एक-एक लाख में फार्मेसी की डिग्री बेचने वालों पर प्रशासन गंभीर नहीं, फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार पर कार्रवाई की मांग
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में नकली डि़ग्री से मेडिकल स्टोर्स खोलने वाले नकली दवाई बेचने वाले सिंडिकेट के हिस्सा होने के कारण देश भर में बनने वाले डुप्लीकेट मार्क वाली नकली दवाई ही असली के दाम में बेच कर जो डिग्री खरीदी के लिए पैसा वसूली करने के साथ लोगंो की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे है। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने फार्मासिस्ट फर्जीवाड़े के मामले में फार्मेसी रजिस्टार डा. श्रीकांत राजिमवाले के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखकर की है। संघ के अध्यक्ष आलोक मिश्रा ने पत्र में कहा है कि फार्मेसी काउंसिल में सैकड़ंों फार्मासिस्टंों ने बिना फार्मेसी डिग्री -डिप्लोमा पास किए पंजीयन प्राप्त कर लिया है। ऐसे सारे पंजीयन राजिमवाले के हस्ताक्षर से हुए है। इसमें काउंसिल के सभी कर्मचारियंों का भी हाथ है। ऐसे में उन पर भी कार्रवाई की जाए। मिश्रा ने कहा कि मेडिकल काउंसिल के रजिस्टार रहते हुए अपात्र डाक्टर के पंजीयन की गड़बड़ी भी हुई है। आयुष्मान राज्य ऩोडल अधिकारी है, जहां पर लगातार आयुष्मान की राशि के आवंटन में गड़बड़ी की शिकायत है।
फर्जी डिग्री बांटने वाले अंडरग्राउंड
फर्जी फार्मासिस्ट मामले में पुलिस आरोपियंों से पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई करने की बात कह रही है। इसके साथ ही जिन लोगंो ने अकाउंट के माद्यम से फर्जी डिग्री बनाने वालंो को रुपए दिए हैं, पुलिस उन लोगंो के अकाउंट की जांच करने के साथ उनकी संलिप्तता के बारे में जानकारी जुटाने के साथ कार्रवाई करने आगे बढ़ रही है। फर्जी फार्मा डिग्र्री मामले का खुलासा होने के बाद फर्जी डिग्री बांटने वाले ज्यादातर लोगंो के अंडरग्राउंड होने के साथ अपने मोबाइल बंद कर रखे है।
राज्य में 26 हजार फार्मासिस्ट
इंडियन फार्मासिस्ट एसो. के सचिव राहुल वर्मा के मुताबिक राज्य में 26 हजार पंजीकृत फार्मासिस्ट है। इसके साथ ही प्रदेश में 18 हजार मेडिकल स्टोर्स संचालित हो रहे है। एसंो. के अध्यक्ष ने आधे से ज्यादा मेडिकल स्टोर्स में अकुशल लोगं दवा बेचने का काम कर रहे है। एसो. ने आरोप लगाया है कि 18 हजार मोडिकल स्टोर्स में 80 प्रतिशत मेडिकल संचालक किराए के लाइसेंस से अनाप-शनाप कमाई कर रहे है।
गिरोह के चक्कर में फंसे
जिन लोगंों के खिलाफ फार्मा डिग्री हासिल कर मोडिकल लाइसेंस हासिल करने की कोशिश करने का आरोप है। उनके बारे में जानकारी मिली है कि ज्यादातर लोग भ्रामक विज्ञापन के झांसे में आकर जालसाजंों के संपर्क में पहुंचे। जालसाजंों ने फार्मा डिग्री हासिल करने वालंो को शार्टकट में ओरिजलन डिग्री देने का झांसा देकर पांच लाख वसूले। पुलिस के अनुसार देश के कई राज्यंों में यह गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहे है।
मेडिकल स्टोर्स में पार्मासिस्ट काम कर रहे है या नहीं इस बात की ड्रग इंस्पेक्टर, नियमित जांच करते है। जिन मोडिकल स्टोर्स में पार्मासिस्ट नहीं होते उन मेडिकल स्टोर्स का लासिेंस रद्द किया गया है। -केडी कुंजाम डायरेक्टर खाद्य एवं औषधि विभाग ।
फार्मेसी फर्जी डिग्री मामले में पांच और गिरफ्तार, आरोपियों मं 3 महिलाएं
