छत्तीसगढ़
Chhattisgarh शराब घोटाले को लेकर EOW ने जुनैद ढेबर को पूछताछ के लिए बुलाया
Shantanu Roy
7 Jun 2024 1:36 PM GMT
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बड़ी खबर
Raipur: रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2 हज़ार शराब घोटाले के मामले में EOW की जांच जारी है जिसके चलते कारोबारी अनवर ढेबर के बेटे जुनैद ढेबर को EOW ने पूछताछ के लिए EOW मुख्यालय बुलाया है।
ये है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ में चर्चित 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले पर कारोबारी अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू ढिल्लन और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरूणपति त्रिपाठी अभी 4 दिन और ईडी की रिमांड पर रहेंगे। कोर्ट ने 19 मई तक की रिमांड बढ़ा दी है। ईडी ने 10 दिन की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन 4 दिन की मंजूरी मिली है। 16 मई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में कारोबारी अनवर ढेबर के मामले में सुनवाई भी है। अब उन्हें राहत मिलेगी या नहीं इसका भी ईडी को बेसब्री से इंतजार होगा। सूत्रों का ये भी कहना है कि दो होटल व्यवसाई और एक IAS और उनके बेटे को लंबी पूछताछ के बाद उन्हें घर जाने दिया गया है। और निर्देश दिया गया कि जब भी बुलाया जाएगा तो उपस्थित होना होगा। छत्तीसगढ़ में ताबड़तोड़ छापे के बाद ईडी ने एक प्रेस रिलीज जारी करके शराब घोटाले की जानकारी दी है। ईडी का दावा है कि साल 2019 से 2022 के बीच प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला हुआ है। जिसमें 2 हजार करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। उन्होंने अपनी जांच में ये खुलासा किया है कि अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ में एक सिंडिकेट चला रहे हैं, और उसमें बड़े नेताओं के अलावा सीनियर अफसरों का भी सपोर्ट है। जिसमें एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया गया है कि, छत्तीसगढ़ में बेचे जाने वाली शराब की हर बोतल पर अवैध वसूली की जा रही थी। ईडी ने कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की है।
एक हफ्ते पहले ही 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में जेल में बंद अनवर ढेबर के साथ ही उसके बेटे शोएब ढेबर और जुनैद ढेबर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। रायपुर के दो अलग-अलग थानों में पिता-पुत्रों सहित 8 लोगों पर FIR दर्ज की गई है। सिविल लाइन थाने में पिता-पुत्रों पर युवती से साइबर स्टॉकिंग और पुरानी बस्ती थाने में अपने ही कर्मचारी के घर का ताला तोड़कर कैश और डॉक्यूमेंट चोरी का मामला है। दोनों मामलों में फिलहाल किसी आरोपी की गिरफ्तारी नही हुई है। शहर के पुरानी बस्ती थाने में मुंबई निवासी इरफान मेघजी ने FIR दर्ज कराई है। इसमें आरोप लगाया है कि वह 2016 में अनवर ढेबर के प्रोजेक्ट ढेबर बिल्डकॉन में काम करने के लिए आया था।उसे 2018 में भाठागांव स्थित ढेबर सिटी लोटस टावर में परिवार सहित रहने के लिए फ्लैट दिया गया था। दिसंबर 2023 में इमरान काम छोड़कर मुंबई चला गया, लेकिन मेरा सामान फ्लैट में ही रखा था। इमरान ने पुलिस को बताया कि 30 मार्च की दोपहर ढेबर सिटी से एक स्टाफ ने उसे कॉल किया। जानकारी मिली कि मेरे घर में 3-4 लोग ताला तोड़कर घुसे हैं। पूछने पर पता चला कि सोहेल, पापा, निखिल खत्री मौजूद हैं। जबकि अनवर ढेबर वीडियो कॉल पर है।
आरोप है कि अनवर ने कॉल पर कहा कि घर में किसी भी हाल में घुसो, ताला तोड़ना पड़े तो तोड़ दो और जो भी सामान हो ले आओ। इसके बाद इमरान 15 अप्रैल को फ्लैट पर लौटा तो पता चला कि उसकी पत्नी की 6 सोने की नथनी, 18-20 हजार रुपए कैश, उसके निजी दस्तावेज, बच्चों के स्कूल सर्टिफिकेट गायब थे। इमरान ने दूसरी FIR सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई है। इसमें अनवर ढेबर के साथ ही उसके बेटों शोएब ढेबर और जुनैद ढेबर व एक अन्य को आरोपी बनाया गया है। इमरान ने बताया कि वह ढेबर के प्रोजेक्ट में सुपरवाइज़र के तौर पर काम करता था। जब वह काम छोड़कर चला गया तो उसे डरा-धमकाकर बुलाया गया। चारों आरोपियों ने उससे मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। इमरान ने यह भी आरोप लगाया है कि धमकी देकर उससे किसी लड़की की साइबर स्टॉकिंग कराई गई। आरोप है कि लड़की के मोबाइल से जानकारी निकलवाने के लिए छेड़छाड़ की गई। रायपुर सिटी ASP लखन पटले ने बताया कि पुरानी बस्ती में चोरी के मामले में चार आरोपी शामिल हैं। वहीं सिविल लाइन थाने में साइबर स्टॉकिंग के मामले में करीब 4 आरोपी है। पुलिस दोनों ही मामलों में जांच पड़ताल कर रही है, जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
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