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फाइल फोटो
कहते हैं कि माता 'कुमाता' नहीं होती, लेकिन एक मां ने अपनी नाबालिग बच्ची को एक अधेड़ के हाथ बेचकर जो घिनौना काम किया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छत्तीसगढ़/ रायपुर डेस्क: कहते हैं कि माता 'कुमाता' नहीं होती, लेकिन एक मां ने अपनी नाबालिग बच्ची को एक अधेड़ के हाथ बेचकर जो घिनौना काम किया, उससे मां की छवि कलंकित हुई है। मां ने बच्ची की एक अधेड़ से चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) में शादी करा दी। इसके बाद उससे 20 हजार रुपये लेकर रायपुर जिले के तिल्दा नेवरा अपने घर लौट आई। उसने अपने दिव्यांग पति से झूठ बोला कि बच्ची को राजा नाम का शख्स भगा ले गया। 14 वर्षीया बच्ची को खरीदने का आरोपित बांदा (उत्तर प्रदेश) का बताया गया है। पुलिस ने 20 माह बाद नाबालिग को बांदा जिले से अधेड़ के कब्जे से मुक्त करा लिया तथा बच्ची की मां और अधेड़ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
एडिशनल एसपी ग्रामीण तारकेश्वर पटेल ने बताया कि तिल्दा नेवरा के वार्ड क्रमांक चार में रहने वाली 42 वर्षीया महिला ने दो जनवरी 2019 को थाने में आकर शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग बेटी घर से बिना बताए कहीं चली गई है। पुलिस ने मामले में अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू की, तब पता चला कि उप्र के बांदा जिले के कमासीन थाना अंतर्गत ग्राम बंथरी निवासी विजय बहादुर खेंगर (41) से नाबालिग की शादी कराने के एवज में उसकी मां ने ही 20 हजार रुपये लेकर उसे बेच दिया है। नाबालिग को आरोपित विजय बहादुर अपने गृहग्राम ले जाकर वहां पर उसके साथ जबरिया शादी की और लगातार दुष्कर्म करता रहा। कुछ दिनों के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई उसने बेटी को जन्म दिया। आरोपित का नाम, पता मालूम करने के बाद सहायक उपनिरीक्षक आरबी सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम पिछले दिनों बांदा पहुंची। इसके बाद बंथरी गांव में दबिश देकर नाबालिग को अधेड़ के कब्जे से आजाद कराया। मामले में आरोपित विजय बहादुर खेंगर और नाबालिग की 42 वर्षीया मां को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों के खिलाफ धारा 370, 370(ए), 4,6,17 पाक्सो एक्ट का अपराध कायम कर गुरुवार को जेल भेज दिया गया।
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