छत्तीसगढ़

रोज लूट, मारपीट, चाकूबाजी जैसी वारदात, पुलिस का डर नहीं

HARRY
28 Aug 2021 5:00 AM GMT
रोज लूट, मारपीट, चाकूबाजी जैसी वारदात, पुलिस का डर नहीं
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राजधानी में बढ़ते गैंगवार, अपराध कानून व्यवस्था की खोल रही पोल

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में रोज अपराध बढ़ते जा रहे है, अपराधी लगातार पुराने हिस्ट्रीशीटरों के साथ मिलकर शहरभर में अपना दबदबा बना रहे है। आजकल अपराधी सोशल मीडिया में गाली-गलौज करते हुए अपना खुद का वीडियो वायरल करते है। गैंगवार करने वाले अपराधी शराब भट्टियों के आस-पास शराबियों से पैसे लूटने की फिराक में डंडा-बेसबॉल बैट और हॉकी जैसे हथियारों का भी इस्तेमाल करते है। डी-कंपनी की तर्ज पर नशे का कारोबार करने वाले लोग कई अवैध धंधे चला रहे है, शहर के गुंडे खुद को बचाने के लिए बड़े कारोबारियों से ब्लैकमेलिंग करना लोगों से वसूली करना अपनी ताकत दिखाने के लिए बड़े व्यवसायियों से रुपए लेते रहते है। शहर और आसपास के क्षेत्रों में दिनदहाड़े लाखों रुपयों की हेरा-फेरी भी की जाती है।

रायपुर में बढ़ रहा अपराधियों का दहशत

राजधानी में आपराधिक गतिविधियों में लगातार इजाफा हो रहा है। मारपीट, चाकूबाजी आम हो गई है। वहीं बढ़ते गैंगवार से भी राजधानी में दहशत का माहौल बनने लगा है। इसकी बड़ी वजह आदतन नशेडिय़ों और बदमाशों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होना है। रोज कहीं-न-कहीं बदमाश चाकू की नोक पर लूट और मारपीट कर रहे हैं। चाकूबाजों के आतंक से आम लोग दहशत में हैं। राह चलते लोगों को चाकू मारकर घायल करके पैसा, मोबाइल लूटने की घटनाएं जहां लगातार हो रही हैं, वहीं पुरानी रंजिश का बदला लेने चाकू, तलवार का खुलकर इस्तेमाल किया जा रहा है। बदमाशों में पुलिस का खौफ दिखाई नहीं दे रहा।

हिस्ट्रीशीटरों पर कार्रवाई के पहले सोचती पुलिस

राजधानी में अपराधियों को किस कदर राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है कि पुलिस किसी भी मामले में बड़ी कार्रवाई करने से पहले दस बार सोचती है। पुलिस ऐसे मामले में तो कार्रवाई कर लेती है जिन वारदातों में आरोपी पहली बार अपराध में संलिप्त होता है या जो घटनाएं आपसी रंजिश, निजी दुश्मनी या अन्य कारणों से घटती है अपराधी या तो स्पाट पर ही या एक दो दिनों में वारदात वाले स्थान में ही पकड़ में आ जाता है। लेकिन ऐसे वारदात जो गैंगवार, जुआ-सट्टा और अवैध शराब. गांजा, व अन्य नशीले पदार्थो की तस्करी और अवैध बिक्री से संबंिधत मामले हो तो आरोपी की धर-पकड़ में अनावश्यक देरी की जाती है और यदि किसी की गिरफ्तारी हो भी जाती है तो इनके सुरक्षा कवच बने कई छुटभैय्ये नेता उन्हें छुड़ाने सक्रिय हो जाते हैं। पुलिस पर खुद भी दबाव बनाते है और बात नहीं बनने पर ऊपर से फोन करवाकर दबाव बनाते हैं।

छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण से बढ़ रहा अपराध

राजधानी में अपराध पर लगाम नहीं लग पा रहा है। पुलिस की लगातार चेकिंग अभियान के बाद भी हत्या, गांजा तस्करी, सट्टा-जुआ, रेप, मारपीट, हत्या का प्रयास जैसे अपराध बढ़ते जा रहे है। शहर में रोजाना आधा दर्जन अपराध हो रहे है और पुलिस भी सभी अपराधों पर बारीकी से जांच करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज रहे है, मगर अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वही दूसरी तरफ युवा नशे और गुंडागर्दी के लिए किसी भी हद तक पार कर जाते है और हथियारों का मिलना भी आम बात हो गया है। जिससे युवा वर्ग की हिम्मत दो से तीन गुना बढ़ जाती है। हथियार रखना युवाओं के लिए एक फैशन बन गया है, नशे की पार्टियों में भी बड़े घरानों के युवक-युवतियां हथियार रखकर चलते है मगर उनके लिए हथियार रखना एक तरह का चलन बन गया है।

अपराधी सिर उठा रहे

शहर में चाकूबाजी की वारदातें आए दिन बढ़ती जा रही है और पुलिस प्रशासन इन वारदातों रोकने का अथक प्रयास कर रही है। बावजूद अपराधी अपराध से बाज नहीं आ रहे है। और आपराधिक गतिविधि के लोगों ने तो हथियार खरीदने के लिए भी एक नया जरिया ढूंढ निकाला है और अपराधी लोग ऑनलाइन हथियारों की खरीदी बिक्री करते हैं। और वरदातों को अंजाम देते है।

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