छत्तीसगढ़

स्वामी आत्मानंद योजना के नाम से चलेगी अंग्रेजी माध्यम की स्कूलें

Admin2
7 Oct 2020 10:52 AM GMT
स्वामी आत्मानंद योजना के नाम से चलेगी अंग्रेजी माध्यम की स्कूलें
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इंग्लिश स्कूलों के संचालन में खर्च होंगे 200 करोड़

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में खोले जा रहे इंग्लिश मीडियम स्कूलों का संचालन स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना के तहत करने की घोषणा की। वे मंगलवार को स्वामी आत्मानंद की जयंती के मौके पर पाटन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। योजना के तहत अभी राज्य में 51 स्कूल खोले गए हैं। और अगले साले से सभी 148 ब्लाकों में इंग्लिश स्कूल खोले जाएंगे। इस पर सरकार ने दो चरणों में करीब 200 करोड़ रुपए दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिन स्कूलों के नामकरण महापुरूषों के नाम पर किया गया है। उन स्कूलों के नाम यथावत रखे जाएंगे।

स्वामी विवेकानंद की स्मृति में रायपुर में बनेगा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्मारक ्र रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्वामी आत्मानंद ने स्वामी रामकृष्ण परमहंस की भावधारा और स्वामी विवेकानंद की विचार धारा को कार्य रूप में परिणित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वामी आत्मानंद के पद चिन्हों पर चलते हुए किसानों, वनवासियों, गरीबों और मजदूरों के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कोलकत्ता के बाद सर्वाधिक समय रायपुर में व्यतीत किए। रायपुर प्रवास के दौरान वे जिस भवन में रहे, उस भवन में स्वामी विवेकानंद की स्मृति में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्मारक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री आज अपने निवास कार्यालय से विवेकानंद विद्यापीठ रायपुर द्वारा आयोजित स्वामी आत्मानंद स्मृति राष्ट्रीय वेबीनार को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानन्द को स्मरण करते हुए कहा कि स्वामीजी के जीवन में उनके शिक्षक तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पिता का विशेष प्रभाव पड़ा, जिनके सानिध्य में उन्हें अपने बाल्यकाल में ही वर्धा स्थित गांधी आश्रम में रहने का अवसर मिला। स्वामीजी ने अपने जीवन में सेवापरायणता के माध्यम से रामकृष्ण भावधारा और स्वामी विवेकानंद के विचारों को कार्यरूप में परीणित किया। स्वामी रामकृष्ण परमहंस विश्व के एकमात्र ऐसे संत थे, जिन्होंने जितने मत-उतने पंथ का विचार देते हुए विभिन्न पंथों और संप्रदायों में निहित एकरूपता को स्थापित किया।

धरसा विकास योजना- छत्तीसगढ़ में खेत जाने वाले कच्चे रास्ते पक्के होंगे, तीन सचिवों की समिति बनी : धरसा विकास योजना से गांवों में धरसा के कच्चे रास्ते को पक्का किया जाएगा। उन्होंने धरसा निर्माण योजना तैयार करने के लिए पंचायत, राजस्व और लोक निर्माण विभाग के सचिवों की समिति का भी गठन कर दिया। बघेल ने यह घोषणा दुर्ग के पाटन में आयोजित स्वामी आत्मानंद जयंती समारोह में की। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इसके पहले बघेल ने अपने निवास कार्यालय में स्वामी आत्मानंद के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। बघेल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद को हम एक समाज सुधारक और शिक्षाविद् के रूप में देखते हैं। उनके पद चिन्हों पर चलते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की शुरूआत 02 अक्टूबर 2019 को गांधी जयंती के दिन से की है। इस योजना में अब तक 13.77 प्रतिशत बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर लाया गया है। स्वामी आत्मानंद जी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए। उनके द्वारा स्थापित आश्रम में आयुर्वेदिक, एलोपैथिक, होम्योपैथिक चिकित्सा के साथ ही एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई। उनके कार्यों को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा हाट बाजार क्लिनिक और मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना शुरू की गई। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्यमंत्री के एसीएस सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी उपस्थित थे। सर्वश्री सीताराम वर्मा, मेहत्तर राम वर्मा, अश्वनी साहू सहित विभिन्न समाजों के पदाधिकारी और नागरिक उपस्थित थे।

गोधन योजना की पांचवी किस्त के 8.56 करोड़ का किया आनलाइन पेमेंट : सीएम बघेल ने गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश के 88 हजार 810 गौपालकों एवं गोबर विक्रेताओं को पांचवी किस्त के रूप में 8 करोड़ 56 लाख रूपए का ऑनलाइन भुगतान किया। जुलाई से अब तक गौपालकों एवं गोबर विक्रेताओं को 29 करोड़ 28 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गौठानों में तैयार की गई वर्मी कम्पोस्ट 'गोधन वर्मी कम्पोस्ट' के नाम से लॉन्च किया। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रत्येक पखवाड़े भुगतान का अपना वायदा भी पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के जरिए राज्य में 700 से 800 करोड़ रूपए की वर्मी कम्पोस्ट खाद का कारोबार महिला समूहों एवं सोसायटियों के माध्यम से होगा।

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