छत्तीसगढ़

रिकार्ड में सवा लाख के सिक्के दिखाकर 5.59 करोड़ का गबन, यूनियन बैंक के कैशियर का कोर्ट में सरेंडर

HARRY
13 Oct 2022 9:43 AM GMT
रिकार्ड में सवा लाख के सिक्के दिखाकर 5.59 करोड़ का गबन, यूनियन बैंक के कैशियर का कोर्ट में सरेंडर
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राजेंद्रनगर स्थित यूनियन बैंक की शाखा में 5.59 करोड़ घोटाले के मोस्ट वांटेड कैशियर किशन बघेल ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। आरोपी से पूछताछ के लिए पुलिस ने 14 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया है। उससे आला अफसरों की टीम पूछताछ कर रही है। पिछले चार माह से पुलिस उसकी तलाश में थी। इस दौरान कई जगह छापेमारी की गई, लेकिन कोई क्लू नहीं मिला। आरोपी ओडिशा में छिपा था। अचानक वह मंगलवार को कोर्ट पहुंच गया। आरोपी ने करोड़ों का घोटाला केवल 1 लाख 30 हजार के सिक्कों की आड़ में कर दिया।

बैंक के रिकॉर्ड में वह 5 करोड़ से ज्यादा के सिक्के दिखाता रहा और कैश पैसे नए-नए खाते खोलकर उसमें ट्रंासफर करता रहा। चूंकि इतने सिक्कों की गिनती कोई नहीं करता, इस वजह से फर्जीवाड़ा सामने नहीं आया। सीएसपी राजेश चौधरी ने बताया कि राजेंद्रनगर स्थित यूनियन बैंक की शाखा में किशन बघेल कैशियर है। 2017 में कैशियर पद पर पोस्टिंग होने के बाद से ही वह पैसों का गबन करने लगा था। वह बैग में कभी 10 के सिक्के तो कभी नोट भरकर घर ले जाता था। उसने अपने रिश्तेदारों के नाम से खाते खोले और बैंक से पैसे उनके खाते में ट्रांसफर करता रहा। उसने अपनी बेटी के खाते में भी 1 करोड़ से ज्यादा जमा किए थे।

गबन का पैसा जुए में हार गया कैशियर

प्रारंभिक पूछताछ में कैशियर ने बताया कि वह जुआ-सट्‌टा खेलता है। वह लगातार जुआ में पैसा हार रहा था। उसे पैसों की जरूरत थी। तब वह थोड़ा-थोड़ा कर बैंक के दस्तावेजों में हेराफेरी कर पैसा निकालने लगा। कोई भी उसका फर्जीवाड़ा नहीं पकड़ पा रहा था, इसलिए वह लगातार हेराफेरी करने लगा। गबन के पैसे भी वह जुआ में हार गया है। पुलिस के अनुसार इसमें कुछ और लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी। आरोपी ने गबन के लिए अपने रिश्तेदारों के 7 खातों का उपयोग किया है। उसकी जांच की जा रही है। उन्हें बयान के लिए बुलाया जाएगा। राजेंद्रनगर स्थित यूनियन बैंक में 21 अप्रैल को 5.59 करोड़ का घपला फूटा। कैश का मिलान करने पर पता चला तिजोरी से इतनी बड़ी रकम गायब है, जबकि बैंक के रिकार्ड में पैसे कम नहीं हैं।

25 मार्च को बैंक के रिकार्ड में 6.23 करोड़ कैश की एंट्री थी। पूरे पैसे 10-10 के सिक्कों के रूप में दिखाए गए थे। जांच करने पर पता चला कि 24 मार्च को सिक्के के रूप में कैश 3 करोड़ 46 लाख थे। अगले दिन ये पैसे 5 करोड़ 61 हो गए। एक दिन में करीब 2 करोड़ के सिक्के कहां से आ गए? इसी से शक हुआ। उस दिन कैशियर बैंक में था। अगले दिन से वह गायब हो गए। एक-दो दिन इंतजार करने के बाद बैंक वालों ने उससे संपर्क करने की कोशिश की। पर नहीं हो सका। वह घर पर भी नहीं मिला। उसके बाद बैंक प्रबंधन ने अपने स्तर पर जांच की और 21 अप्रैल को पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया। उसके बाद 6 जून को राजेंद्र नगर थाना में गबन का रिपोर्ट दर्ज कराया गया।

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