छत्तीसगढ़

हाथियों का उत्पात जारी: देर रात ग्रामीणों की बस्तियों को उजाड़ा, लोगों को सरकारी भवन में किया शिफ्ट

Shantanu Roy
14 Sep 2021 6:40 AM GMT
हाथियों का उत्पात जारी: देर रात ग्रामीणों की बस्तियों को उजाड़ा, लोगों को सरकारी भवन में किया शिफ्ट
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंबिकापुर। सरगुजा जिले के उदयपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों का उत्पात जारी है। बीती रात हाथियों ने डूफाखार बस्ती में जमकर उत्पात मचाया। शाम ढलते ही गांववालों ने सुरक्षित स्थान पर शरण ले ली थी। इधर हाथियों द्वारा मकानों को क्षतिग्रस्त करने के साथ फसलों को भी तबाह कर दिया गया। आठ हाथियों के स्वच्छंद विचरण को देखते हुए वन विभाग द्वारा जंगल किनारे घरों में रहने वाले लोगो को पंचायत भवन,स्कूल,आंगनबाड़ी में शाम को ही शिफ्ट कर दिया जा रहा है। हाथियों के स्वच्छंद विचरण के कारण गांववाले दहशत में है।

कई वर्ष बाद इस इलाके में हाथियों ने दस्तक दी है। आठ हाथियों का दल बीती शाम को जब जंगल से निकला तो कुछ देर आसपास ही विचरण करता रहा। हाथी जंगल के किनारे डूफाखार बस्ती की ओर बढ़े तो गांववालों को सरकारी भवन में शिफ्ट कर दिया गया। उदयपुर विकासखंड के ग्राम डूफाखार में शाम सात बजे हाथियों के समूह ने झगरू मांझी,लच्छू राम,चन्दर राम,सम्पत राम, धनीराम व नानसाय मांझी के घरों को तोड़-फोड़ कर घर में रखे धान, मक्का, जटंगी, चावल, बर्तन को नष्ट कर दिया। खेत में मक्के की खड़ी फसल व बाड़ी में लगे केले के पौधों को रौंद दिया।

हाथियों ने गांव के संपत मांझी के खेत में लगे ट्यूबवेल को भी नुकसान पहुंचाया। हाथियों की वजह से ग्रामीण सारी रात जगह-जगह अलाव जलाकर बैठे रहे। उदयपुर क्षेत्र में घुसे दल में आठ हाथी है। इसमें एक बच्चा भी शामिल है। बच्चे की वजह से हाथियों का दल ज्यादा आक्रामक है। इसी दल ने पिछले दिनों स्कूटी से जा रहे दंपती व बच्चे को कुचल कर मार डाला था। बच्चे की सुरक्षा को लेकर हाथी ज्यादा सतर्क रहते है। दिन भर हाथी जंगल मे रहते है। शाम को जब वे जंगल से बाहर निकलते है तो बच्चा उन्हीं के बीच में रहता है।

ग्राम पंचायत बुले के आश्रित ग्राम डूफाखार में शाम सात बजते ही हाथियों ने दस्तक दे दी थी। बस्ती में अफरातफरी का माहौल निर्मित हो गया था। जान बचाने लोग आंगनबाड़ी और पंचायत भवन में पहुंच गए। जब हाथियों का विचरण शुरू हुआ तो कई परिवार के सदस्य भोजन भी नहीं कर सके थे। सुबह जब भाजपा का प्रतिनिधिमंडल नुकसान का जायजा लेने गांव पहुंचा तो बताया गया कि रात भर वे भूखे-प्यासे बैठे रहे। वन विभाग की इस कार्यशैली पर भाजपा नेताओं ने नाराजगी जताई और संकट के समय संवेदनशीलता के साथ मदद की उम्मीद जताई है।
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