गली-मोहल्ले में आसानी से मिल रही शराब
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। लॉकडाउन के बाद अब राजधानी में नशे का कारोबार फिर बढ़ गया है। रोजाना रायपुर के कई इलाकों में नशे का कारोबार चलते जा रहा है। शहर भर में शराब की तस्करी करने वाले घूम-घूमकर शराब बेच रहे है। जिले में पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी शहर में शराब की तस्करी के अलग-अलग तरीके निकाल रहे है। शराब के कोचिए रोजाना भट्टियों में भीड़ लगाकर भारी मात्रा में शराब खरीद रहे है। और गलियों में जाकर बेचते है। हैरान करने वाली एक बात ये है कि इतनी सख्ती के बावजूद शराब तस्कर रोज नए नए तरीके ईजाद कर शराब तस्करी में लगे हुए हैं। कभी सब्जी तो कभी दूध की सप्लाई की आड़ लेकर तस्कर शराब की खेप लेकर रायपुर तक आते हैं। लॉकडाउन के दौरान शराब तस्करी में अचानक बढ़ोत्तरी देखी गई, जो लगातार जारी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रायपुर पुलिस ने पिछले दिनों ही 183 बोतल अंग्रेजी शराब जब्त की है। पुलिस शराब तस्करों पर नकेल कसती है। पुलिस को किसी पर शक होता है तो वह उससे रोककर जांच पड़ताल करती है। ऐसे में अगर किसी के पास शराब की बरामदगी होती है तो उसके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाता है।
कई जिलों से आते अवैध शराब
कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन में अवैध शराब का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। बड़ी मात्रा में कई जगहों से जिले में अवैध रूप से शराब लाई जा रही है। इसी कड़ी में रायपुर शहर में भी रोज लाखों के शराब का आवागमन होते जा रहा है। शहर में आने के कई रास्ते है, रायपुर शहर कोई छोटा शहर नहीं है इसलिए तस्करी करने वाले रोज नए-नए तरीके से शहर में शराब ला रहे है। शहर का डॉन अपने इलाके में पहले माल रखवाता है उसके बाद शराब शहर के बाहर के इलाकों में होटलों में जाता है उसके बाद रायपुर से निकलकर बड़े शहरों में जाता है।
मोहल्ले में होती शराब बिक्री
रायपुर के कई मोहल्ले में शराब घर में रखे जाते है, पुलिस को खबर नहीं मिलती जिसकी वजह से शराब बेचने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। मोहल्ले के कोचिए मोहल्ले में लॉकडाउन के दौरान भी शराब बेचा करते थे। जिनकी गिरफ्तारी भी नहीं हो पाती थी क्योंकि कोचियों के खिलाफ पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाते जिसकी वजह से कोचिए खुलेआम शराब बेचते रहते है। अब शहर में तेल के डिब्बों में भी शराब बेचने का नया तरीका बना लिया गया है।
एम्बुलेंस और दूध की गाडिय़ों में शराब तस्करी
शराब माफिया ने तस्करी का नायाब तरीका अपनाया है। अब दूध के वैन में ये शराब की तस्करी कर रहे है। दूध के वैन में शराब सप्लाई की जा रही है। वैन में एक तहखाने जैसे आकर का एक शराब रखने का कमरे जैसा बनाया जाता है। जिसमें शराब रखा जाता है उसके ऊपर शराब को छिपाकर एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाया जा रहा है। पुलिस की चेकपोस्ट पर भी वाहन चेकिंग के दौरान एम्बुलेंस और दूध की गाडी में सिर्फ दूध मिलेगा ऐसा सोचकर ऐसी गाडिय़ों को छोड़ दिया जाता है और ये गाडिय़ों अपनी-अपनी मंजिल तक पहुंच जाती है।
शहर में शराब तस्करी बढ़ी
अवैध शराब की तस्करी के लिए आरोपी नित-नए हथकंडे इजाद कर रहे है। कभी लकडिय़ों के नीचे तो कभी ऑयल के टैंकर और दूध वैन में ले जाई जा रही सामग्री के नीचे दबाकर लाखों रुपए की शराब अवैध तरीके से ले जा रही है। पुलिस भी इस बात को मानती है कि आरोपी पुलिस से दो कदम आगे चल रहे है। लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के आगे धरे जाते है। तस्कर इस दौरान महंगी गाडिय़ों का इस्तेमाल भी करते है ताकि उनको सुरक्षा मिले। लेकिन ड्राइवर-खलासी के पकड़े जाने के बाद महंगी गाडिय़ां सराटे भरती हुई निकल जाती है। इसमें वे लोग शामिल होते है जो अपने मालिकों के गुर्गे होते है। रायपुर में अवैध शराब की तस्करी जिले में काफी हद तक बढ़ गई।
खरोरा में शराब तस्करी, आरोपी गिरफ्तार
राजधानी में अवैध शराब परिवहन करते 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आबकारी एक्ट की धाराओं के तहत दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार खरोरा थाना क्षेत्र अंतर्गत मुखबिर की सूचना पर 2 शराब कोचियों को घेराबंदी कर पकड़ा गया। आरोपियों ने अपना नाम शुभम अग्रवाल आयु 28 वर्ष निवासी सरगांव और संदीप साहू आयु 29 वर्ष निवासी खरोरा बताया है। आरोपियों के कब्जे से दोपहिया वाहन में 4 पेटी (200 नग) देसी शराब जुमला 36 लीटर कीमती 18000 रूपए बरामद की गई। आरोपियों के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2) के तहत अपराध क्रमांक 226/21 पंजीबद्ध करने के बाद दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया।