बंगाली समाज कालीबाड़ी चुनाव को प्रबुद्धजनों ने की रद्द करने की मांग
- एक व्यक्ति को जीताने चुनाव अधिकारी ने कानून-कायदे को ताक में रखा
- वोटर्स बढ़ाने बाहरी लोगों के साथ मिलकर धांधली करने का आरोप
रायपुर। बंगाली कालीबाड़ी समिति की स्थापना सन 1939 में की गई थी। इसका लक्ष्य समाज की मुख्य धारा से जुड़कर स्वस्थ समाज की स्थापना था। 26 दिसंबर को इसके द्वि-वार्षिक आम चुनाव स्थानीय कालीबाड़ी में स्थित रविन्द्र मंच मंच संपन्न हुए। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और 8 कार्यकारिणी सदस्यों तथा कालीबाड़ी शाला सचिव आदि के चुनाव हुए। चुनाव के नतीजे 27 दिसंबर को घोषित किए गए, जो कि बेहद चौंकाने वाले रहे ।
महिला आयोग में शिकायत
सूत्रों ने बताया कि चुनाव के मतगणना में बेहद धांधली की गई है। चुनाव को रजिस्ट्रार फार्म एवं सोसाइटी के अधीन संपन्न करवाया गया था। इस चुनाव में राजनीति, कूटनीति एवं दबंगई का जमकर प्रयोग किया गया। चुनाव को रद्द करने की मांग समाज के सम्मानित और गणमान्य नागरिकों ने की है साथ-ही उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी सदस्य के रुप खड़ी महिला प्रत्याशी बबीता सेनगुप्ता जो कि मांग 2 वोटों के अंतर से हारी है, मतगणना के नतीजे के पूर्व में जीत रही थी को हारी हुई घोषित कर दिया गया जिससे काफी हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई तथा उनके द्वारा पुनर्गणना की मांग को ठुकराकर उनके साथ अभद्रतापूर्ण दुव्र्यवहार किया गया है। जिसके कारण वे महिला राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
चुनाव की तिथि घोषणा करने में बरती कोताही
इस संपन्न चुनाव की तहकीकात के बाद उनके गंभीर बाते सामने आई हैं। द्वितीय वार्षिक चुनाव की तिथि की घोषणा का प्रकाशन समाचार पत्रों अथवा किसी अन्य माध्यम से नहीं किया गया। इस प्रकार भी यह संपन्न चुनाव अवैध तथा रद्द करने योग्य है। भाग लेने वाले प्रत्याशियों हेतु नामांकन फार्म के भरने हेतु अंतिम तिथि का प्रकाशन भी विधिवत रुप से प्रकाशन नहीं करवाया गया और अपने चहेेते लेागों को ही फार्म भरवाकर चुनाव लडऩ़े का मौका दिया गया जिससे अनेक प्रत्याशी चुनाव में भाग लेने से वंचित किये गए ऐसा कर उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया गया है इस प्रकार भी यह संपन्न चुनाव अवैध है तथा रद्द करने योग्य है।मतपत्रों के प्रकाशन में भी गंभीर त्रुटियां सामने आयी हैं। मतपत्रों में प्रत्याशियों के नाम अल्फाबेटिकल नहीं रखे गए हैं तथा अपने पसंद के प्रत्याशियों को प्रथम स्थान आदि में रखा गया तथा इसे प्रकाशन उपरान्त प्रत्याशियों को नहीं दिखाया गया था जो कि पूर्ण रुप से अवैधानिक, गैर सम्मत तथा न्याय के विपरीत है। यह संपन्न चुनाव अवैध व रद्द करने की मांग रायपुर के बंग समुदाय ने की है।