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बिलासपुर। सिवनी से भोमा तक करीब 16 किमी रेलमार्ग पर किए गए विद्युत कार्य का निरीक्षण हुआ. यह निरीक्षण दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन के प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर इलेक्ट्रिक (पीसीईई) रमेंद्र कुमार तिवारी ने किया. उन्होंने विद्युत कार्य के निरीक्षण के उपरांत उक्त रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से स्पीड ट्रायल किए. उनके आगमन के पूर्व सुबह 10.10 बजे एडीआरएम नागपुर से छिंदवाड़ा होकर डीजल व इलेक्ट्रिक इंजन सहित तीन डिब्बों की स्पेशल ट्रेन लेकर टीम के साथ सिवनी पहुंच गए थे. इलेक्ट्रिक वर्क पूरा होने के बाद इस रेलखंड पर अब ट्रेनों की गति तेज होगी. पीसीईई तिवारी सुबह 10.44 बजे सड़क मार्ग से सिवनी पहुंचे. वे बिलासपुर से गोंदिया पहुंचने के बाद वहां से सुबह करीब आठ बजे कार से सिवनी के लिए निकले थे. सिवनी रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद उन्होंने परिसर का निरीक्षण किया. स्टेशन के फर्श के आधा-अधूरा कार्य देखकर एडीआरएम से सवाल-जवाब किए. कहा कि इसे हर हॉल में पूरा कराएं. रेलवे स्टेशन पर शेड के बाहर ब्रिज के पास एक जगह फर्श पर कार्य अधूरा दिखा.
शेड के अंदर एक खंभे के चबूतरे की छपाई कर छोड़ दिया गया था. दोनों कार्यों के संबंध में पीसीईई ने वहां रुककर पूछताछ की. एडीआरएम ने बताया कि वे डीआरएम से बात कर इन कार्यों को पूरा करवाएंगे. स्टेशन के बाहर की सड़क का डामरीकरण कर पूरा करने की बात पीसीईई ने कही. स्टेशन परिसर के निरीक्षण के उपरांत वे सुबह करीब 11.45 बजे स्पेशल ट्रेन पर सवार होकर भोमा के लिए रवाना हो गए. स्पेशल ट्रेन को सिवनी से डीजल इंजन लेकर भोमा गई. उधर से वे इलेक्ट्रिक इंजन पर सवार होकर बरघाट नाका के पास तक विद्युत कार्य का निरीक्षण करते हुए पहुंचे. 16 किमी की दूरी तक विद्युत कार्य का निरीक्षण करने में उन्होंने ढाई घंटे से अधिक का समय लिया. इस दौरान वे ब्रिज के पास, बैरियर (गेट) के पास, तारों की ऊंचाई, खंभो की ऊंचाई आदि का सूक्ष्मता से निरीक्षण किए. करीब 20 किमी की स्पीड से चल रही ट्रेन को कई जगह रोक कर नीचे उतरे और कार्यों की बारीकी से निरीक्षण किया. भोमा से वे सिवनी दोपहर करीब 03.15 बजे पहुंचे. इसके बाद लंच करने चले गए. सायं करीब 5.55 बजे लंच के बाद इलेक्ट्रिक इंजन से उन्होंने भोमा तक स्पीड ट्रायल किया. ट्रायल करने के पूर्व विधि-विधान से इंजन की पूजा की गई. 90 की स्पीड से ट्रायल हुआ.
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