छत्तीसगढ़

नकली आयुर्वेदिक दवा केस, डिब्बे में दवा नहीं तो आरोपियों को सजा कैसे मिलेगी?

Nilmani Pal
13 Feb 2023 5:50 AM GMT
नकली आयुर्वेदिक दवा केस, डिब्बे में दवा नहीं तो आरोपियों को सजा कैसे मिलेगी?
x

जब्त वाताहरी वटी चोरी, आरोपियों को बचाने षडयंत्र तो नहीं...?

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। ड्रग विभाग के कार्यालय से जब्त नकली आयुर्वेदिक दवाओं और डिब्बे की चोरी करने वाली तीन महिलाओं और कबाड़ी सहित चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चोरी करके महिलाओं ने खाली डिब्बे और कार्टून कबाड़ी को बेच दिया था। ड्रग विभाग का दावा है कि इनमें दवाइयां नहीं थी। केवल खाली डिब्बे और कार्टून थे। सूत्रों के मुताबिक इनमें गोलियां भी थीं जिन्हें प्लानिंग के तहत ठिकाने लगा दिया गया है।

पुलिस के मुताबिक खाद्य एवं औषधि विभाग ने अलग-अवह जगह छापा मारकर 10 करोड़ की नकली आयुर्वेदिक दवा वाताहरी वटी जब्त किया था। इसे अधिकारियो ने कालाबाड़ी स्थित अपने कार्यालय में जब्ती बनाकर रखा था। शुक्र्वार की रात बड़ी संख्या में जब्ती की गोलियों के अलावा इसके डिब्बे, कार्टून, स्टीकर, बोरी व अन्य चीजें भी चोरी हो गई थी। चोर 8.20 लाख का माल ले भागे थे इसकी शिकायत पर कोतवाली पुलि ने अज्ञात चोरों के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। शनिवार की रात चोरों की तलाश में पुलिस लगी रही। सीसीटीवी फूटेज खंगालने पर उसमें तीन महिलाएं दिखाई दी, इसी आधार पर पुलिस ने तेलीबांधा के देवारडेरा निवासी अंजली, नंदनी और कांति को पकड़ा और उनसे पूछताछ की। पूछताछ में इन महिलाओं ने उक्त सामान चुराना स्वीकार किया और खाली डिब्बे और कार्टून तेलीबांधा के कबाड़ी रामपुकार साहनी के पास बेचने की बात बताई जिस पर कबाड़ी को भी गिरफ्तार कर उसके पास से डिब्बे और कार्टून बरामद किए गए। इसके बाद आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।

पुलिस ने दिखाई तत्परता, चोर पकड़ाए.

आयुर्वेदिक दवा के नाम पर पूरे प्रदेश में बेची जा रही नकली आयुर्वेदिक दवा वाताहरी वटी की 19 बोरियां चोर चुरा ले गए। इन बोरियों को ड्रग विभाग ने 2 फरवरी को जब्त किया था। चोरी की इस घटना से ड्रग विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के होश उड़ गए थे। ड्रग विभाग की टीम ने 2 फरवरी को रायपुर और बलौदाबाजार में छापा मारकर 10 करोड़ की नकली आयुर्वेदिक वाताहरी वटी जब्त किया था। इसके अलावा गोंदवारा के ट्रांसपोर्टर के गोदाम से भी नकली आयुर्वेदिक दवा जब्त किए गए थे।

मिलीभगत तो नहीं...

करोड़ों की नकली दवा के मामले में जब्त दवा बड़ा सबूत है इसके चोरी होने से मामले में आरोपियों के खिलाफ केस कमजोर होगा। एक दवा व्यवसायी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जब्त दवाओं की चोरी ड्रग विभाग के अफसरों-कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही ना होकर नकली दवा बेचने वालों के साथ मिलीभगत है पुलिस को कड़ाई से पूछताछ कर सच्चाई लाने की आवश्यकता है । जब्त दवा के आधार पर ही नकली दवा बनाने और बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई संभव हो सकेगी लेकिन सबूत ही नहीं रहेगा तो कार्रवाई कैसे होगी। पुलिस को इस चोरी को लेकर गंभीरता से जांच करनी चाहिए ताकि चोरी के पीछे किसी तरह की मिली भगत का पर्दाफाश हो सके। ड्रग विभाग के हवाले से मीडिया में पहले सिर्फ नकली दवा जब्त करने की बात कही गई थी लेकिन अब खाली डिब्बे जब्त करने की बात सामने आ रही है जो किसी बड़े खेल की ओर इशारा कर रहा है। कहीं इस चोरी की आड़ में आरोपियों को बचाने का षडयंत्र तो नहीं रचा जा रहा?

Next Story