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तुमला। जिले के ओडिशा और झारखंड की अंर्तराज्यीय सीमा पर स्थित तपकरा वन परिक्षेत्र में 40 हाथियों ने डेरा जमा लिया है। बीते 24 घंटे में हाथियों के हमले में एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना मिली है। जानकारी के अनुसार रेंज के महिजोर गांव के रहवासी जयराम उरांव पिता भोंडा,शनिवार की रात लगभग साढ़े 8 बजे शौच के लिए घर से बाहर निकला था। इसी समय अकेला भटक रहे दंतैल,वहां आ पहुंचा और उसने जयराम पर हमला कर दिया। घायल ने बताया कि हाथी ने उसे दांत से उठा कर जमीन पर पटक दिया। जमीन पर गिरने के बाद भी जान बचाने के लिए घायल जयराम झाड़ियों छिप गया और शोर मचाने लगा। उसकी आवाज सुन कर,आसपास रहने वाले ग्रामीण उसकी सहायता के लिए बाहर निकले।
इस बीच शोर होने पर हाथी घायल को छोड़कर जंगल की ओर भाग निकला। तपकरा रेंज के प्रभारी रेंजर निखिल पैंकरा ने बताया कि घटना की सूचना पर हाथी मित्र दल तत्काल घटना स्थल पर पहुंच गया था। घायल को इलाज के लिए फरसाबहार के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती करा दिया गया है। उन्होनें बताया कि तपकरा रेंज में अलग अलग दलों में 40 हाथी विचरण कर रहें हैं। इनमें 14 सदस्यों वाला गौतमी दल भी शामिल है। इसके अतिरिक्त शर्करा के जंगल में 7 हाथियों का एक बड़ा दल भी शामिल है।
जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2022 में जनवरी से लेकर अब तक हाथियों के हमले में 17 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जिले के तपकरा,दुलदुला,कुनकुरी,पत्थलगांव और बगीचा वन परिक्षेत्र हाथी प्रभावित क्षेत्र में शामिल हैं। हाथियों से बढ़ते हुए जन और संपत्ति हानि को नियंत्रित करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार ने बीते डेढ़ दशक में एक दर्जन से अधिक प्रयोग कर चुकी है। इनमें एलीफेंट कारिडोर,सोलर वायर फेंसिंग,जीआई वायर फेसिंग,स्मार्ट हूटर और रेडियो कालर आईडी शामिल है। इन सारे प्रयत्न के बाद भी हाथी की समस्या गंभीर होती जा रही है। जानकारो के अनुसार ओडिशा और झारखंड में जंगलों के लगातार सिमटने से हाथियों का प्राकृतिक रहवास प्रभावित हुआ है। इसलिए वे सुरक्षित ठिकाने की खोज में छत्तीसगढ़ के जशपुर,रायगढ,अंबिकापुर,कोरबा जैसे जिले की ओर मुड़ रहें हैं।
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