चुनाव का बहिष्कार, एक भी वोट नहीं देने का फैसला, 10 महीने से धरने पर बैठे है यहां के ग्रामीण
नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने वोट ना देने की बात कही है.ग्रामीण पिछले 10 महीने से अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन अभी तक ग्रामीणों की मांगों पर विचार नहीं किया गया है.इस दौरान ग्रामीणों ने विधायक, जिला प्रशासन समेत अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है.लेकिन अभी तक ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हुई.
अबूझमाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 10 महीने से खुले आसमान के नीचे जंगलों के बीच अपनी तीन सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें मूल पेशा कानून लागू करने , वन संरक्षण अधिनियम 2022 और नवीन प्रस्तावित कैंप के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की गई है. कई बार जिला मुख्यालय में हजारों ग्रामीणों के साथ जाकर ज्ञापन भी दिया गया.लेकिन अबूझमाड़ के ग्रामीणों की मांगों को सुनने और विचार करने का समय सरकार के पास नही है. तो फिर क्यों मतदान करके सरकार बनाए.
आपको बता दें कि नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के इरकभट्टी , तोयामेटा, ढोंडरीबेड़ा और ओरछा के नदीपारा में अबूझमाड़ के ग्रामीण अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अक्टूबर 2022 से धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी ने आंदोलन के बीच सभी लोगों से चुनाव के दौरान मतदान करने की अपील की है.