मिर्गी झटके के साथ महिला को हुई प्रसव पीड़ा, सरकारी डॉक्टरों ने बचाई जान
बीजापुर। बीजापुर जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने एक क्रिटिकल केस को हैंडल कर मिसाल पेश की है। दरअसल हुआ कुछ यूं कि, अंजलि मोहबिया नाम की मरीज को हास्पीटल लाया गया। जब उसे यहां लाया गया तो वह गंभीर स्थिति में थी। वह बेहोश थी, उसका रक्तचाप उच्च स्तर पर था और उसे मिर्गी के कई झटके भी आए थे। रोगी को स्थिर करने के लिए तुरंत उपचार शुरू किया गया।
इमरजेंसी सिजेरियन आपरेशन से मरीज की डिलीवरी की गई। ऐसे रोगियों में डिलीवरी के दौरन जटिलताओं की संभावना अधिक होती है। लेकिन इस केस में कुछ नियंत्रण में न होते हुए भी मां और बच्चे दोनों सुरक्षित हैं। डिलीवरी के बाद से ही बच्चे की देखभाल एसएनसीयू में की जा रही थी। मां और बच्चे को स्वस्थ हालत में 6 तारीख को छुट्टी दे दी गई। इसके बाद परिजनों ने प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी और पूरे स्टाफ को धन्यवाद दिया।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सचिन, डॉ. गणेश, डॉ. सुषमा और चिकित्सा अधिकारी डॉ. गरिमांशु, डॉ. जितेंद्र और अनिल की टीम के साथ डिलीवरी वार्ड और गायनिक ऑपरेशन थियेटर का पूरा नर्सिंग स्टाफ मां की देखभाल कर रहा था। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मंगेश और उनकी पूरी टीम ने बच्चे की देखभाल की। जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन और सिविल सर्जन डॉ. वाईएस ध्रुव की देखरेख में जिला अस्पताल में अत्यधिक सुधार के कारण इस तरह के उच्च जोखिम वाले रोगी की देखभाल संभव हो पाई है। ऐसे उच्च जोखिम वाले मरीजों का इलाज जिला अस्पताल में होने से बीजापुर के निवासियों को बड़ी राहत मिली है।