राजधानी मेडिकल स्टोर संचालन के नाम से लाखों का फर्जीवाड़ा खुलासा किया गया है। डॉ. श्रीकांत राजिम वाले, छ.ग. स्टेट फार्मेसी काउंसिल रायपुर ने थाना तेलीबांधा में रिपोर्ट दर्ज कराया कि फार्मेसी डिप्लोमा अथवा डिग्री प्राप्त करने वाले कार्यालय छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउसिंल रायपुर आनंद नगर में पंजीयन हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करते है, जिस पर उसका पंजीयन विधिवत् किया जाता है, इसके पश्चात् मेडिकल स्टोर्स संचालित करने हेतु खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से ड्रग लायसेंस प्रदाय किया जाता है। सन् 2021 एवं 2022 में फार्मसी डिप्लोमा/ डिग्री को पंजीयन हेतु कार्यालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये थे आवेदन पत्रो से संलग्न फार्मेसी डिप्लोमा/डिग्री की जांच कराया गया। तेलीबांधा पुलिस ने इस मामले में गुरुवार को पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया है, इनमें तीन महिलाएं हैं। इस मामले में अब तक 14 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस ने 28 फार्मासिस्टों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
जांच के दौरान सनराईस युनिवर्सिटी बैगाड राजपुर राजस्थान से रमाकांत निषाद, शीतल कुमार महार, संजय कुशवाहा, सूरज कुमार अग्रवाल, ओ.पी.जे.एस युनिवर्सिटी चुरू राजस्थान से चन्द्रेश कुमार साहू, डामेश्वर कुमार साहू, श्रीधर युनिवर्सिटी पिलानी राजस्थान से रविन्द्र कुमार साहू, स्वामी विवेकानंद युनिवर्सिटी सागर म.प्र. से खेम लाल धीवर के फार्मेसी डिप्लोमा छत्तीसगढ स्टेट फार्मेसी काउंसिल रायपुर के समक्ष आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये। उत्तर प्रदेश फार्मेसी कांउसिल लखनउ से रविन्द्र कुमार द्वारा फर्जी काउंसिल मे पंजीयन की प्रमाण पत्र के साथ एनओसी प्रमाण पत्र हेतु प्रस्तुत करना पाया गया। इसके साथ ही राजस्थान फार्मेसी काउंसिल जयपुर, सत्य साई युनिवर्सिटी सिहोर मध्य प्रदेश, मोनाद युनिवर्सिटी हापुर उ.प्र., जे.एस.युनिवर्सिटी शिकोटाबाद फिरोजाबाद उ.प्र. के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र जारी कराया गया है। इसी प्रकार अन्य आरोपियों द्वारा भी फर्जी प्रमाण पत्र को छत्तीसगढ स्टेट फार्मेसी काउंसिल रायपुर के समक्ष छल व बेईमानी पूर्वक अपने फायदे के लिए षडयंत्र पूर्वक आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत करना पाया गया। जिस पर आरोपियों के विरूद्ध थाना तेलीबांधा में अपराध क्रमाक 144/23 धारा 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में पूर्व में प्रकरण में 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से फर्जी दस्तावेज जप्त कर आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। प्रकरण में संलिप्त अन्य आरोपियों की पतासाजी करते हुए टीम के सदस्यों द्वारा प्रकरण में अन्य 5 आरोपी तुला राम साहू, रविन्द्र कुमार साहू , रजनी यादव, अनुदिव्या ताडिय़ा एवं राधिका साहू को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से फर्जी दस्तावेज जप्त कर कार्यवाही किया गया है। प्रकरण में अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण में संलिप्त अन्य आरोपियों की पतासाजी कर जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के प्रयास किये जा रहे है।
