बिल्डर से बुजुर्ग परेशान, उपभोक्ता फोरम के आदेश के बाद भी वापस नहीं किया पैसा
बिलासपुर। एक 78 वर्षीय बुजुर्ग बिल्डर से रुपए लेने करीब 25 से परेशान है। मामला चंदेला बिल्डर का है। बिल्डर की मनमानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य उपभोक्ता फोरम से आदेश होने के 15 साल बाद भी उसने रुपए वापस नहीं किए। अब राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम ने कलेक्टर के माध्यम से वसूली का आदेश दिया है। कलेक्टर ने तहसीलदार के माध्यम से चंदेला बिल्डर की चल और अचल संपत्ति की जानकारी मांगी है। इस पर तहसीलदार ने 17 अक्टूबर तक तिफरा और तालापारा के पटवारी से प्रतिवेदन मांगा है।
याचिकाकर्ता 78 वर्षीय वी. कोटेश्वर राव ने 1997 में चंदेला बिल्डर से अज्ञेय नगर में एक मकान को लेकर सौदा किया था। इसके एवज में 5.30 लाख रुपए लेकिन बिल्डर केवल स्ट्रक्चर बनाकर छोड़ दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने चेक के माध्यम से 50 हजार और दिए, इसके बाद भी मकान अधूरा ही रहा। बिल्डर ने घर पूरा नहीं बनाया तो उन्होंने स्वयं 70 से 80 हजार रुपए खर्च कर मकान पूरा कराया। इसके बाद इस राशि की मांग वे बिल्डर से करते रहे लेकिन उसने हमेशा टाल दिया।
बाद में बिल्डर ने बिलासपुर स्थित कार्यालय को बंद कर रायपुर शिफ्ट हो गया। वहां पर राव पत्राचार करते रहे लेकिन बिल्डर ने पैसे नहीं लौटाए। इसके बाद उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम में 2006 में मामला दायर किया। फोरम ने 2007 में अपना फैसला दिया, इसमें 78484 रुपए दो माह के भीतर देने का आदेश दिया। साथ ही ऐसा नहीं करने पर 9 फीसदी ब्याज देने का आदेश दिया था।