जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में तेज़ी से बढ़ रहे अपराध को देखकर ये कहा जा सकता है कि अपराध करने वालों को पुलिस और कानून का कोई डर नहीं है। जिसकी वजह से आपराधिक गतिविधि वाले लोग संगीन अपराध में लिप्त रहते है। नशे की लत की वजह से लोग जुआ, सट्टा, चाकूबाजी, लूट, हत्या, डकैती जैसे अपराध को अंजाम दे रहे है। नशा एक तरह से इंसान के दिमाग पर असर करता है जिससे की किसी भी व्यक्ति में हत्या करने की भी ताकत आ जाती है। राजधानी में नशे का व्यापार जोर-शोर से चले जा रहा है। नशे के लती बेखौफ होकर नशे का सेवन कर रहे है और अपराध को अंजाम दे रहे है। आये दिन रायपुर में लूट, सट्टा, चाकूबाजी और वसूली जैसी वारदातें होती है इन सबकी एक ही कड़ी है वो है नशा। नशे में ड्रग्स, चरस, गांजा, अफीम, कोकीन लेते है। मगर नशे की आड़ में लोग चाकूबाजी जैसी वरदारतों को भी अंजाम देते है। पुलिस भी अपनी सक्रियता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लेती है मगर जमानती धाराओं के चलते पुलिस को ऐसे आरोपियों को मुचलका देकर छोडऩा पड़ जाता है। और वही आरोपी नशे के काले गोरख धंधे में फिर लग जाते है। रायपुर शहर पहले से ही नशे में डूबा हुआ है, फिर चाहे वो नशा ड्रग्स का हो फिर चाहे वो नशा गांजा हो, या नशा ब्रॉउन शुगर का हो। अब शहर का हर मार्ग और गली मोहल्ले, नुक्कड़ के ठीहे नशेडिय़ों की जद में फंसा है। नशा आज युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है और नशे के सौदागर युवाओं के आस-पास ही भटक रहे है। युवाओं के लिए नशा जानलेवा तो है ही और भी उसके हानिकारक दुष्परिणाम भी राजधानी में देखने को मिल रहे है। पहले तो युवा स्कूल व कॉलेज में बीड़ी, सिगरेट व गुटखा का सेवन मस्ती करने के लिए करते हैं लेकिन बाद में इनकी लत लग जाती है। कुछ तो शराब, चरस व अफीम के इतने आदी हो जाते हैं कि इनसे छुटकारा पाना उनके लिए मुश्किल होता है। लगातार चाकूबाजी, छिनताई, उठाईगिरी, छेड़छाड़, मारपीट, लूटपाट की घटनाए बढ़ गई है। ये सभी ड्रग्स पैडलर हैं, जो ना सिर्फ नशे के समान की सप्लाई किया करते थे, बल्कि नये ग्राहक की तलाश भी किया करते थे।
इस तरह चल रहा जुआ का कारोबार : राजधानी में लूडो किंग, तीन पत्ती, रेसिंग और शूटिंग वाले गेम्स को दांव लगाने वाले लोगों द्वारा डाउनलोड किया जा रहा है। इन गेम्स को डाउनलोड करने के बाद अपने परिचित के लोगों को रिक्वेस्ट भेजी जा रही है। कुछ लोगों ने आईडी का ग्रुप बना लिया है और ग्रुप में इस गेम को खेलकर एक दूसरे से दांव लगा रहे हैं। इन ग्रुप के सदस्यों द्वारा नाबालिगों को भी अपने साथ ऐड किया जा रहा है। नाबालिगों को ग्रुप में जोडऩे के बाद उन्हें हराया जाता है और फिर उन पर पैसे देने के लिए दबाव बनाया जाता है।
बैंक खाते और नंबरों की निगरानी : पुलिस गुंडे-बदमाशों और खुलेआम जुआ खेलने वालों के बाद अब ऑनलाइन जुआरियों और सटोरियों पर फोकस कर रही है। गेम खेलने वाले का पता लगाना पुलिस के एथिकल हैकर्स के लिए बेहद आसान है।
सूत्रों के अनुसार लूडो किंग और तीनपत्ती खेलने वाले सैकड़ों लोगों के नंबर पुलिस के पास हैं। अब इनके जरिए साइबर पुलिस इन ग्रुप्स से जुड़े लोगों के बैंक खाते, पैन नंबर, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की जानकारी जुटा ली है। मंगलवार से राजधानी में कार्रवाई करके पुलिस ने सख्ती करना भी शुरू कर दिया है।
कोड वर्ड से होता नशे का कारोबार : ड्रग्स के कारोबार में सेटिंग और सस्पेंस दोनों का खेल चल रहा था। खास कोड वर्ड का इस्तेमाल ये लोग करते थे। ड्रग को चाकलेट, केक जैसे नामों से संबोधित किया जाता था। साथ ही ड्रग्स पैडलर का भी नाम कोड वर्ड के तौर पर ही लिया जाता था, ताकि मामला खुलने पर ये पुलिस की पकड़ से दूर रहे। राजधानी के धनी परिवारों के युवाओं की पूरी जि़ंदगी नशे की गहरी खाई डूब गई है जहां से निकल पाना असंभव नजर आ रहा है। शहर में नशे का व्यापार करने वालों के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि उन्हें पुलिस का भी कोई डर नहीं है मगर उसके बावजूद पुलिस ऐसे नशेडिय़ों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।
