छत्तीसगढ़

हम सब के लिए प्रेरणादायक है वीरांगना रानी अवंती का सम्पूर्ण जीवन : राज्यपाल अनुसुईया उइके

Nilmani Pal
16 Aug 2022 4:11 AM GMT
हम सब के लिए प्रेरणादायक है वीरांगना रानी अवंती का सम्पूर्ण जीवन : राज्यपाल अनुसुईया उइके
x

रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी की जयंती पर उन्हें नमन किया। राज्यपाल ने कहा कि वीरांगना अवंती बाई लोधी ने भारत भूमि की रक्षा हेतु अपने प्राण की आहुति देकर अदम्य साहस एवं पराक्रम का परिचय दिया, उनका सम्पूर्ण जीवन हम सब के लिए प्रेरणादायक है।

रानी अवन्तीबाई लोधी भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली प्रथम महिला शहीद वीरांगना थीं। 1857 की क्रांति में रामगढ़ की रानी अवंतीबाई रेवांचल में मुक्ति आंदोलन की सूत्रधार थी। 1857 के मुक्ति आंदोलन में इस राज्य की अहम भूमिका थी, जिससे भारत के इतिहास में एक नई क्रांति आई।

1817 से 1851 तक रामगढ़ राज्य के शासक लक्ष्मण सिंह थे। उनके निधन के बाद विक्रमाजीत सिंह ने राजगद्दी संभाली। उनका विवाह बाल्यावस्था में ही मनकेहणी के जमींदार राव जुझार सिंह की कन्या अवंतीबाई से हुआ। विक्रमाजीत सिंह बचपन से ही वीतरागी प्रवृत्ति के थे अत: राज्य संचालन का काम उनकी पत्नी रानी अवंतीबाई ही करती रहीं। उनके दो पुत्र हुए-अमान सिंह और शेर सिंह। अंग्रेजों ने तब तक भारत के अनेक भागों में अपने पैर जमा लिए थे जिनको उखाड़ने के लिए रानी अवंतीबाई ने क्रांति की शुरुआत की और भारत में पहली महिला क्रांतिकारी रामगढ़ की रानी अवंतीबाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध ऐतिहासिक निर्णायक युद्ध किया जो भारत की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है जिससे रामगढ़ की रानी अवंतीबाई उनका नाम पूरे भारत मैं अमरशहीद वीरांगना रानी अवंतीबाई के नाम से हैं।


Next Story