मनमाने दामों में बेच रहे हैं नकली गुटखा, गुड़ाखू...नकली को असली बताकर निकाला कमाई का नया जरिया
demo
रायपुर (जसेरि)। राजधानी में नशा का कारोबार बढ़ते ही जा रहा है, इसके चलते अब पान ठेला में व्यापार करने वाले व्यापारी भी मनमाने दामों में गुटखा, सिगरेट तंबाकू, गुड़ाखू बेच रहे है। मगर ये सारे नशे के सामान भी नकली बेचे जा रहे है। आम लोग गुटखा, सिगरेट, तंबाकू का सेवन तो करते है मगर उन्हें ये नहीं पता होता जो वो खा रहे है वो दरअसल नकली होती है। जिसकी भनक नशेडिय़ों को भी नहीं है। तस्कर और पैडलर नशे का कारोबार पूरे जोर-शोर से चला रहे है। लॉकडाउन के समय में पान मसाला, जर्दा गुटखा, तंबाकू, गुड़ाखू, जर्दा, सिगरेट को प्रतिबंधित कर रखा था। लेकिन थोक कारोबारी इन सबकी जमकर कालाबाजारी कर रहे हैं। बंद शटर के भीतर से इन सप्लाई दोगुनी कीमत पर की जा रही है और दुकानदार तीन से पांच गुना कीमत पर ग्राहकों को बेच रहे हैं।
राजधानी का ऐसा कोई इलाका नहीं बचा है, जहां प्रतिबंधित और नकली पान मसाला, गुटखा, बीड़ी-सिगरेट की बिक्री न हो रही हो। पान मसाले के थोक विक्रेता बेखौफ होकर इनकी कालाबाजारी कर रहे हैं। ये शटर खोलकर प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। शहर के गोलबाजार, पंडरी, शंकर नगर, पुराना बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन रोड, गुढिय़ारी, पुरानी बस्ती, रायपुरा, टिकरापारा, देवपुरी, टाटीबंध, राजेंद्र नगर, खमतराई समेत आसपास के इलाकों में धड़ल्ले से नकली और बनावटी पान मसाला बेचा जा रहा है। रायपुर के बाहर गावों से ऐसे नकली माल बनवाए जाते है और यहां लाकर इन नशीली पदार्थों को खपाया जाता है। तड़के और रात के अंधेरे में शटर खोलकर दुकानदारों को पान मसाला, सभी प्रकार के जर्दा गुटखा एमआरपी से दोगुनी कीमत पर बेच रहे हैं। वे यह कहकर छोटे-बड़े दुकानदारों से दोगुनी कीमत वसूल रहे हैं कि कंपनियों ने रेट बढ़ा दिया है। रायपुरा, टिकरापारा पुलिस थाने के समीप, संतोषी नगर और संजय नगर इलाके के थोक जनरल स्टोर में रोजमर्रा की जरूरत के सामान के साथ पान मसाला, गुटखा तीन से चार गुना कीमत पर दुकानदारों को दिया गया।
थोक दुकानदारों ने नकली सामानों का बढ़ाया रेट : छोटे दुकानदारों का कहना है की आमतौर पर पान पराग, रजनीगंधा, पान बहार और सिग्नेचर के नाम से आने वाले पान मसालों के पाउच की एमआरपी पांच रुपये है। लॉकडाउन में भी इनकी सप्लाई पहले की तरह हो रही थी, और अब लॉकडाउन हटने के बाद भी थोक दुकानदारों ने सभी की कीमत दोगुनी कर रखी है। एक तरफ जर्दा में तुलसी, बाबा के पाउच 5 और 8 रुपये में बिकते हैं, पर इन दिनों 10 और 15 रुपये में बेचा जा रहा है। सिगरेट डिब्बी जिसकी एमआरपी 100 रुपये (प्रति नग) के करीब है, सीधे 200 रुपये में बेची जा रही है।
कोरोना संक्रमण ने धंधों को लिया चपेट में
कोरोना काल के चलते सामानों के दामों में इजाफा तो हुआ है मगर लोगों ने थोक में सिगरेट, गुड़ाखू, तंबाकू की खरीदी कर लेते है। मगर इसी लालाच में नकली सामान जैसे गुटखा, तंबाकू और सिगरेट के थोक विक्रेताओं का से खरीद लेते है और लोगों को नकली सामान बेचते है। लॉकडाउन के दौरान थोक और चिल्लर विक्रेताओं पर पुलिस ने भी काफी शिकंजा कसने की कोशिश की थी। मगर ये विक्रेता अपनी समझदारी को भूलकर लोगों को अवैध रूप से दुकान के शटरों के नीचे से गुटखा खाने वाले लोगों तक ये नशीली चीजों का क्रय-विक्रय कर रहे थे। गोलबाजार जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके में ही थोक विक्रेता इन सामानों को दो से तीन गुने ज्यादा दामों में बेचने की खबर है।