छत्तीसगढ़

सब कुछ है देश में रोटी नहीं तो क्या...

Nilmani Pal
24 Sep 2021 4:55 AM GMT
सब कुछ है देश में रोटी नहीं तो क्या...
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< जाकिर घुरसेना/कैलाश यादव

अडानी का पोर्ट भारत में ड्रग सप्लाई का बड़ा स्टेशन बनता जा रहा है। देखा गया है कि कई बार अडानी के पोर्ट से ड्रग पकड़ाया है, लेकिन अडानी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा, बल्कि सरकार और भी अन्य जगहों का पोर्ट भी इनके के हवाले करने जा रही है। देखा ये जा रहा है कि अडानी के बंदरगाह से ही अधिकतर नकली दवाओं के अलावा ड्रग की खेप भारत पहुंच रहा है। अभी हाल में ही गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से लगभग 3000 किलो हीरोइन जिसकी कीमत अंतराष्ट्रीय बाजार में 21 हजार करोड़ है, पकड़ी गई है इतनी भारी मात्रा में इस प्रकार नशीले पदार्थ का पकड़ा जाना भारत के लिए ठीक नहीं है। यह इतनी ही संख्या में एके 47 बंदूकों के पकड़े जाने से भी खतरनाक व चिंताजनक है। अडानी के पोर्ट से इतनी भारी तादात में हीरोइन का पकड़ा जाना सिर्फ नारकोटिक्स विभाग की चिंता नहीं बल्कि यह पूरे देश और प्रशासन को इसकी चिंता होनी चाहिए। लोग अपने फायदे के लिए क्या से क्या नहीं कर रहे हैं। अडानी पोर्ट में नशीली वस्तुओं ंका पकड़ा जाना पहली बार नहीं है, बल्कि इसके पहले कई बार अफीम हीरोइन और अन्य नशीली वस्तुएं पकड़ में आ चुका है । जिसकी कीमत कई हजार करोड़ है। अब सवाल ये उठता है कि मात्र 10 ड्रग रखने जाने के आरोप में कई फिल्मी सितारे तथा आम आदमी हवालात की सैर करके आ चुके हैं । वही अडानी के पोर्ट इतनी भारी मात्रा में ड्रग का पकड़ा जाना और कोई कार्रवाई नहीं होना समझ में नहीं आता।

बाबुल अब वीआईपी नहीं रहे

बाबुल सुप्रियो भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस प्रवेश कर लिए हैं। केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही सुरक्षा में कमी कर दी है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि अब बाबुल वीआईपी नहीं रहे क्योकि अब वे भाजपा में नहीं तृणमूल में हैं। भाजपा में थे तब वे वीआईपी थे अब आम आदमी हो गए हैं। वैसे भी आम आदमी को किसी सिक्यूरिटी की जरूरत नहीं पड़ती।

15 लाख खाते में आना शुरू हुआ

पिछले दिनों बिहार में एक शख्स के खाते में बैंक वालों की गलती से लगभग पांच लाख रूपये आ गया। जब बैंक वालों को पता चला तब बैंक वाले उस शख्स से पैसा लौटाने की बात बोलने लगे। उस शख्स ने जवाब दिया ये पैसे उसे प्रधानमंत्री ने भेजा है और पैसा वापस नहीं करूँगा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि प्रधानमंत्री जी ने चुनाव के पहले 15 लाख देने का वादा किया था कहीं उसी की पहली किश्त तो नहीं।

नेतागिरी सबके बस की बात नहीं

कोरोना काल में एक्टर सोनू सूद ने काफी वाहवाही बटोरी थी और आज भी वे वही जनसेवा का काम कर रहे हैं। लेकिन पिछले दिनों वे दिल्ली सरकार के ब्रांड एम्बेसडर बन गए थे। शायद केंद्र सरकार को यह पसंद नहीं आया। यहीं से सोनू पर नजर रखी जाने लगी और एक दिन आईटी वालों ने आखिरकर दबोच ही लिया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि अरे भई ब्रांड एम्बेसडर बनना था ही तो केंद्र सरकार का बनना था या कि भाजपा शासित सरकार का बनना था तो कम से कम ये दिन देखने को नहीं मिलता।

आतंकवादी का कोई धर्म नही:

