेव ट्रांसपोर्ट में मिलावटी आयुर्वेदिक दवा लाई गई है, जो बजरंग आयुर्वेदिक एजेंसी की है। मामले में मिलावटी वाताहरी वटी आयुर्वेदिक दवा मिली। अधिकारियों ने दवा जब्त कर ली।
मिलावटी आयुर्वेदिक दवा को लेकर दो फरवरी को औषधि प्रशासन विभाग ने दो फरवरी को छापामार कार्रवाई की थी। इसमें शारदा मेडिकल स्टोर सिमगा, बलौदाबाजार से पांच करोड़ रुपये, बजरंग आयुर्वेदिक एजेंसी (भारत माता चौक, बिरगांव व गीतांजलि नगर) रायपुर से 2.95 करोड़ रुपये, याशिका ट्रेडिंग एंड मार्केटिंग कंपनी शंकर नगर से 92 हजार और याशिका ट्रेडिंग वेयर हाउस बिरगांव से 28 लाख रुपये समेत कुल 8.23 करोड़ रुपये की मिलावटी आयुर्वेद दवा जब्त हुई।
दवा इंदौर की चंदा आयुष कंपनी की बताई गई। चूंकि बजरंग आयुर्वेदिक एजेंसी गीतांजलि नगर में दवा निर्माण की मशीन मिली है। ऐसे में दवा यहां से भी बनने की बात सामने आ रही है। औषधि प्रशासन जांच में जुटी हुई है।
जब्त मिलावटी आयुर्वेदिक दवा में डाइक्लोफिनेक व एसिक्लोफिनेक जैसी एलोपैथी औषधि मिली पाई गई है। एजेंसियां इसे जोड़ों के दर्द व अन्य बीमारियों के लिए उपयोगी और जल्द राहत देने का दावा कर खपा रही हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा चिकित्सा विशेषज्ञ डा. संजय शुक्ला ने बताया कि इसमें एलोपैथी औषधि मिश्रित कर दी गई है। एलोपैथी दवा के लंबे समय तक उपयोग से किडनी, लिवर समेत अन्य अंगों को नुकसान होता है। आयुर्वेद में इसका मिश्रण खतरनाक है।रायपुर उप औषधि निरीक्षक बसंत कौशिक ने कहा, इंदौर से गोंदवारा के महादेव ट्रांसपोर्ट में मिलावटी दवा आई थी। हमने कार्रवाई कर दवा जब्त की है। यह दवा बजरंग आयुर्वेदिक एजेंसी के नाम से भेजी गई थी। मध्य प्रदेश औषधि प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई है। हम जल्द ही टीम वहां भेजेंगे।