निगरानी, गुंडे और बदमाशों के खिलाफ विशेष अभियान : चाकूबाजी की घटना को देखते हुए एसएसपी ने चाकूबाजों, असामाजिक तत्वों, निगरानीशुदा गुंडों, बदमाशों और सक्रिय पुराने अपराधियों के विरूद्ध सभी थाना प्रभारियों को समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा नशा, जुआ और सट्टे के मामलों पर लगातार कार्रवाई करने को भी कहा था। और शाम के समय अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले स्थान पर पुलिस की उपस्थिति बढ़ाने के साथ ही बेहतर पुलिसिंग के कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। इसके अलावा आवारा घुमंतू लड़कों पर भी नजर रखने और उन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव आरपी मंडल ने मादक पदार्थो के अनाधिकृत व्यवसाय पर कड़ाई बरतने के निर्देश
रायपुर. मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में गृह विभाग की राज्य स्तरीय समन्वय समिति की पहली बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में मादक पदार्थो के अनाधिकृत व्यवसाय पर कड़े और प्रभावी नियंत्रण के संबंध में चर्चा हुई। मुख्य सचिव मण्डल ने निर्देशित किया है कि जिला स्तर पर भी मादक पदार्थो के अवैध व्यापार पर नियंत्रण रखने के लिए जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाए। साथ ही मादक पदार्थो की अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ में तस्करी वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होंने औषधि के रूप में उपयोग में लाए जाने वाले दवाईयों का नशे के लिए इस्तेमाल न हो इस पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए है। मण्डल ने सड़क मार्ग के साथ ही रेल मार्ग से नशीले पदार्थो के आवक को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए है। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए आई.जी. रायपुर रेंज डॉ. आनंद छाबड़ा ने रायपुर रेंज के अंतर्गत नशीले पदार्थो की तस्करी, अवैध बिक्री पर नियंत्रण लगाने के लिए की जा रही गतिविधियों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में सचिव गृह विभाग अरूण देव गौतम और सचिव आबकारी विभाग निरंजन दास उपस्थित थे।
ऑनलाइन जुआ बना युवाओं का क्रेज
रायपुर जिले में ऑनलाइन जुआ का क्रेज बढ़ा है। मनोरंजन के लिए बनाए गए लूडो और तीन पत्ती गेम में राजधानी के जुआरी दांव लगा रहे हैं और एक दूसरे को ऑनलाइन पैसों का ट्रांसफर कर रहे है। ऑनलाइन जुआ में हजारों लाखों का दांव जुआरियों द्वारा लगाया जा रहा है। यही नहीं, नाबालिग और स्कूली छात्रों को भी आनलाइन जुए की लत लग रही है। इन जुआरियों की शिकायत मिलने पर पुलिसकर्मियों ने नजर रखना शुरू कर दी है। पुलिस के साइबर सेल से जुड़े अधिकारियों के अनुसार ऑनलाइन गेम के दौरान शाम 7 बजे रात 2 बजे ज्यादा दांव लगता है।
इस दरमियान एक-दूसरे की आईडी से घंटों कनेक्ट रहने वाले लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। ऑनलाइन जुआ खेलने वाली लगभग 300 से ज्यादा आईडी पुलिस के निशाने पर है। इन आईडी से दांव लगने की जानकारी पुख्ता होने पर पुलिस के द्वारा कार्रवाई भी की जा रही है।
देवेंद्रनगर समेत 4 जगह पुलिस का छापा, पुलिस के हाथ खाली, नहीं मिले पैडलर्स
ड्रग्स मामले में पुलिस ने मंगलवार को देवेंद्र नगर, बैरनबाजार, मौदहापारा और भिलाई में छापा मारा। पुलिस मामले में 4 युवक और 2 युवती की तलाश कर रही है, जो गिरफ्तार पैडलर के साथ काम करते थे। ड्रग्स का मामला फूटने के बाद से संदेही फरार हैं। उनकी तलाश में लगातार पुलिस छापे मार कर रही है। संदेहियों ने पुलिस के डर से राज्य ही छोड़ दिया है। कुछ के विदेश भागने का भी शक है। टीआई रमाकांत साहू ने बताया कि रायपुर और भिलाई के कुछ लोगों के खिलाफ ड्रग्स बेचने का क्लू मिला है। उनका गिरफ्तार पैडलर से सीधा लिंक है। उनकी तलाश में कुछ जगह छापा मारा गया था, लेकिन संदेही नहीं मिले हैं। उनका मोबाइल भी पिछले 20 दिनों से बंद है। उन्होंने बताया कि इस मामले में जल्द कुछ गिरफ्तारी की जाएगी। उनकी टीम मुंबई और गोवा के बड़े पैडलर की तलाश कर रही है। आरोपियों के मोबाइल पर मुंबई के कुछ फोन नंबर मिले हैं, उन्हें खंगाला जा रहा है। हालांकि वे नंबर पिछले एक महीने से बंद हैं। इसलिए संदेहियों को ट्रेस करने में दिक्कत आ रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि देवेंद्र नगर, बैरनबाजार, मौदहापारा के तीन युवक पहले गिरफ्तार हुए आरोपी श्रेयांस और विकास से जुड़े हुए हैं। शहर के कुछ कारोबारियों के नाम सामने आए हैं, जो खुद ड्रग्स लेते और बेचते हैं। इसमें होटल कारोबार से जुड़े लोग भी शामिल हैं।