
- हाईकमान दीपावली के बाद कभी भी कर सकता है घोषणा
- उच्चवर्ग, पिछड़ावर्ग, सतनामी समाज के पुराने और वर्तमान विधायक दौड़ में शामिल
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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में आलाकमान चाहता है कि पीएल पुनिया सभी ग्रुपों की सहमति और बड़े नेताओं से विचार विमर्श करके चार ऐसे नेताओं का नाम प्रस्तावित करें जो विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हों। ऐसे चारों नेताओं को प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में घोषित करने का विचार आलाकमान दीपावली के उपरांत कभी भी कर सकती है। कार्यकारी अध्यक्ष की दौड़ में उच्च वर्ग के पुराने विधायकगण जो दो या तीन बार विधायक निर्वाचित हुए हंै ऐसे नेताओं की फेहरिस्त लंबी है। सभी कांग्रेस नेता यदा-कदा आलाकमान के पास जाकर अपनी मंशा प्रकट कर चुके हैं । वे प्रदेश अध्यक्ष ही बनना चाहते हैं जिसमें ब्राह्मण समाज के पूर्व मुख्यमंत्री के सुपुत्र और कई बार के विधायक अमितेश शुक्ला, सत्यनारायण शर्मा और उच्च वर्ग से ही ताल्लुक रखने वाले दुर्ग जिले के सबसे चर्चित नेता प्रदीप चौबे भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हो सकते हैं। प्रदीप चौबे भूपेश बघेल के सबसे करीबी मंत्री रविंद्र चौबे के बड़े भाई हैं और दुर्ग जिले की राजनीति के सबसे मंझे हुए खिलाड़ी हैं। इसी तरह आदिवासी वर्ग से सबसे चर्चित नाम डॉक्टर प्रेमसाय सिंह, मनोज मंडावी और अमरजीत भगत का है जो कभी भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए दौड़ में शामिल होने से इंकार नहीं कर सकते, क्योंकि ये नेता कभी-न-कभी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल रह चुके हैं।
कांग्रेस के कई पुराने विधायकगण सालों से प्रदेश अध्यक्ष बनने का सपना संजोय हुए हैं । उच्च वर्ग से आने वाले सभी विधायकगण यह जानकर भी मन ममोसकर रह जाते हैं क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में नहीं आ सकते हैं। दूसरी तरफ सतनामी समाज से भी इस बार प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए बड़े किरदार के रूप में दो बार के विधायक और मंत्री अपनी मंशा रोक नहीं पाएंगे। मौका मिलेगा तो वह भी प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए ना नहीं बोलेंगे और उनके अनुभव के आधार पर इसकी संभावना ज्यादा है। अगर किसी सतनामी नेता को सर्वप्रथम कोई पसंद करता है और पीएल पुनिया का आशीर्वाद प्राप्त है तो ऐसे नेता का भी उदय हो सकता है। फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में मन ही मन सपना संजोए आधा दर्जन से ज्यादा विधायक आलाकमान सेे बार-बार जाकर अपनी इच्छा प्रकट कर चुके हैं। अब आने वाले समय ही बताएगा कि प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में मोहन मरकाम के बाद कौन बनेगा? एक खबर यह भी छन कर आ रही है कि मुख्यमंत्री सरगुजा के आदिवासी नेता और हाल ही में चर्चा में रहे विधायक बृहस्पत सिंह पर अपना पासा फेंस सकते हैं। राजनीतिक उठापटक के बीच प्रदेश अध्यक्ष की रेस में ऊंट पहाड़ के नीचे कब आता है यह कहावत चरितार्थ तब होगा जब आलाकमान इस विषय में कोई फैसला करेगा। इसलिए कहा नहीं जा सकता की प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कोई नया नाम भी प्रकट हो सकता है।
बहरहाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के विगत कई दिनों से लगातार अपने कार्यक्रमों की रूपरेखा और अपने कार्यक्रमों को अपने गुट विशेष का बनाकर चलने की शिकायत आम कांग्रेसीगण और पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ता आलाकमान से कर चुके हैं । 2009 के बाद के सभी कांग्रेसी जो अपने आपको असली कांग्रेसी बताने से नहीं चूकते हैं। ऐसे ही कांग्रेसी नेता मोहन मरकाम के ग्रुप में पकड़ बनाए हुए हैं। ऐसे में पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ता, पुराने और नई पीढिय़ों से कांग्रेस के साथ संबंध रखने वाले कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता प्रदेश स्तरीय राजनीति से इस वक्त अपनी दूरी बनाए हुए हैं।
बदलाव की चर्चा इसलिए...
प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकर्ताओं की नाराजगी की खबर मिलने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संगठन की बैठकों में आमंत्रित नही करने के चलते इससे अनभिज्ञता जताकर एक तरह से पीसीसी अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठा दिया है। मुख्यमंत्री के इस रूख से सत्ता और संगठन में समन्वय की कमी खुलकर सामने आ गई है। इससे अब संगठन में बदलाव चाहने वालों में हलचल बढ़ गई है। पिछले दिनों खबर आई थी कि कई वरिष्ठ कांग्रेसी जो संगठन में बड़े पद चाहते हैं वे इसके दिल्ली में लाबिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की नाराजगी को ऐसे वरिष्ठ नेता अब हथियार के रूप इस्तेमाल कर केन्द्रीय हाईकमान पर संगठन में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सभी प्रमुख पदों पर नई नियुक्ति के लिए दबाव बनाने की सोच रहे हैं। इस बीच प्रदेश में कार्यकर्ताओं की प्रदेश नेतृत्व की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी की खबर सामने लगी है। जमीनी कार्यकर्ता पीसीसी अध्यक्ष पर निष्ठावान और समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर माफिया-दलालों और चाटूकार नेताओं को संगठन में तवज्जो देने का आरोप लगाते रहे हैं।
माफिया-दलालों की नियुक्तियों का विरोध
प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भू-माफिया और बाहर से आ गए कांग्रेसियों को प्रदेश पदाधिकारी बनाए जाने को लेकर जमकर विरोध हो रहा है। इसके चलते प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के विरोध में आवाज उठने लगी है। वरिष्ठ कांग्रेस जनों का स्पष्ट कहना है कि हम लोग बरसों से कांग्रेस की सेवा कर रहे हैं इसके बावजूद कांग्रेस की सत्ता आते ही पुराने और निष्ठावान कांग्रेसियों की प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम अनदेखी कर रहे हैं। पीसीसी अध्यक्ष दलाल किस्म के छूटभैया नेताओं की चमचागिरी में ऐसे लोगों की नियुक्ति कर रहे हैं जो लोग सामाजिक और राजनीतिक तौर पर कहीं से भी कांग्रेसी नहीं थे और जो कांग्रेस के संघर्ष के दिनों में भारतीय जनता पार्टी के मोहरे बन कर कार्य करते थे ऐसे लोगों को संगठन में तवज्जो दी जा रही है। वरिष्ठ कांग्रेसी इसी आशय से प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को शिकायत पत्र भेज रहे हैं। दूसरी ओर वरिष्ठ कांग्रेस जनों ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को खुली चिठ्ठी भी लिखी है जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि पैसा लेकर एक अल्पसंख्यक नेता ने मोहन मरकाम के पास चमचागिरी कर अधिकांश लोगों को पदाधिकारी बनवाया है। इस चिठ्ठी की खबर लगभग सभी बड़े नेताओं को हो गई है, चिठ्ठी बनाने से पहले वरिष्ठ कांग्रेस जनों ने रायपुर शहर के दो अलग-अलग कांग्रेसियों के अड्डों में बैठक की थी।
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