गिरफ्तार आरोपी: 01. तुला राम साहू पिता स्व. मुंशी राम साहू उम्र 48 साल निवासी निवासी अतरिया बाजार खैरागढ़ जिला के.सी.जी.। 02. रविन्द्र कुमार साहू पिता स्व. दरशराम साहू उम्र 40 साल निवासी निवासी ग्राम मोहतरा जिला बलौदा बाजार। 03. रजनी यादव पति विजय यादव उम्र 31 साल निवासी पाली थाना कुसमुड़ा जिला कोरबा। 04. अनुदिव्या ताडिय़ा पति लखपति साय मानिकपुरी उम्र 38 साल निवासी ग्राम छिंदिया थाना पटना जिला कोरिया। 05. राधिका साहू पति दिलचंद साहू उम्र 25 साल निवासी ग्राम गोदना थाना नवागढ़ जिला जांजगीर-चांपा।
50 आरोपित पुलिस के रडार पर
फार्मेसी डिग्री और डिप्लोमा फर्जीवाड़े का राजफाश करते हुए एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार नौ आरोपितों के दस्तावेज जब्त कर जेल भेज दिया गया है। तेलीबांधा थाने में 28 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जांच में इनकी डिग्री फर्जी पाई गई है। इनमें से 19 की गिरफ्तारी होना अभी बाकी है। इनकी तलाश में पुलिस टीमें अलग-अलग जिलों में भेजी गई हैं। एसएसपी ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में 50 से अधिक आरोपित पुलिस के रडार में हैं। जांच बढऩे के साथ आरोपितों के नाम सामने आते जाएंगे। इसके आधार पर गिरफ्तारियां की जाएंगी।
एसएसपी प्रशांत अग्रवाल और एएसपी सिटी अभिषेक माहेश्वरी ने पत्रकारवार्ता में बताया कि छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल से मेडिकल स्टोर संचालित करने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से ड्रग लाइसेंस प्राप्त करने कई लोगों ने फर्जी फार्मेसी की डिग्री और डिप्लोमा लगाकर आवेदन किया था। फार्मेसी काउंसिल रायपुर की जांच में इस फर्जीवाड़े का राजफाश होने पर तेलीबांधा थाने में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज पेश करने, आपराधिक षड्यंत्र समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था। जांच के दौरान साफ हुआ कि सनराइस युनिवर्सिटी बैगाड राजपुर (राजस्थान) से रमाकांत निषाद, शीतल कुमार महार, संजय कुशवाहा, सूरज कुमार अग्रवाल, ओपीजेएस युनिवर्सिटी चुरू (राजस्थान) से चंद्रेश कुमार साहू, डामेश्वर कुमार साहू, श्रीधर युनिवर्सिटी पिलानी (राजस्थान) से रविंद्र कुमार साहू, स्वामी विवेकानंद युनिवर्सिटी सागर (मध्य प्रदेश) से खेमलाल धीवर के फार्मेसी डिप्लोमा प्रमाणपत्र फर्जी हंै। उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ से रविंद्र कुमार द्वारा काउंसिल में पंजीयन के फर्जी प्रमाणपत्र के साथ एनओसी प्रमाणपत्र पेश करना पाया गया था। इसके साथ ही राजस्थान फार्मेसी काउंसिल जयपुर, सत्य साई युनिवर्सिटी सिहोर (मध्य प्रदेश), मोनाद युनिवर्सिटी हापुर (उत्तर प्रदेश), जेएस युनिवर्सिटी शिकोटाबाद, फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश) के नाम से आरोपितों ने फर्जी प्रमाणपत्र जारी करवाया था।
ये भेजे गए जेल
पुलिस ने जिन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, इनमें जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम सेमरिया निवासी रविंद्र कुमार साहू (29), बलौदाबाजार जिले के कसडोल थाना क्षेत्र के ग्राम छाछी निवासी रमेश्वर साहू (42), राजनांदगांव जिले के लालबाग थाना क्षेत्र के ग्राम गठुला निवासी डामेश्वर कुमार साहू (45), दुर्ग जिले के प्रगतिनगर, रिसाली भिलाई निवासी संजय कुशवाहा (28), खरोरा थाना क्षेत्र के ग्राम सारागांव निवासी खेमलाल धीवर (44), बलौदाबाजार जिले के पलारी निवासी रमाकांत निषाद (25), महासमुंद जिले के ग्राम तेंदूकोना निवासी सूरज अग्रवाल (28), राजनांदगांव जिले के ग्राम बसंतपुर वार्ड नंबर-43 निवासी चंद्रेश साहू (41) और दुर्ग जिले के ग्राम चिखली (पुलगांव) निवासी शीतल कुमार (49) शामिल हैं।