कहा जाता है कि आतंकवादी की कोई धर्म नहीं होती। पिछले दिनों दाऊद इब्राहिम के गुर्गे पकड़े गए थे जिसमें एक किसान का बेटा मूलचंद उर्फ लाला भी था। जो यहाँ रहकर किसानी करता था और खाली वक्त में वह डी कंपनी के लिए काम करता था। जनता में खुसुर-फुसुर है कि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता, राजनेता सिर्फ चुनावी फायदे और ध्रुवीकरण के लिए इसको साम्प्रदायिक बना देते हैं।

कैसा विकास

जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है राजनीतिक दल के नेता तरह-तरह के बयान देना प्रारम्भ कर दिए है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का पिछले बयान अब्बाजान वाला बयान इसका ताजा तरीन उदाहरण है। विकास की गंगा बहाने के बाद भी अगर अब्बाजान वाला बयान आ रहा है, तो समझ लीजिये विकास की गंगा उलटी बह रही है। मुख्यमंत्री योगी जी ने एक सभा में कहा कि उत्तरप्रदेश ने हर क्षेत्र में तरक्की की है, प्रदेश का कायाकल्प हो गया है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जब प्रदेश में चहुमुखी विकास हुआ है तो अब्बाजान की जरुरत क्यों पड़ी। ऐसा लगता है कि विकास सिर्फ कागजों में ही हुआ है। हालांकि पश्चिम बंगाल के विधान सभा चुनाव में भी ध्रुवीकरण की काफी कोशिश की गई थी लेकिन परिणाम आने के बाद पता चला कि ध्रुवीकरण की राजनीति की हवा जनता ने निकाल दी है। अब देखना होगा कि उत्तरप्रदेश की जनता अब्बाजान से निकल कर अपनी मूलभूत समस्या बेरोजगारी, मंहगाई में ध्यान देगी या और कहीं। एक शायर ने ठीक ही कहा है कि सब कुछ है अपने देश में रोटी नहीं तो क्या, वादा लपेट लो लंगोटी नहीं तो।

बधाई हो दाऊजी...

प्रदेश में बेरोजगारी राष्ट्रीय दर से आधी हो गई है। ऐसा सीएमआईई की रिपोर्ट में बताया गया है। सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनामी व्दारा पिछले सप्ताह जारी रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी का दर देश के अन्य राज्यों की तुलना में बहुत ही कम है। इस तरह छत्तसीगढ़ की स्थिति देश के कई बड़े और विकसित राज्यों से बेहतर है। जनता में खुसुर -फुसुर है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को काफी गति मिली है जिसके चलते हमारा छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर कम हुई है। बधाई हो दाऊजी...भूपेश है तो भरोसा है।

जय हो गोबर्धन...गोबर से बिजली

वाणिज्य उत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी योजना का खुलासा करते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना को अब और आगे बढ़ाते हुए उससे बिजली बनाने की तैयारी कर रही है। बस रोड़ा केंद्र का है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि दाऊजी इस बार दिवाली में गोबर से बिजली बनाकर प्रदेश को उजाला करने वाले है। गोबर से बिजली सीएम का प्लान मास्टर स्ट्रोक है। जिसका कोई तोड़ नहीं है। जनता जानना चाहती है कि दाऊजी चुनावी तैयारी कर रहे है या केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे है। गोबर से कम्पोज्ड खाद बनाने में सक्सेस होने के बाद मुख्यमंत्री ने वाणिज्य उत्सव में दो उद्योगपतियों को राजी कर लिया है। अब वे बहुत जल्द गोबर से बिजली उत्पादन कर सरप्लस वाले राज्य में मांग के अनुरूप पूर्ति करने में सफलता हासिल करेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर गोबर से बिजली उत्पादन की अनुमति मांगी है।

डाक्टरों ने चोला बदला, सेवा की जगह अपहरण

घटना बिलापुर में एक हास्पिटल के संचालक को वही काम करने वाले दो डाक्टरों ने अपहरण कर लिया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जो काम उन्हें नहीां करना चाहिए वहीं करने जा रहे है। जिससे लोगों के मन में डाक्टरों के प्रति जो सम्मान था, वह धूलधुसरित हो रहा है? क्या इस तरह की घटनाएं लोगों को डाक्टरों पर भरोसा करने लायक बना पाएगी।

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