वन क्षेत्रों में कार्पोरेट जगत की एंट्री के पीछे केंद्र जिम्मेदार - सीएम भूपेश बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जैव विविधता अधिनियम में संशोधन को लेकर केंद्र पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आदिवासी हितों के विपरीत है यह संशोधन. सीएम ने ट्वीट कर लिखा कि लोकसभा से 25 जुलाई एवं राज्यसभा से 1 अगस्त को जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, पारित कर दिया गया. इस संशोधन के बाद जैव विविधता उल्लंघन से संबंधित अपराधों को समाप्त कर दिया जाएगा.
👉🏻 आदिवासी हितों के विपरीत है यह संशोधनजैव विविधता अधिनियम 2002 (Bio Diversity Act 2002) में संशोधनलोकसभा से 25 जुलाई एवं राज्यसभा से 1 अगस्त को जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, पारित कर दिया गया। इस संशोधन के बाद जैव विविधता उल्लंघन से संबंधित अपराधों को समाप्त कर दिया जायेगा।…
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 10, 2023
सीएम बघेल ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन में निजी क्षेत्र की कंपनियों को सभी प्रकार के वन क्षेत्रों में व्यापार की छूट देता है. इसका वास्तविक उद्देश्य कार्पोरेट सेक्टर को वन संसाधनों की लूट की छूट देना है.
फूले अंबेडकर विचारधारा के प्रकाश स्तम्भ, वरिष्ठ साहित्यकार, विचारक एवं समता परिषद के उपाध्यक्ष प्रो. हरि नरके जी के निधन का समाचार दुखद है।उनका जाना एक अपूरणीय सामाजिक क्षति है। नरके जी पचास से अधिक किताबों के लेखक एवं सम्पादक थे एवं वर्तमान में पुणे में भंडारकर ओरिएंटल…
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बघेल ने कहा कि इस संशोधन के माध्यम से वन संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों को भी बैक डोर से बाई पास करने की मंशा है. इस संशोधन से आदिवासियों के हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. वन क्षेत्रों में कार्पोरेट जगत की एंट्री सरल करने से आदिवासियों के वन क्षेत्रों से बेदखली की आशंका उत्पन्न हो गई है.
स्मृति ईरानी जी को गांधी परिवार का फोबिया हो गया है। pic.twitter.com/m9mY00IlAa
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